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महाकुंभ व्यवस्थाओं को लेकर गरमाई राजनीति, सड़क से सदन तक हल्ला बोल की तैयारी में विपक्ष

हरिद्वार महाकुंभ की तैयारियों को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब महाकुंभ का समय पहले से ही निर्धारित है तो राज्य सरकार ने महाकुंभ से जुड़ी व्यवस्थाओं को पहले मुकम्मल क्यों नहीं किया?

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महाकुंभ व्यवस्थाओं को लेकर गरमाई राजनीति
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Published : Dec 31, 2020, 7:07 PM IST

Updated : Dec 31, 2020, 8:47 PM IST

देहरादून: आगामी महाकुंभ का नोटिफिकेशन जारी होने में करीब 2 महीने का ही समय बचा है. ऐसे में राज्य सरकार महाकुंभ से जुड़ी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करने में जुटी है. वहीं, विपक्ष महाकुंभ को लेकर की जा रही तैयारियों को नाकाफी बताकर राज्य सरकार को घेरने में लगा है. कांग्रेस महाकुंभ की अव्यवस्थाओं को लेकर सड़क से सदन तक हल्ला बोल की बात भी कह रही है. जिससे साफतौर पर कहा जा सकता है कि महाकुंभ की तैयारियों को लेकर अब प्रदेश में राजनीति गरमा गई है.

महाकुंभ व्यवस्थाओं को लेकर गरमाई राजनीति

दोहरी स्थिति में सरकार

महाकुंभ को लेकर मौजूदा स्थिति यह है कि राज्य सरकार दोहरी चुनौती से गुजर रही है. पहली चुनौती सरकार के सामने महाकुंभ की सभी व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की हैं. वहीं, दूसरी चुनौती महाकुंभ में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की चिंता है.

ये भी पढ़ें: अलविदा 2020: जानें इस वर्ष उत्तराखंड की क्या रही उपलब्धियां ?

फरवरी अंत तक जारी होगी नोटिफिकेशन

महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर राज्य सरकार पहले ही यह निर्णय ले चुकी है कि 31 जनवरी तक महाकुंभ से जुड़े सभी स्थाई और अस्थाई कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा. इन व्यवस्थाओं के मुकम्मल होने के बाद फरवरी अंत तक महाकुंभ से जुड़े नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे. फरवरी अंत तक नोटिफिकेशन जारी करने की मुख्य वजह यही है कि तत्कालिक, कोरोना की स्थिति को देखते हुए महाकुंभ का स्वरूप तय किया जाएगा.

पढ़ें: 2022 चुनावी दंगल: प्रदेश में AAP ने झोंकी ताकत, जोर आजमाइश के लिए तैयार

सभी पहलुओं को परख रही सरकार

ऐसे में अब राज्य सरकार महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने को लेकर तमाम पहलुओं को जांच परख रही है, ताकि महाकुंभ ना सिर्फ दिव्य और भव्य हो बल्कि पूरी तरह से सुरक्षित भी हो.

पढ़ें-उत्तराखंडः 31 जनवरी तक बढ़ाई गई अनलॉक गाइडलाइन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला

हमलावर हुआ विपक्ष

जितनी तेजी से राज्य सरकार महाकुंभ की तैयारियों में जुटी है उतनी ही तेजी से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब महाकुंभ का समय पहले से ही निर्धारित है तो राज्य सरकार ने महाकुंभ से जुड़ी व्यवस्थाओं को पहले मुकम्मल क्यों नहीं किया?

राज्य में चल रही है कॉपी पेस्ट की सरकार
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के मौजूदा मुखिया कॉपी पेस्ट की सरकार चला रहे हैं. राज्य के मुखिया का खुद कोई विजन नहीं है. वे अन्य राज्य मे जैसा होता है उसी का अनुसरण करते हैं. यही कारण है कि प्रदेश आज पीछे चल रहा है. इसी क्रम में आगामी होने वाला महाकुंभ को भी प्रयागराज में हुए अर्ध कुंभ की तर्ज पर करने की बात की जा रही है.

