देहरादूनः उत्तराखंड उद्यान विभाग में हुए घोटालों को लेकर हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश को जारी रखा है. इससे पहले हाईकोर्ट ने घोटाले पर सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. जिसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को यथावत रखा और राज्य सरकार को फटकार लगाई.
ये है मामला: उद्यान विभाग में नर्सरी के नाम पर बड़े स्तर का घोटाला हुआ. महंगे दामों पर बीज खरीद के मामले भी सामने आए. जिसको लेकर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई. इस पर हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान घोटाले में भाजपा विधायक के भाई का नाम भी सामने आया.
वहीं, हाईकोर्ट में जिस दौरान सुनवाई चल रही थी, उस दौरान सरकार द्वारा उद्यान निदेशक हरविंदर सिंह बवेजा को सस्पेंड कर दिया गया. साथ ही सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन भी किया. लेकिन हाईकोर्ट सरकार के निर्णय से असंतुष्ट नजर आया. हाईकोर्ट ने घोटाले को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए. जिसके बाद सरकार हाईकोर्ट के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार को झटका देते हुए सीबीआई जांच के आदेश यथावत रखे.
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कांग्रेस ने की मंत्री के इस्तीफे की मांग: ऐसे में उत्तराखंड कांग्रेस, धामी सरकार पर हमलावर हो गई है और उद्यान मंत्री गणेश का इस्तीफा मांगने के साथ सरकार से सवाल पूछ रही है कि आखिरकार सरकार क्यों सुप्रीम कोर्ट गई? पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इस मामले में सरकार बड़े 'मगरमच्छ' को बचाने की कोशिश कर रही है.
दोषी पर होगी सख्त कार्रवाई: वहीं उद्यान विभाग में हुए घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट से झटका खाने के बाद उद्यान मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि सरकार को एसआईटी जांच पर भरोसा था. इसलिए सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची. लेकिन सुप्रीम के निर्देश पर सीबीआई जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
SC के फैसले से भाजपा संतुष्ट: वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी सरकार के सुप्रीम कोर्ट में जाने के निर्णय से सहमत नजर आए. हालांकि, उन्होंने 'कांग्रेस द्वारा सीबीआई जांच का स्वागत करने पर' कांग्रेस पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस कभी सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं होती तो कभी सीबीआई जांच के पक्ष में नजर आती है. कांग्रेस पहले स्पष्ट करे कि सीबीआई पर शंका क्यों रहती है?
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दीपक करगेती ने उजागर किया घोटाला: बता दें कि इस पूरे प्रकरण को याचिकाकर्ता दीपक करगेती ने खोला था. सरकार ने मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए. लेकन जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद दीपक ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की. हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के निर्देश दिए. सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई. सुप्रीम कोर्ट ने मामले को यथावत रखते हुए सीबीआई जांच के निर्देश जारी रखे. इस पर दीपक ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया.
उद्यान विभाग में हुए घोटाले की सीबीआई जांच को लेकर माना जा रहा है कि कई अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. आशंका जताई जा रही है कि कई सफेद पोश नेता भी सीबीआई जांच के भंवर में फंसने वाले हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में सीबीआई इस पूरे प्रकरण को क्या अंजाम देती है और मामले में कौन दोषी पाया जाता है.