देहरादून: वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को साइबर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों को अगल-अगल ठिकानों से गिरफ्तार किया गया. साथ ही पुलिस ने इनके कब्जे से वन विभाग में विभिन्न पदों के फर्जी लेटर पैड, फर्जी नियुक्ति पत्र, शैक्षणिक प्रमाण पत्र, चेकबुक, एटीएम कार्ड, डोंगल, वन विभाग, उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन की मुहर भी बरामद की है. दोनों आरोपी अभी तक लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी कर चुके हैं.
साइबर सेल सीओ अंकुश शर्मा ने बताया कि छह दिन पहले शिकायत मिली थी कि कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से उत्तराखंड वन विभाग में विभिन्न पदों पर डीएलएनए नियुक्ति के नाम पर बेरोजगारों को ठग रहे हैं. इस मामले में वन विभाग की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया. जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों द्वारा उत्तराखंड राज्य के बेरोजगार युवक-युवतियों को वन विभाग में विभिन्न सरकारी पदों पर फर्जी नियुक्ति पत्र देकर भर्ती कराया जा रहा है.
साथ ही अन्य बेरोजगार युवक-युवतियों को इस जाल में फंसाने के लिये वाट्सएप ग्रुप भी चलाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि दोनों आरोपी खुद को वन विभाग का अफसर बताया करते थे. दोनों आरोपी उत्तराखंड के बेरोजगार युवक और युवतियों को विभिन्न सरकारी प्रोजेक्ट जैसे नमामी गंगे, उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन, वन बीट अधिकारी, वन दरोगा, लोवर डिविजन क्लर्क और एकाउटेंट के पदों पर भर्ती करने का लालच देते थे. दोनों आरोपियों ने बेरोजगार युवकों को वन विभाग में ट्रेनिंग भी दिलाई, साथ ही कई महीनों तक उन्हें वेतन भी दिया.
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इसी क्रम में मुख्य आरोपी सुमितानंद भट्ट को अजबपुर खुर्द और विक्की सिंह राणा को ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया है. विक्की सिंह राणा ने पूछताछ में बताया कि वो और सुमितानंद भट्ट बेरोजगार युवक-युवतियों के समाने अपना प्रभाव छोड़ने के लिए स्वयं को वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक और सहायक वन संरक्षक बताते थे. साथ ही उन्होंने अपनी गाड़ियों की नेम प्लेट में वन विभाग का लोगों और एसीए मुख्यालय देहरादून भी लिखवाया है. दोनों आरोपियों ने अब तक दर्जनों बेरोजगार युवक और युवतियों से नौकरी के नाम पर 25 लाख रुपयों की ठगी की है.