देहरादूनः ये महीना सावन का है और इस महीने शिव और शिव के जलाभिषेक के लिए गंगा जल का महत्व हर किसी को पता है. ऐसे में भारतीय डाक विभाग की गंगा जल योजना बेहद महत्वपूर्ण साबित सकती है. वो भी तब जब मौजूदा हालातों में कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया गया है. तो चलिए जानते हैं भारतीय डाक विभाग की इस खास योजना के बारे में जो पूरे देश में कहीं भी आपको मात्र 30 रुपए में गंगा जल उपलब्ध करवाएगी.
मात्र 30 रुपए में गंगा जल
भारतीय डाक विभाग द्वारा चलाई जा रही गंगा जल योजना के तहत मात्र 30 रुपए में आपको आपके घर में गंगाजल उपलब्ध करवाया जा रहा है. यानी आप अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस से गंगाजल प्राप्त कर सकते हैं. 4 जुलाई 2016 को शुरू की गई इस योजना से अब तक पैन इंडिया स्तर पर 12 लाख बोतलों के जरिये लाखों परिवारों तक गंगाजल पहुंचाया गया है.
यहां से शुरू होता है सफर
भारतीय डाक विभाग का उत्तराखंड सर्कल अकेले इस योजना के जरिए पूरे देश में गंगा जल पहुंचाता है. जिसके लिए भारतीय डाक विभाग ने मां गंगा के उद्गम स्थल गंगोत्री (उत्तरकाशी) में अपना एक कलेक्शन सेंटर बनाया हुआ है. गंगोत्री में मौजूद डाक विभाग के कलेक्शन सेंटर पर नदी से गंगाजल को कलेक्ट किया जाता है और उसके बाद गंगाजल को साफ किया जाता है. साफ-सफाई के साथ इस गंगाजल को बोतलों में पैक कर इसे देहरादून प्रदेश मुख्यालय पर बड़े बड़े बॉक्स में रखा जाता है और यहां से देश के अलग-अलग हिस्सों में पैनइंडिया स्तर पर बेचा जाता है.
ऐसा रहा शुरुआती चरण
डाक विभाग की ये गंगा जल योजना 10 जुलाई 2016 से गंगाजल कलेक्शन और सप्लाई के साथ शुरू की गई. इसके बाद शुरू में गंगोत्री और ऋषिकेश में 2 कलेक्शन सेंटर बनाए गए. जहां से 200 मिलीलीटर और 500 मिलीलीटर की दो तरह की बोतलों में गंगाजल भरा जाता था और इसे देश के सभी 22 डाक मंडलों में भेजा जाता था. लेकिन 31 दिसंबर 2019 को इस योजना में संशोधन किया गया और केवल गंगोत्री एक कलेक्शन सेंटर रखा गया. साथ ही बोतलों के साइज को भी बदल कर केवल 250 मिलीलीटर की एक बोतल में रखना शुरू हुआ.
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योजना के शुरुआती चरण में 10 जुलाई से 31 दिसंबर 2019 तक कितना गंगाजल वितरण हुआ-
ऋषिकेश कलेक्शन सेंटर से 2,03516 बोतलों (200 ml) का वितरण हुआ. जबकि 500 ml में 40703.2 लीटर के साथ 2,47730 बोतलों का वितरण किया गया. वहीं, गंगोत्री कलेक्शन सेंटर से 200 ml में 123865 लीटर के साथ 8,7916 बोतल वितरित हुई. जबकि 500 ml में 17583.2 लीटर के साथ 8,6448 बोतलों का वितरण किया गया.
उत्तराखंड परिमंडल में डाक सेवाओं के निदेशक सुनील कुमार राय बताते हैं कि गंगाजल हिंदू धर्म में आस्था का एक प्रमुख हिस्सा है. पवित्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसकी एक बूंद ही शुद्धता के लिए काफी है. ऐसे में डाक विभाग द्वारा कोशिश की गई कि ज्यादा मात्रा में नहीं बल्कि ज्यादा संख्या में लोगों तक गंगाजल पहुंचाया जाए. जिसके लिए 1 जनवरी 2019 से 250ml की बोतलों में सप्लाई करना और ले जाना बेहद आसान हुआ है.
