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केदारनाथ की तर्ज पर विकसित होगा बदरीनाथ, 2025 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य

वर्ष 2013 में आपदा से ध्वस्त हुए केदारनाथ धाम में नई केदारपुरी का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. पिछले कुछ महीनों में यह चौथा अवसर है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद केदारपुरी के कार्यों की समीक्षा की.

PM Modi review meeting
केदारनाथ की तर्ज पर विकसित होगा बदरीनाथ
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Published : Sep 9, 2020, 4:29 PM IST

Updated : Sep 9, 2020, 5:29 PM IST

देहरादून: केदारघाटी में हो रहा पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. यही वजह है कि पीएम मोदी समय-समय पर खुद पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते रहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में बदरीनाथ धाम का प्रेजेंटेशन देखा. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया.

PM Modi review meeting
बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान का प्रेजेंटेशन.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बनाए रखने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही बदरीनाथ धाम को अन्य निकटवर्ती पौराणिक और आध्यात्मिक स्थलों से भी जोड़ने को कहा है. बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ताकि धाम में आने वाले यात्रियों को अलग ही अनुभूति का एहसास हो.

पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते पीएम मोदी.

ये भी पढ़ें: बढ़ेगी लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र !, लोगों ने की PM के फैसले की सराहना

इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है. निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है. सरस्वती और अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है. हालांकि, बदरीनाथ धाम में व्यास एवं गणेश गुफा का विशेष महत्व है. इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए.

  • मा. PM @narendramodi जी के समक्ष श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।इस दौरान श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी गई।प्रधानमंत्री जी ने बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में पौराणिक व आध्यात्मिक महत्व को बनाये रखने के निर्देश दिए। pic.twitter.com/TpNmjQzH9m

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) September 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी. साथ ही कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए 85 हेक्टेयर क्षेत्र का अधिग्रहण किया गया है. जिसमें देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा. साथ ही एक संग्रहालय एवं आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी.

बैठक में पीएम मोदी को बताया गया कि बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है. वहीं, मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि शंकराचार्य के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है. सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है. दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा. ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है. गरूड़ चट्टी में ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है.

देहरादून: केदारघाटी में हो रहा पुनर्निर्माण कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. यही वजह है कि पीएम मोदी समय-समय पर खुद पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते रहते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री कार्यालय में बदरीनाथ धाम का प्रेजेंटेशन देखा. साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया.

PM Modi review meeting
बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान का प्रेजेंटेशन.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व बनाए रखने के निर्देश दिये हैं. इसके साथ ही बदरीनाथ धाम को अन्य निकटवर्ती पौराणिक और आध्यात्मिक स्थलों से भी जोड़ने को कहा है. बदरीनाथ धाम के प्रवेश स्थल पर विशेष लाइटिंग की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ताकि धाम में आने वाले यात्रियों को अलग ही अनुभूति का एहसास हो.

पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा करते पीएम मोदी.

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इस दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बदरीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के विकास कार्यों में स्थानीय लोगों का सहयोग मिल रहा है. निकटवर्ती गांवों में होम स्टे पर काम किया जा रहा है. सरस्वती और अलकनंदा के संगम स्थल केशवप्रयाग को भी विकसित किया जा सकता है. हालांकि, बदरीनाथ धाम में व्यास एवं गणेश गुफा का विशेष महत्व है. इनके पौराणिक महत्व की जानकारी भी श्रद्धालुओं को मिलनी चाहिए.

  • मा. PM @narendramodi जी के समक्ष श्री बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।इस दौरान श्री केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की भी जानकारी दी गई।प्रधानमंत्री जी ने बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान में पौराणिक व आध्यात्मिक महत्व को बनाये रखने के निर्देश दिए। pic.twitter.com/TpNmjQzH9m

    — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) September 9, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर काम करने में भूमि की समस्या नहीं होगी. साथ ही कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए 85 हेक्टेयर क्षेत्र का अधिग्रहण किया गया है. जिसमें देवदर्शिनी स्थल विकसित किया जाएगा. साथ ही एक संग्रहालय एवं आर्ट गैलेरी भी बनाई जाएगी.

बैठक में पीएम मोदी को बताया गया कि बदरीनाथ मास्टर प्लान को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. मास्टर प्लान को पर्वतीय परिवेश के अनुकूल बनाया गया है. वहीं, मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि शंकराचार्य के समाधि स्थल का काम तेजी से चल रहा है. सरस्वती घाट पर आस्था पथ का काम पूरा हो गया है. दो ध्यान गुफाओं का काम इस माह के अंत तक पूर्ण हो जाएगा. ब्रह्म कमल की नर्सरी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है. गरूड़ चट्टी में ब्रिज का पुनर्निर्माण कर लिया गया है.

Last Updated : Sep 9, 2020, 5:29 PM IST
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