ETV Bharat / state

पिथौरागढ़ उपचुनाव में चंद्रा पंत की जीत BJP के लिए बनी संजीवनी, विपक्षियों के मुंह पर लगा ताला - Congress spokesperson Dr. RP Raturi

भले ही पिथौरागढ़ उपचुनाव के नतीजों के बाद आरोप-प्रत्यारोप की सियासत हो रही हो लेकिन चंद्रा पंत की जीत ने बीजेपी के लिए संजीवनी का काम किया है.

Politics of Uttarakhand
Politics of Uttarakhand
author img

By

Published : Dec 2, 2019, 12:10 PM IST

देहरादून: पिथौरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में चंद्रा पंत की जीत ने बीजेपी के लिए संजीवनी का काम किया है तो वहीं कांग्रेस जीत के मार्जिन को लेकर अभी भी सरकार की घेराबंदी करने में जुटी है. साल 2022 से पहले उत्तराखंड में कोई भी मुख्य धारा के चुनाव नहीं होने हैं और साल 2017 से अभी तक हुए प्रदेश के सभी चुनावी नतीजों से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मजबूत हुए हैं. शायद यही वजह है कि नेतृत्व परिवर्तन का राग अलापने वालों को अब शांत रहना पड़ रहा है.

एक ओर जहां विपक्षी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बदलने की चर्चाएं जोरों पर हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के संगठनात्मक और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के खाली पड़े पदों पर होने वाले चुनाव को छोड़ दें, तो उत्तराखंड में फिलहाल मुख्य धारा के चुनाव करीब-करीब खत्म हो चुके हैं. हाल ही में हुए पिथौरागढ़ उपचुनाव तक पार्टी के ही खेमे के नेताओं द्वारा तमाम कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य में नवंबर महीने तक सत्ता परिवर्तन हो जाएगा.

नवम्बर माह बीत चुका है, बावजूद इसके नेतृत्व परिवर्तन का ख्वाब देखने वालों के सपने साकार नहीं हो पाए हैं. इन तमाम शुभचिंतकों के द्वारा सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म का भी इसके लिए जमकर उपयोग किया गया. इस गंभीर मसले को लेकर जहां सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार भी खूब गर्म रहा. तो वहीं उपचुनाव के परिणाम आने के बाद इसका नतीजा ये रहा कि विरोधियों के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फिर गया.

चंद्रा पंत की जीत BJP के लिए बनी संजीवनी.

ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कार्यकाल इस बात को बयां कर रहा है. बीजेपी सरकार के नेतृत्व परिवर्तन के मामले पर विपक्षी पार्टी भी जमकर चुटकी ले रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आर पी रतूड़ी की मानें तो जिन दावों और वादों को लेकर उत्तराखंड में बीजेपी ने सरकार बनाई थी. उन सभी विकास के कार्यों को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है और प्रदेश की जनता की सरकार को कोई फिक्र नहीं है.

पढ़ें- बदल रही देहरादून रेलवे स्टेशन की तस्वीर, तय समय से पहले काम पूरा होने की उम्मीद

सत्ताधारी पार्टी के नेता इस बात से कोई इत्तेफाक नहीं रखते हैं. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने बताया कि प्रदेश में विकास हो रहा है. इसको लेकर पार्टी पदाधिकारी खासे आश्वस्त नजर रहे हैं. ऐसे में विपक्ष के आरोप निराधार और बेबुनियाद ही साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं. भसीन ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में ही बीजेपी ने एक नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक के पंचायत, निकाय और उपचुनाव में जीत का परचम लहराया है. यह सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में ही संभव हो पाया है.

देहरादून: पिथौरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में चंद्रा पंत की जीत ने बीजेपी के लिए संजीवनी का काम किया है तो वहीं कांग्रेस जीत के मार्जिन को लेकर अभी भी सरकार की घेराबंदी करने में जुटी है. साल 2022 से पहले उत्तराखंड में कोई भी मुख्य धारा के चुनाव नहीं होने हैं और साल 2017 से अभी तक हुए प्रदेश के सभी चुनावी नतीजों से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मजबूत हुए हैं. शायद यही वजह है कि नेतृत्व परिवर्तन का राग अलापने वालों को अब शांत रहना पड़ रहा है.

एक ओर जहां विपक्षी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बदलने की चर्चाएं जोरों पर हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के संगठनात्मक और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के खाली पड़े पदों पर होने वाले चुनाव को छोड़ दें, तो उत्तराखंड में फिलहाल मुख्य धारा के चुनाव करीब-करीब खत्म हो चुके हैं. हाल ही में हुए पिथौरागढ़ उपचुनाव तक पार्टी के ही खेमे के नेताओं द्वारा तमाम कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य में नवंबर महीने तक सत्ता परिवर्तन हो जाएगा.

नवम्बर माह बीत चुका है, बावजूद इसके नेतृत्व परिवर्तन का ख्वाब देखने वालों के सपने साकार नहीं हो पाए हैं. इन तमाम शुभचिंतकों के द्वारा सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म का भी इसके लिए जमकर उपयोग किया गया. इस गंभीर मसले को लेकर जहां सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार भी खूब गर्म रहा. तो वहीं उपचुनाव के परिणाम आने के बाद इसका नतीजा ये रहा कि विरोधियों के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फिर गया.

चंद्रा पंत की जीत BJP के लिए बनी संजीवनी.

ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कार्यकाल इस बात को बयां कर रहा है. बीजेपी सरकार के नेतृत्व परिवर्तन के मामले पर विपक्षी पार्टी भी जमकर चुटकी ले रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आर पी रतूड़ी की मानें तो जिन दावों और वादों को लेकर उत्तराखंड में बीजेपी ने सरकार बनाई थी. उन सभी विकास के कार्यों को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है और प्रदेश की जनता की सरकार को कोई फिक्र नहीं है.

