देहरादूनः उत्तराखंड महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग को महिला कल्याण कोष के लिए आबकारी विभाग ने 8 करोड़ रुपए दिए हैं. ऐसे में इसके बेहतर प्रबंधन को लेकर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. इस बैठक में न सिर्फ महिलाओं के सशक्तिकरण, स्वरोजगार और सुरक्षा को लेकर चर्चा किया गया, बल्कि किसी आपदा या फिर सड़क दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए भी निर्णय लिया गया. इसके अलावा नंदा गौरा योजना के आवेदन में आ रही दिक्कतों को दूर करने को लेकर भी जरूरी दिशा निर्देश दिए गए.
दरअसल, नंदा गौरा योजना के तहत लोगों को ऑनलाइन आवेदन करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने को लेकर बैठक में चर्चा किया गया. जिसमें निर्णय लिया गया कि 22 अक्टूबर को शुरू हुई इस प्रक्रिया के 6 महीने पहले जन्म लेने वाली बच्चियों का आवेदन ऑफलाइन माध्यम से ही किया जाएगा. इसके साथ ही ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने के पहले 6 महीने के भीतर पैदा हुए बच्चियों के लिए ऑनलाइन माध्यम से आवेदन किया जाएगा.
![Cabinet Minister Rekha Arya](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/25-10-2023/uk-deh-01-meeting-vis-7211404_25102023142314_2510f_1698223994_3.jpg)
नंदा गौरा योजना में यह प्रावधान है कि 6 महीने के भीतर भी इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन करना होता है, लेकिन 22 अक्टूबर से ऑनलाइन प्रक्रिया करने के बाद 6 महीने पहले जन्मी बच्चियों का आवेदन नहीं हो पा रहा था. इसके साथ ही महिला कल्याण कोष के लिए आबकारी विभाग से 8 करोड़ रुपए मिले हैं.
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ऐसे में निर्णय लिया गया है कि इस धनराशि का इस्तेमाल महिलाओं के सशक्तिकरण, महिलाओं के स्वरोजगार, महिलाओं की सुरक्षा के साथ ही ऐसे बच्चे जो आपदा या फिर सड़क दुर्घटना के चलते अनाथ हो जाते हैं, उनको लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में इस तरह के अनाथ बच्चों को सशक्त करने में भी इस धनराशि का इस्तेमाल किया जाएगा. लिहाजा, इस धनराशि के बेहतर इस्तेमाल के लिए विभाग एक नियमावली तैयार कर रहा है. जिसके लिए 15 नवंबर तक का समय दिया गया है.
इसके साथ ही इस नियमावली में पहाड़ी जिलों की वो महिलाएं जिनको प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ नहीं मिल पाया है, उसको भी इसके जरिए लाभ दिया जाएगा. इसके लिए निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के सिर्फ 9 पर्वतीय जिलों में रहने वाली आर्थिक रूप से कमजोर महिला को घर बनाने के लिए सहायता दिया जाएगा. लिहाजा, आबकारी विभाग से मिले धनराशि के बेहतर इस्तेमाल को लेकर तैयार की जा रही नियमावली में इन तमाम बिंदुओं को शामिल किया जाएगा.
मंत्री ले रही थीं बैठक, ऑनलाइन जुड़े अधिकारी हो गए 'अदृश्य': कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य की अध्यक्षता में चल रही महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की बैठक में सभी जिलों के जिला कार्यक्रम अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े थे, लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अधिकारी वीडियो ऑफ करके जुड़े हुए थे. जिस पर मंत्री रेखा आर्य ने अपनी नाराजगी जताई. उन्होंने वीडियो ऑफ करने वाले सभी अधिकारियों से न सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा, बल्कि अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की रवैये को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.