देहरादून: बिना लाइसेंस एसिड बेचने वालों पर अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी. एसएसपी अरुण मोहन ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने थाने के प्रत्येक बीट कांस्टेबल और चीता को ब्रीफ करें और ऐसे सभी संभावित स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई करें.
एसएसपी के मुताबिक, थाना प्रभारी भी खुद सादे वस्त्रों में ऐसे स्थानों पर जाकर एसिड विक्रेताओं को चिन्हित करेंगे, जो न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन करते हुए बिना किसी लाइसेंस के एसिड बेच रहे हैं. ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के आदेश दिये गए हैं.
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एसएसपी जोशी ने कहा कि यदि अभियान के बाद भी कहीं खुले में एसिड बिक्री होते हुई पाई गई तो संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि पहले दुकानों पर एसिड बिना किसी रोक-टोक के बेचा जाता था, इसके लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती थी और न ही एसिड को खरीदने वाले व्यक्ति के संबंध में किसी प्रकार की कोई जानकारी ली जाती थी.
गौर हो कि साल 2003 में सोनाली मुखर्जी और 2005 में लक्ष्मी अग्रवाल के साथ एसिड अटैक जैसी घटनाएं हुई थी. इन घटनाओं से सबक लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी की थी. जिसके तहत एसिड विक्रय करने वाले व्यक्तियों को एसिड बिक्री के लिए लाइसेंस अनिवार्य किया गया है.
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साथ ही एसिड खरीदने वाले व्यक्तियों की विक्रेता के यहां रजिस्टर में एंट्री और उसकी फोटो पहचान पत्र को प्रत्येक विक्रेता द्वारा अपने पास रखे जाने के आदेश दिए गए थे. देहरादून एसएसपी के पास कई जगह से शिकायत आई कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है. एसएसपी ने मामलें का संज्ञान लेते हुए सभी थाना प्रभारियों को कड़े दिशा निर्देश दिए हैं.
एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि संपूर्ण जनपद में व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के दिशा निर्देश दिए गए हैं. सभी थाना प्रभारियों को कार्रवाई की प्रत्येक दिवस की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं. साथ ही यदि इस अभियान के बाद किसी थाना क्षेत्र में खुले में एसिड विक्रय होते हुए पाया जाता है तो संबंधित थाना प्रभारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.