उत्तराखंड डाक परिमंडल को मिला गंगा जल पूर्ति करने का गौरव
डाक विभाग के उत्तराखंड परिमंडल के लिए ये गर्व की बात है कि देशभर में मौजूद डाक विभाग के 23 सर्कल में केवल उत्तराखंड सर्कल से इस योजना का संचालन होता है और 22 सर्कल ऐसे हैं जो कि इस योजना का फायदा उठाते हैं. क्योंकि देवभूमि उत्तराखंड मां गंगा की जननी है और इसी के नाते उत्तराखंड डाक परिमंडल को ये सौभाग्य प्राप्त हुआ है. सुनील कुमार राय का कहना है कि वे सौभाग्यशाली हैं कि वह देवभूमि उत्तराखंड में कार्यरत हैं और मां गंगा की इस पावन धरती पर वह पूरे देश में गंगा जल वितरित करने में अपनी भूमिका निभा रहे हैं.
एक साल में 5 लाख से ज्यादा परिवारों तक पहुंचा गंगा जल
आइए जानते हैं कि देश के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद सभी सर्कलों में अब तक इस योजना के माध्यम से कितना लाभ पहुंचा? पूरे देश में पैन इंडिया स्तर पर 23 सर्कल मौजूद हैं. जिनमें पिछले एक साल में कुछ इस तरह से गंगाजल पहुंचाया गया.
- आंध्र प्रदेश - 6912 बोतल
- आसाम - 6768 बोतल
- बिहार सर्कल - 54192 बोतल
- छत्तीसगढ़ - 45120 बोतल
- गुजरात - 33312 बोतल
- हरियाणा - 24240 बोतल
- हिमाचल प्रदेश - 18960 बोतल
- जम्मू एंड कश्मीर - 3840 बोतल
- झारखंड सर्कल - 23280 बोतल
- कर्नाटक - 11520 बोतल
- केरला - 8160 बोतल
- मध्य प्रदेश- 41712 बोतल
- महाराष्ट्र - 10272 बोतल
- नई दिल्ली सर्कल - 26640 बोतल
- नॉर्थ ईस्ट सर्कल - 4080 बोतल
- उड़ीसा सर्कल - 46080 बोतल
- पंजाब - 5280 बोतल
- राजस्थान - 19200 बोतल
- तमिलनाडु - 48480 बोतल
- तेलंगाना - 4320 बोतल
- उत्तर प्रदेश सर्कल- 56880 बोतल
- वेस्ट बंगाल - 41280 बोतल
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तो इस तरह से डाक विभाग 1 जनवरी 2019 से अब तक तकरीबन 5.5 लाख गंगाजल की बोतलों में लगभग 1 लाख 36 हजार 677.50 लीटर गंगाजल पूरे देश में पैन इंडिया स्तर पर वितरित कर चुका है.
सावन में बढ़ जाती है डिमांड
सावन में शिव की पूजा और शिव के जलाभिषेक के लिए गंगा जल का विशेष महत्व है. सुनील कुमार राय ने बताया कि हर साल सावन आते ही गंगा जल सप्लाई का प्रेशर बढ़ जाता है. उन्होंने बताया कि साल भर में केवल 4 महीने ऐसे होते हैं, जब गंगाजल कलेक्शन का काम किया जाता है और सावन आते ही इसकी डिमांड बढ़ जाती है. इस बार भी एक लाख बोतल पहले ही देश के अलग-अलग सर्कलों में भेजी जा चुकी है. जितनी भी डिमांड आएगी, उसको पूरा किया जाएगा.
कावड़ यात्रा रद्द होने से डिमांड बढ़ी
मौजूदा समय में चल रहे कोविड-19 कोरोना वायरस का असर कांवड़ यात्रा पर देखने को मिला है. जिसके चलते सभी प्रदेशों ने मिलकर कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है. कांवड़ यात्रा में खासतौर से कांवड़िए गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार आते हैं और गंगा जल लेकर लौटते हैं. लेकिन इस बार कांवड़ यात्रा न होने से डाक विभाग की गंगा जल योजना शिव भक्तों के लिए वरदान से कम नहीं. यही कारण है कि डाक विभाग इस बार और अधिक जोश के साथ इस योजना को अंजाम देने में लगा है.