ये भी पढ़ें: राम मंदिर निर्माण: विहिप के धन संग्रह अभियान का उमा भारती ने किया समर्थन


महाकुंभ में प्रयागराज के लिहाज से आधी व्यवस्था भी नहीं

प्रकाश जोशी ने कहा महाकुंभ की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने में राज्य सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है. प्रकाश जोशी ने बताया कि प्रयागराज में हुए अर्ध कुंभ को लेकर जो व्यवस्थाएं की गई थी, उन व्यवस्थाओं की आधी व्यवस्था भी इस महाकुंभ में नहीं की गई है. इसी बीच महाकुंभ के दौरान व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए हो रहे कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले भी सुनाई दे रहे हैं.


सड़क से लेकर सदन तक हल्ला बोलेगी कांग्रेस.
वहीं, इस मामले में कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि महाकुभ के लिए कि 4 हजार करोड़ रुपये का बजट था, मगर ये दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक मात्र 800 करोड़ ही जारी हुए हैं. लिहाजा, सबसे बड़ा सवाल यही है कि मात्र 800 करोड़ रुपए में महाकुंभ को कैसे कराया जा सकता है. मौजूदा हरिद्वार के हालत को देखकर ही लगता है कि महाकुंभ की तैयारियों में कोताही बरती गई है. ऐसे में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी. अगर महाकुंभ की व्यवस्थाएं, अव्यवस्थित नजर आयी या श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया तो कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाकर सड़क से लेकर सदन तक हल्ला बोलेगी.

ये भी पढ़ें: अवैध कॉम्पलेक्स ध्वस्त करने के बाद सहायक नगर आयुक्त को मिल रही धमकी, SSP से लगाई गुहार

महाकुंभ की व्यवस्था के साथ राज्य सरकार पर है दोहरी चुनौती

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने का इस बारे में कहना है कि विपक्ष के पास न कोई दृष्टिकोण है और न ही कोई स्पष्ट नीति, जिसके कारण वे केवल विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कोरोनाकाल में हरिद्वार महाकुंभ आयोजित हो रहा है. जिसके कारण सरकार पर दोहरी चुनौती है. एक तरफ महाकुंभ को दिव्य और भव्य रूप देना है, वहीं, दूसरी ओर महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की भी चिंता भी करनी है.

ये भी पढ़ें: अलविदा 2020: जानें इस वर्ष उत्तराखंड की क्या रही उपलब्धियां ?

चुनौतियों से बखूबी निपट रही सरकार

विनय गोयल ने कहा राज्य सरकार अपनी चुनौतियों से बखूबी निपट रही है. उन्होंने कहा सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए तय समय से कुंभ के सभी बचे हुए कामों को पूरा कर लेगी. उन्होंने कहा सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए ही सारी योजनाओं का प्रारूप तैयार किया जा रहा है.

देहरादून: आगामी महाकुंभ का नोटिफिकेशन जारी होने में करीब 2 महीने का ही समय बचा है. ऐसे में राज्य सरकार महाकुंभ से जुड़ी व्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दुरुस्त करने में जुटी है. वहीं, विपक्ष महाकुंभ को लेकर की जा रही तैयारियों को नाकाफी बताकर राज्य सरकार को घेरने में लगा है. कांग्रेस महाकुंभ की अव्यवस्थाओं को लेकर सड़क से सदन तक हल्ला बोल की बात भी कह रही है. जिससे साफतौर पर कहा जा सकता है कि महाकुंभ की तैयारियों को लेकर अब प्रदेश में राजनीति गरमा गई है.

महाकुंभ व्यवस्थाओं को लेकर गरमाई राजनीति

दोहरी स्थिति में सरकार

महाकुंभ को लेकर मौजूदा स्थिति यह है कि राज्य सरकार दोहरी चुनौती से गुजर रही है. पहली चुनौती सरकार के सामने महाकुंभ की सभी व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने की हैं. वहीं, दूसरी चुनौती महाकुंभ में शामिल होने वाले सभी श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की चिंता है.

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फरवरी अंत तक जारी होगी नोटिफिकेशन

महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर राज्य सरकार पहले ही यह निर्णय ले चुकी है कि 31 जनवरी तक महाकुंभ से जुड़े सभी स्थाई और अस्थाई कार्यों को पूर्ण कर लिया जाएगा. इन व्यवस्थाओं के मुकम्मल होने के बाद फरवरी अंत तक महाकुंभ से जुड़े नोटिफिकेशन जारी किए जाएंगे. फरवरी अंत तक नोटिफिकेशन जारी करने की मुख्य वजह यही है कि तत्कालिक, कोरोना की स्थिति को देखते हुए महाकुंभ का स्वरूप तय किया जाएगा.

