देहरादूनः गैरसैंण स्थाई राजधानी बनाने का मसला एक बार फिर से गर्म होता दिख रहा है. गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए जाने को लेकर 14 दिन की जेल काट चुके प्रवीण काशी फिर से आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. वह इस बार चमोली स्थित गैरसैंण में नहीं बल्कि देहरादून के गांधी पार्क में आमरण अनशन पर बैठे हैं. उनका कहना है कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने पर सभी दल सियासत करते नजर आ रहे हैं.
आमरण अनशन पर बैठे प्रवीण काशी ने बताया कि गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग को लेकर 2018 में त्रिवेंद्र सरकार के समय उन्होंने गैरसैंण विधानसभा सत्र घेराव किया था. इस मामले पर उन पर मुकदमा चला. इसी के तहत 14 सितंबर को 2021 को चमोली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया और गोपेश्वर जेल में डाल दिया. जेल में उन्होंने 14 से 28 सितंबर तक आमरण अनशन किया.
इस बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने 28 सितंबर को गोपेश्वर पहुंचकर उनका अनशन तुड़वाया था और अपने घोषणा पत्र में गैरसैंण को प्रमुखता से उठाने का भरोसा दिलाया था. ऐसे में अब प्रवीण काशी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि विपक्ष के होते हुए भी सदन के भीतर नेता प्रतिपक्ष द्वारा यह मसला नहीं उठाया गया.
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उन्होंने कहा कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने को लेकर सियासत तो करते हैं लेकिन उस पर कोई अमल नहीं करता. उन्होंने कहा कि यह प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात है. इसलिए उन्हें फिर से मजबूरन आमरण अनशन पर बैठना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के पास अभी भी कुछ और दिन का समय बचा है. इसलिए वह चाहते हैं कि सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की घोषणा करे.
गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित किए जाने की मांग को लेकर प्रवीण काशी के समर्थन में उतरे अन्य संगठनों की ओर से भी गांधी पार्क में हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है. प्रवीण काशी ने इस बार सरकार को साथ चेतावनी देते हुए कहा है कि जब तक सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी नहीं बनाती, तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.