पढ़ें- बदल रही देहरादून रेलवे स्टेशन की तस्वीर, तय समय से पहले काम पूरा होने की उम्मीद

सत्ताधारी पार्टी के नेता इस बात से कोई इत्तेफाक नहीं रखते हैं. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने बताया कि प्रदेश में विकास हो रहा है. इसको लेकर पार्टी पदाधिकारी खासे आश्वस्त नजर रहे हैं. ऐसे में विपक्ष के आरोप निराधार और बेबुनियाद ही साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं. भसीन ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में ही बीजेपी ने एक नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक के पंचायत, निकाय और उपचुनाव में जीत का परचम लहराया है. यह सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में ही संभव हो पाया है.

Intro:नोट - फीड ftp से भेजी गई है.....
uk_deh_02_politics_continues_vis_7205803

भले ही पिथौरागढ़ उपचुनाव के बाद जहा चुनावी नतीजों पर पक्ष विपक्ष के आरोप प्रत्यारोप की सियासत, राज्य में अभी भी चर्चाओ का विषय बना हुआ हो, लेकिन इस चुनावी जीत ने बीजेपी के लिए एक बड़ी संजीवनी का काम किया है, इससे इंकार नहीं किया जा सकता। तो वही कांग्रेस जीत के मार्जिन को लेकर अभी भी सरकार की घेराबंदी करने में जुटी है। दरअसल साल 2022 से पहले उत्तराखंड में कोई भी मुख्य धारा के चुनाव नही होने है। और साल 2017 से अभी तक हुए प्रदेश के सभी चुनावी नतीजो से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और मजबूत हुए हैं। शायद यही वजह है कि नेतृत्व परिवर्तन का राग अलापने वाले की अब शांत रहने की मजबूरी बन गयी है। आखिर क्या हैं यह मामला, देखिये ईटीवी भारत की इस रिपोर्ट में....... 


Body:एक और जहा विपक्षी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बदलने की चर्चाये जोरो पर है तो वही दूसरी और प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के संगठनात्मक और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के खाली पड़े पदों पर होने वाले चुनाव को छोड़ दे, तो उत्तराखंड में फिलहाल मुख्य धारा के चुनाव करीब-करीब खत्म हो चुके हैं। हाल ही में हुए पिथौरागढ़ उपचुनाव तक पार्टी के ही एक खेमे के नेताओं द्वारा तमाम कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य में नवंबर महीने तक सत्ता परिवर्तन हो जाएगा। लेकिन नवम्बर माह बीत चुका है, बावजूद इसके नेतृत्व परिवर्तन का ख्वाब देखने वाले विभीषणों के सपने साकार नही हो पाए हैं। यही नही बल्कि इन तमाम शुभ चिंतको द्वारा सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म का भी इसके लिए जमकर उपयोग किया गया। इस गंभीर मसले को लेकर जहा सियासी गलिहारो में चर्चाओं का बाजार भी खूब गर्म रहा। तो वही उपचुनाव के परिणाम आने के साथ ही इसका नतीजा ये रहा कि विरोधियों के मंसूबो पर पूरी तरह से पानी फिर गया। और मुखिया के तमाम शुभ चिंतक फिलहाल बौखलाहट में एक बार फिर से नई रणनीति बनाने की कवायद मे जुटने लगे हैं।


विपक्षी पार्टी के नेता ही नहीं बल्कि अपनी ही पार्टी के कई नेता, सोशल मिडिया के माध्यम से प्रदेश के नेतृत्व परिवर्तन का काफी माहौल बनाया, हालांकि समय समय पर प्रदेश नेतृत्व ने निकाय चुनाव से पहले थराली विधानसभा के उपचुनाव पर बाजी मारी, इसके बाद निकाय चुनाव में बीजेपी ने जीत का परचम लहराया। इसके कुछ समय बाद ही संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भी बीजेपी ने बेहतर प्रदर्शन किया। उसके बाद हाल ही में पिथौरागढ़ विधानसभा में संपन्न हुए उपचुनाव ने मुखिया के तमाम विभीषणों के मुंह बंद कर दिए है। या यू कहे कि तमाम चुनावों को जीतने की चुनौतियों को पार करना मुखिया की ओर से इन सभी विरोधियों के मुंह पर एक करारा तमाचा है।


ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का प्रदेश के मुखिया के रूप में कार्यकाल इस बात को व्या कर रहा है। बीजेपी सरकार के नेतृत्व परिवर्तन के मामले पर विपक्षी पार्टी भी जमकर चुटकी ले रही हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ आर पी रतूड़ी की माने तो जिन दावों और वादों को लेकर उत्तराखंड में बीजेपी ने सरकार बनाई थी। उन सभी विकास के कार्यों को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है। साथ ही कांग्रेस ने आरोप लगाए कि प्रदेश की जनता की सरकार को कोई फिक्र नहीं है। 

बाइट - डॉ आर पी रतूड़ी, प्रदेश प्रवक्ता कांग्रेस  

जबकि सत्ताधारी पार्टी के नेता इस बात से कोई इत्तेफाक नहीं रखते हैं, बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र भसीन ने बताया कि प्रदेश में विकास हो रहा है। और विकास आगे भी तेज रफ्तार से होगा। और इसको लेकर पार्टी पदाधिकारी खासे आश्वस्त नजर रहे हैं। ऐसे में विपक्ष के आरोप निराधार और बेबुनियाद ही साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं। साथ ही बताया कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में ही बीजेपी ने एक नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक के पंचायत, निकाय और उपचुनाव में जीत का परचम लहराया है। यह सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में ही संभव हो पाया है।

बाइट - डॉ देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रभारी, बीजेपी






Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.