देहरादून: अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन (श्राइन बोर्ड) का विरोध किया है. उन्होंने त्रिवेंद्र सरकार के फैसले को गलत बताया है. तोगड़िया के मुताबिक सरकार को मठों और मंदिरों का अधिग्रहण किसी भी सूरत में नहीं करना चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद को मजबूत करने के लिए प्रवीण तोगड़िया इन दिनों उत्तराखंड के दौरे पर हैं. तोगड़िया प्रदेश के कई जिलों में जाकर अपने कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं. इस क्रम में वह शनिवार शाम को देहरादून पहुंचे, जहां उन्होंने चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन के फैसले को गलत बताया है.
तोगड़िया ने कहा कि चारधाम देवस्थानम् कानून का विरोध होना जरूरी है. क्योंकि धर्मनिरपेक्ष सेकुलर सरकार का काम मंदिरों को चलाना नहीं होता है. आरएसएस और बीजेपी इतने सालों के कहती आ रही है कि मठ, मंदिर और तीर्थों का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए.
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तोगड़िया ने कहा कि एनडी तिवारी की सरकार में भी मंदिरों के अधिग्रहण करने का प्रयास किया गया था. तब इसी बीजेपी और आरएसएस ने इसका विरोध किया था. अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद का मानना है कि मठ मंदिरों के अधिग्रहण करने से सनातन वैदिक परंपराओं को नुकसान पहुंचेगा.
तोगड़िया ने कहा कि सरकार को विकास करने से किसी ने नहीं रोका है. सरकार विकास के नाम पर मठ और मंदिरों की संपत्तियों को हड़पने की फिराक में है. देश के सभी साधु-संत इस बात पर एकमत हैं कि मठ-मंदिरों का अधिग्रहण नहीं होना चाहिए. जिसका पता सरकार को आने वाले समय में हरिद्वार में आयोजित होने जा रहे कुंभ मेले में लगेगा.