देहरादून: अब्दुल शकूर हत्याकांड मामले में पुलिस ने फरार चल रहे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. ये तीनों ही आरोपी केरल के रहने वाले है. जो अगस्त में हुए हत्याकांड के बाद से फरार चल रहे थे. पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपी कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में थे.
बता दें कि अब्दुल शकूर हत्याकांड मामले में पुलिस पहले ही सात आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जबकि इस मामले में अरशद, शिहाब और मुनीफ फरार चल रहे थे. वहीं, मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने इन तीनों प्रेमनगर थाना क्षेत्र में सुद्धोवाला के मांडुवाला रोड से गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद तीनों को कोर्ट में पेश किया.
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वहीं, पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के पास से लैपटॉप बरामद हुआ है. जिसको एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) में जांच के लिए भेजा जाएगा. पुलिस को उम्मीद है कि आरोपियों के लैपटॉप से उन्हें कई अहम जानकारी मिल सकती है.
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अब्दुल शकूर की BTC BITZ COIN SHUKKOR व BITZEX नाम की दो अलग-अलग कंपनी थी. जिनके माध्यम से वह बिटक्वाइन का काम करता था. शकूर ने एक कोर ग्रुप बनाया था. जिसमें उन तीनों के अलावा आशिक भी था.
वहीं, इन चारों ने केरल में मंजिरी, पाण्डिकर तथा मणपुरम आदि क्षेत्रों से कई लोगों का पैसा बिटकॉइन में निवेश कराने के लिए एकत्रित किया गया था. जिसके बाद उन्होंने सारा पैसा अब्दुल शकूर पास भेजा था, लेकिन बिटक्वाइन में शकूर को घाटा हो गया. जिसके बाद ये सभी शकूर के साथ केरल से फरार हो गए थे.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए देहरादून एसएसपी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि इस मामले में सात आरोपियों की पहले ही हो चुकी है. बाकी के फरार चल रहे तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले सभी दस आरोपी गिरफ्तार हो चुके है.
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यह है मामला
बता दें देश-विदेश में वर्चुअल करेंस के तौर पर करोड़ों रुपए का व्यापार करने वाले अब्दुल शकूर की 28 अगस्त को प्रेमनगर क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी. हत्या के पीछे की वजह वर्चुअल करेंसी का पासवर्ड था. इसके लिए उसके साथियों ने कई दिनों तक मंडुवाला में उसे प्रताड़ित भी किया था. 28 अगस्त को शकूर के साथ उसे देहरादून के राजपुर रोड स्थित एक हॉस्पिटल लाये थे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
इसके बाद शकूर के साथी उसके शव को मैक्स अस्पताल में लावारिस छोड़कर फरार हो गए थे. इसमें मामले में पुलिस पहले ही सात आरोपियों फारिस ममनून, अरविंद सी, आसिफ, सुफेल, आफताब मोहम्मद, यासीन और मोहम्मद आशिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. ये सभी आरोपी मूल रूप से केरल के रहने वाले थे.