देहरादून: रविवार को पीआरडी कर्मी की 42 वर्षीय पंचम मनवाल का कोरोना से निधन हो गया. इस पर प्रांतीय रक्षक दल के संगठन ने गहरा दुख व्यक्त किया है. संगठन से जुड़े पदाधिकारियों का आरोप है कि कोरोना काल में जो पीआरडी जवान अपनी ड्यूटी दे रहे हैं. उनको प्रदेश सरकार ने ना तो फ्रंटलाइन वर्कर माना है और ना ही उनकी सुरक्षा के लिए कोई कदम उठाया है.
दरअसल पीआरडी कर्मी अपनी मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनसुना कर रही है, जिससे पीआरडी कर्मियों में काफी आक्रोश है. उनका कहना है कि प्रदेश सरकार पीआरडी जवानों को ना तो फ्रंटलाइन वर्कर मान रही है और ना ही किसी तरह की आर्थिक सहायता कर रही है. वहीं, पीआरडी कर्मी पंचम मनवाल की मौत पर पीआरडी मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि जवानों को कोरोना वॉरियर्स घोषित किए जाने की मांग को लेकर वह बहुत जल्द मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे.
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उन्होंने कहा कि अगर किसी पीआरडी जवान की मौत कोरोना ड्यूटी के दौरान होती है, तो उसके परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने के लिए वो मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे. वहीं, प्रांतीय रक्षक संगठन के जिलाध्यक्ष गंभीर रावत ने कहा कि साल 2005 में पीआरडी जवानों के हित में हुए शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रशिक्षण प्राप्त पीआरडी जवानों को ही ड्यूटी पर तैनात किया जाए. इसको लेकर संगठन, शासन-प्रशासन को कई बार प्रत्यावेदन दे चुका है, लेकिन खेद की बात है कि आज तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई.
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वहीं, जिलाध्यक्ष गंभीर रावत ने कहा कि विभागीय मंत्री अरविंद पांडे ने पीआरडी जवानों के हित में तीन बिंदु रखे थे. जिस पर आज तक शासन और निदेशालय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे प्रांतीय रक्षक दल हित संगठन में खासा आक्रोश है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में अपनी जान हथेली कर रखकर ड्यूटी करने वाले पीआरडी जवानों को कोरोना वारियर्स का दर्जा मिलने के साथ ही राज्य कर्मचारी घोषित किया जाना चाहिए.