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सभी पहलुओं को परख रही सरकार

ऐसे में अब राज्य सरकार महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने को लेकर तमाम पहलुओं को जांच परख रही है, ताकि महाकुंभ ना सिर्फ दिव्य और भव्य हो बल्कि पूरी तरह से सुरक्षित भी हो.

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हमलावर हुआ विपक्ष

जितनी तेजी से राज्य सरकार महाकुंभ की तैयारियों में जुटी है उतनी ही तेजी से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सरकार पर हमलावर नजर आ रहा है. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब महाकुंभ का समय पहले से ही निर्धारित है तो राज्य सरकार ने महाकुंभ से जुड़ी व्यवस्थाओं को पहले मुकम्मल क्यों नहीं किया?

राज्य में चल रही है कॉपी पेस्ट की सरकार
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव प्रकाश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के मौजूदा मुखिया कॉपी पेस्ट की सरकार चला रहे हैं. राज्य के मुखिया का खुद कोई विजन नहीं है. वे अन्य राज्य मे जैसा होता है उसी का अनुसरण करते हैं. यही कारण है कि प्रदेश आज पीछे चल रहा है. इसी क्रम में आगामी होने वाला महाकुंभ को भी प्रयागराज में हुए अर्ध कुंभ की तर्ज पर करने की बात की जा रही है.

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महाकुंभ में प्रयागराज के लिहाज से आधी व्यवस्था भी नहीं

प्रकाश जोशी ने कहा महाकुंभ की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने में राज्य सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है. प्रकाश जोशी ने बताया कि प्रयागराज में हुए अर्ध कुंभ को लेकर जो व्यवस्थाएं की गई थी, उन व्यवस्थाओं की आधी व्यवस्था भी इस महाकुंभ में नहीं की गई है. इसी बीच महाकुंभ के दौरान व्यवस्थाओं को मुकम्मल करने के लिए हो रहे कार्यों में भ्रष्टाचार के मामले भी सुनाई दे रहे हैं.


सड़क से लेकर सदन तक हल्ला बोलेगी कांग्रेस.
वहीं, इस मामले में कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने बताया कि महाकुभ के लिए कि 4 हजार करोड़ रुपये का बजट था, मगर ये दुर्भाग्य की बात है कि अभी तक मात्र 800 करोड़ ही जारी हुए हैं. लिहाजा, सबसे बड़ा सवाल यही है कि मात्र 800 करोड़ रुपए में महाकुंभ को कैसे कराया जा सकता है. मौजूदा हरिद्वार के हालत को देखकर ही लगता है कि महाकुंभ की तैयारियों में कोताही बरती गई है. ऐसे में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी. अगर महाकुंभ की व्यवस्थाएं, अव्यवस्थित नजर आयी या श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया गया तो कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाकर सड़क से लेकर सदन तक हल्ला बोलेगी.

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महाकुंभ की व्यवस्था के साथ राज्य सरकार पर है दोहरी चुनौती

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विनय गोयल ने का इस बारे में कहना है कि विपक्ष के पास न कोई दृष्टिकोण है और न ही कोई स्पष्ट नीति, जिसके कारण वे केवल विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कोरोनाकाल में हरिद्वार महाकुंभ आयोजित हो रहा है. जिसके कारण सरकार पर दोहरी चुनौती है. एक तरफ महाकुंभ को दिव्य और भव्य रूप देना है, वहीं, दूसरी ओर महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की भी चिंता भी करनी है.

ये भी पढ़ें: अलविदा 2020: जानें इस वर्ष उत्तराखंड की क्या रही उपलब्धियां ?

चुनौतियों से बखूबी निपट रही सरकार

विनय गोयल ने कहा राज्य सरकार अपनी चुनौतियों से बखूबी निपट रही है. उन्होंने कहा सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाते हुए तय समय से कुंभ के सभी बचे हुए कामों को पूरा कर लेगी. उन्होंने कहा सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए ही सारी योजनाओं का प्रारूप तैयार किया जा रहा है.

Last Updated : Dec 31, 2020, 8:47 PM IST
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