देहरादून: पिथौरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में चंद्रा पंत की जीत ने बीजेपी के लिए संजीवनी का काम किया है तो वहीं कांग्रेस जीत के मार्जिन को लेकर अभी भी सरकार की घेराबंदी करने में जुटी है. साल 2022 से पहले उत्तराखंड में कोई भी मुख्य धारा के चुनाव नहीं होने हैं और साल 2017 से अभी तक हुए प्रदेश के सभी चुनावी नतीजों से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मजबूत हुए हैं. शायद यही वजह है कि नेतृत्व परिवर्तन का राग अलापने वालों को अब शांत रहना पड़ रहा है.
एक ओर जहां विपक्षी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के बदलने की चर्चाएं जोरों पर हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के संगठनात्मक और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के खाली पड़े पदों पर होने वाले चुनाव को छोड़ दें, तो उत्तराखंड में फिलहाल मुख्य धारा के चुनाव करीब-करीब खत्म हो चुके हैं. हाल ही में हुए पिथौरागढ़ उपचुनाव तक पार्टी के ही खेमे के नेताओं द्वारा तमाम कयास लगाए जा रहे थे कि राज्य में नवंबर महीने तक सत्ता परिवर्तन हो जाएगा.
नवम्बर माह बीत चुका है, बावजूद इसके नेतृत्व परिवर्तन का ख्वाब देखने वालों के सपने साकार नहीं हो पाए हैं. इन तमाम शुभचिंतकों के द्वारा सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म का भी इसके लिए जमकर उपयोग किया गया. इस गंभीर मसले को लेकर जहां सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार भी खूब गर्म रहा. तो वहीं उपचुनाव के परिणाम आने के बाद इसका नतीजा ये रहा कि विरोधियों के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फिर गया.
ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कार्यकाल इस बात को बयां कर रहा है. बीजेपी सरकार के नेतृत्व परिवर्तन के मामले पर विपक्षी पार्टी भी जमकर चुटकी ले रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. आर पी रतूड़ी की मानें तो जिन दावों और वादों को लेकर उत्तराखंड में बीजेपी ने सरकार बनाई थी. उन सभी विकास के कार्यों को लेकर भाजपा सरकार पूरी तरह से फेल साबित हो रही है और प्रदेश की जनता की सरकार को कोई फिक्र नहीं है.
पढ़ें- बदल रही देहरादून रेलवे स्टेशन की तस्वीर, तय समय से पहले काम पूरा होने की उम्मीद
सत्ताधारी पार्टी के नेता इस बात से कोई इत्तेफाक नहीं रखते हैं. बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ. देवेंद्र भसीन ने बताया कि प्रदेश में विकास हो रहा है. इसको लेकर पार्टी पदाधिकारी खासे आश्वस्त नजर रहे हैं. ऐसे में विपक्ष के आरोप निराधार और बेबुनियाद ही साबित होते हुए दिखाई दे रहे हैं. भसीन ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में ही बीजेपी ने एक नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहरी क्षेत्रों तक के पंचायत, निकाय और उपचुनाव में जीत का परचम लहराया है. यह सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में ही संभव हो पाया है.