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कौन होगा उत्तराखंड का मुख्यमंत्री? PM आवास पर 4 घंटे तक चली मैराथन बैठक

उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर जारी कवायद के बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक करीब 4 घंटे तक चली.

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कौन होगा उत्तराखंड का मुख्यमंत्री?
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Published : Mar 20, 2022, 7:07 PM IST

Updated : Mar 20, 2022, 10:29 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर जारी कवायद के बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, उत्तराखंड में सरकार गठन के लिए बनाए गए पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष मौजूद हैं.

करीब 4 घंटे तक चली मैराथन बैठक में राज्य सरकार गठन और मंत्री परिषद के गठन को चर्चा हुई. साथ ही कल से लेकर आज तक मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड के नेताओं से अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष को मिले सुझाव और जानकारी को प्रधानमंत्री से साझा किया गया.

वहीं, दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री के चेहरे पर मुहर लगाएगा. धामी ने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड की जनता ने एक मिथक तोड़ा है और लगातार दूसरी बार BJP की सरकार बनाई है, सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है.

अनिल बलूनी का नाम भी आगे: पार्टी सूत्रों के मुताबिक कई केंद्रीय मंत्रियों ने अनिल बलूनी की सिफारिश की है. नाम नहीं छपने की शर्त पर पार्टी से जुड़े बड़े नेता ने बताया कि ज्यादातर विधायक और पदाधिकारी उन नामों पर सहमति नहीं बना पा रहे हैं, जिन नामों को लेकर पार्टी के बड़े नेता चर्चा कर रहे हैं. अनिल बलूनी का मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर बीजेपी के बड़े नेता का कहना है कि कुछ भी हो सकता है. क्योंकि किसी को कुछ नहीं पता कौन मुख्यमंत्री बनने जा रहा है.

उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर जारी कवायद के बीच रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महासचिव बी एल संतोष और राज्य के केंद्रीय चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी के अलावा उत्तराखंड के कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे.

पढ़ें: कल शाम को होगी विधानमंडल दल की बैठक, CM फेस पर सस्पेंस जारी, चेहरे को लेकर BJP दो फाड़

उत्तराखंड में भाजपा ने शानदार बहुमत तो हासिल कर लिया लेकिन मुख्यमंत्री धामी को खटीमा से हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इसे लेकर भाजपा में मंथन का दौर लगातार जारी है. हार के बावजूद धामी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं. शाह के आवास पर जारी बैठक में धामी की मौजूदगी भी इसका संकेत करती है.

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर के विधायक धन सिंह रावत और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं. भाजपा विधायक दल की प्रस्तावित बैठक के लिए भाजपा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी को सह पर्यवेक्षक बनाया है.

भाजपा के सूत्रों ने कहा कि धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि वह न केवल युवा और ऊर्जावान हैं, बल्कि भाजपा ने पहाड़ी राज्य में उनके नाम पर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की.

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के धामी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला करने की एक और बड़ी वजह यह हो सकती है कि उसे पिछले कार्यकाल में बेहद कम समय में दो मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

देहरादून: उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर जारी कवायद के बीच रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, उत्तराखंड में सरकार गठन के लिए बनाए गए पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष मौजूद हैं.

करीब 4 घंटे तक चली मैराथन बैठक में राज्य सरकार गठन और मंत्री परिषद के गठन को चर्चा हुई. साथ ही कल से लेकर आज तक मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड के नेताओं से अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष को मिले सुझाव और जानकारी को प्रधानमंत्री से साझा किया गया.

वहीं, दिल्ली में पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद कार्यवाहक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री के चेहरे पर मुहर लगाएगा. धामी ने कहा प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड की जनता ने एक मिथक तोड़ा है और लगातार दूसरी बार BJP की सरकार बनाई है, सरकार गठन की प्रक्रिया चल रही है.

अनिल बलूनी का नाम भी आगे: पार्टी सूत्रों के मुताबिक कई केंद्रीय मंत्रियों ने अनिल बलूनी की सिफारिश की है. नाम नहीं छपने की शर्त पर पार्टी से जुड़े बड़े नेता ने बताया कि ज्यादातर विधायक और पदाधिकारी उन नामों पर सहमति नहीं बना पा रहे हैं, जिन नामों को लेकर पार्टी के बड़े नेता चर्चा कर रहे हैं. अनिल बलूनी का मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर बीजेपी के बड़े नेता का कहना है कि कुछ भी हो सकता है. क्योंकि किसी को कुछ नहीं पता कौन मुख्यमंत्री बनने जा रहा है.

उत्तराखंड में सरकार गठन को लेकर जारी कवायद के बीच रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, संगठन महासचिव बी एल संतोष और राज्य के केंद्रीय चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी के अलावा उत्तराखंड के कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे.

पढ़ें: कल शाम को होगी विधानमंडल दल की बैठक, CM फेस पर सस्पेंस जारी, चेहरे को लेकर BJP दो फाड़

उत्तराखंड में भाजपा ने शानदार बहुमत तो हासिल कर लिया लेकिन मुख्यमंत्री धामी को खटीमा से हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, इसे लेकर भाजपा में मंथन का दौर लगातार जारी है. हार के बावजूद धामी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं. शाह के आवास पर जारी बैठक में धामी की मौजूदगी भी इसका संकेत करती है.

हालांकि, सूत्रों का कहना है कि चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर के विधायक धन सिंह रावत और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल हैं. भाजपा विधायक दल की प्रस्तावित बैठक के लिए भाजपा ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी को सह पर्यवेक्षक बनाया है.

भाजपा के सूत्रों ने कहा कि धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावना ज्यादा है, क्योंकि वह न केवल युवा और ऊर्जावान हैं, बल्कि भाजपा ने पहाड़ी राज्य में उनके नाम पर चुनाव लड़ा था और शानदार जीत दर्ज की.

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के धामी के नाम पर मुहर लगाने का फैसला करने की एक और बड़ी वजह यह हो सकती है कि उसे पिछले कार्यकाल में बेहद कम समय में दो मुख्यमंत्रियों को बदलने के लिए काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था.

Last Updated : Mar 20, 2022, 10:29 PM IST
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