देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज में खराब स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने एक बार फिर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इसी के चलते शुक्रवार को मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. केके टम्टा का घेराव किया. साथ ही लोगों ने अस्पताल की अनियमितताओं पर अंकुश लगाने की मांग की.
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना है कि उत्तराखंड गठन को 18 साल हो चुके हैं, लेकिन उत्तराखंड के लोग स्वास्थ्य सेवाओं जैसे बुनियादी अधिकार से आज भी वंचित हैं. कार्यकर्ताओं का मानना है कि दून अस्पताल में संवेदनाएं दम तोड़ चुकी हैं.
उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के महासचिव सुशील कुमार ने बताया कि कुछ समय पहले दून अस्पताल प्रशासन ने 4 साल की दुष्कर्म पीड़िता का इलाज करने से साफ मना कर दिया था. प्रशासन का कहना था जबतक पुलिस कार्रवाई नहीं होती है तब तक वह इस पीड़ित बच्ची का इलाज नहीं करेंगे, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दून अस्पताल लंबे समय से डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है.
सुशील कुमार ने बाताया कि इससे पहले भी दून मेडिकल कॉलेज में अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. जिसमें अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. उनका कहना है कि दून अस्पताल को जिला अस्पताल ही रहने दिया होता तो बेहतर होता.