देहरादून: उत्तराखंड बीजेपी और कांग्रेस में पिछले तीन दिनों से चल रहे हंगामे को देखकर हर कोई हैरान है. तीन दिन पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पार्टी से नाराज होकर अपना दर्द और अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जताकर सुर्खियों में आ गए थे. इस पूरे मामले पर बीजेपी खूब चुटकी ले रही थी. लेकिन कहते हैं समय एक सा नहीं रहता. कल तक जो बीजेपी कांग्रेस पर हरीश रावत के बहाने हमलावर हो रही थी एक ही रात में हरीश रावत का विवाद छूमंतर हो गया. अब बीजेपी के खेमे में हरक सिंह रावत ने हलचल पैदा कर दी. अब कांग्रेस इस पूरे घटनाक्रम पर बीजेपी की चुटकी ले रही है.
दो रावतों की नाराजगी: बीते तीन दिन दो रावतों के गुस्से, उनकी नाराजगी और पार्टी की हलचल के लिए जाने जाएंगे. हरक सिंह रावत और हरीश रावत ने दोनों ही पार्टियों को टेंशन में डाल के रखा है. हरीश रावत भले ही यह बात कह रहे हों कि मीटिंग के बाद सब कुछ ऑल इज वेल है, लेकिन समझ में यह नहीं आता कि हरीश रावत तो पहले भी चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष थे और अब भी अध्यक्ष हैं, जो हरीश रावत चाहते थे, वैसा अभी कुछ भी नहीं हुआ है लेकिन राहुल गांधी से मिलने के बाद देवेंद्र यादव को हल्का हाथ रखने के लिए कहा है.
ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस में फिर से कुछ ना कुछ हलचल पैदा जरूर होगी. क्योंकि कांग्रेस पार्टी में प्रीतम सिंह, किशोर उपाध्याय, रंजीत रावत और देवेंद्र यादव यह तमाम वह नेता हैं, जो उत्तराखंड में इस समय कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं. ऐसे में कोई यह नहीं चाहेगा कि हरीश रावत अपना गुणगान जनता के बीच करें या उनका चेहरा जनता के बीच मुख्यमंत्री के तौर पर जाना जाए.
राजनीतिक के जानकार मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, कांग्रेस पार्टी में फिर से हलचल पैदा हो सकती है. राहुल गांधी की मीटिंग के बाद जो हुआ उसे दबाने की कोशिश की जा रही है. उसमें पार्टी कितना कामयाब होगी यह जनवरी महीने में तय हो जाएगा. बहरहाल, कांग्रेस की इस उठापटक के बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर तमाम मंत्री और मुख्यमंत्री खूब मजे ले रहे थे लेकिन हरक सिंह रावत ने उनके मजे में खलल डालने का काम किया है.
हरक ने बढ़ाई मुश्किलें: कैबिनेट बैठक में गुस्सा होकर निकले हरक सिंह रावत ने पार्टी के तमाम छोटे-बड़े नेताओं को रातभर टेंशन में रखा. सुबह होते-होते बीजेपी में हुई इस हलचल पर कांग्रेस के बड़े नेता मंदमंद मुस्कुरा रहे हैं और पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं. कांग्रेस के कुछ नेताओं को यह लगता है कि हरक सिंह रावत नाराज होकर अगर कांग्रेस को मजबूत करना चाहते हैं, तो बीजेपी के लिए आने वाले चुनाव में मुसीबत पैदा हो सकती है. हालांकि, कांग्रेस का अभी कोई भी नेता हरक सिंह रावत को लेकर या कांग्रेस में उन्हें मिलाने को लेकर कोई भी बयानबाजी नहीं कर रहा है.
ईटीवी भारत से बोले हरक: कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि उन्हें बेहद ज्यादा दुःख है कि उनकी जनता को लेकर की गई मांग को इतने लंबे समय बाद भी पूरा नहीं किया गया. उधर, कैबिनेट की बैठक में मेडिकल कॉलेज के लिए 5 करोड़ की रकम की व्यवस्था करने पर उनकी नाराजगी और भी ज्यादा बढ़ गई है. उन्होंने अपनी नाराजगी दूर होने की खबर का भी खंडन कर दिया है.
जब हरक ने रातों-रात गिराई थी सरकार: बता दें, यह वही हरक सिंह रावत हैं, जो हरीश रावत सरकार में रहते हुए रातोंरात कई विधायकों को लेकर विधानसभा से बाहर आकर सरकार को गिरा गए थे. बीजेपी में भी कैबिनेट बैठक छोड़कर पूरी बीजेपी को टेंशन में डाल दिया है. बावजूद इसके हरक दोनों ही पार्टियों के लिए बेहद जरूरी हैं.
सरकार पांच करोड़ रुपए देने पर कर रही पुनर्विचार: हरक की नाराजगी और इस्तीफे की खबर से घबराई सरकार ने आनन-फानन में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पांच करोड़ रुपए देने पर पुनर्विचार करने की बात कह दी. खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया के सामने आकर ये बात कही. हालांकि सीएम धामी से जब ये पूछा गया कि क्या हरक सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है तो वो इसका जवाब टालते रहे. उन्होंने इतना ही कहा कि घर की बात है, आपस की बात है सुलझा ली जाएगी.