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केदार धाम में 'ध्यानमग्न' हुए पीएम मोदी, पूरी रात करेंगे साधना - चारधाम यात्रा

साल 2013 में आई आपदा में आदि शंकराचार्य की समाधि को भी नुकसान पहुंचा था. इसके बाद समाधि स्थल की मरम्मत होना शुरू हुई थी.

ध्यानमग्न पीएम मोदी.
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Published : May 17, 2019, 12:51 PM IST

Updated : May 18, 2019, 9:05 PM IST

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने मंदिर में विशेष में विशेष पूजा कर एक क्विंटल का घंटा भेंट किया. वहीं अब पीएम मोदी सेफ हाउस में आराम करने के बाद आदिगुरु शंकराचार्य समाधि (प्राचीन गुफा) वाले स्थान पर ध्यान-साधना कर रहे हैं. ये स्थल पीएम मोदी ने अपनी देख-रेख में बनवाया है, उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में भी ये स्थान शामिल है.

केदारनाथा पीएम मोदी.
केदारनाथ में ग्लेशियर के बीच पीएम मोदी.

बताया जा रहा है कि ध्यान साधना करने के बाद प्रधानमंत्री गुफा में ही रात्रि विश्राम करेंगे. दरअसल, साल 2013 में आई आपदा में आदि शंकराचार्य की इस समाधि को भी नुकसान पहुंचा था, जिस वजह से समाधि स्थल की मरम्मत की गई. पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे तो उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि को दिव्य एवं भव्य रूप देने का एलान किया था. यहां एक साथ एक हजार श्रद्धालु आदि शंकराचार्य की समाधि के दर्शन कर सकते हैं.

केदारनाथ दर्शन के बाद शंकराचार्य गुफा पहुंचे पीएम मोदी.

केदारनाथ मंदिर से करीब 400 मीटर पीछे मंदाकिनी नदी को पार कर चोराबाड़ी ताल के ठीक नीचे वाले क्षेत्र में एक गुफा का निर्माण किया गया है. साढ़े आठ लाख रुपये की लागत से पहाड़ी शैली में इसे तैयार किया गया है. गुफा में बिजली, पानी, शौचालय आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, साधु, संत या अन्य यात्री यहां ठहरते हैं. गुफा में रहने वाले यात्री का किराया 990 रुपए है. इस गुफा में यात्री योग साधना के साथ-साथ विश्राम भी कर सकते हैं.

pm modi meditates in kedarnath shankaracharya cave
आदि शंकराचार्य की समाधि.

पढ़ें- PM मोदी की मनोकामना हुई पूरी, केदारनाथ में दान किया एक क्विंटल का घंटा

गौर हो कि अध्यात्मिक संस्कृति से गहरा जुड़ाव रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी सक्रिय राजनीति में आने से पहले भी केदारनाथ धाम में स्थित आदिगुरु शंकराचार्य समाधि की इस प्राचीन गुफा में ध्यान साधना कर चुके हैं. यही कारण है कि उनको इस स्थान से बेहद लगाव है. साल 2013 केदारनाथ में आई भीषण त्रासदी के दौरान मंदिर परिसर के अलावा आदिगुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण योजना कार्य के चलते वर्तमान में शंकराचार्य के समाधि स्थल को भी भव्य रूप में संवारा गया है. दरअसल पिछले साल धाम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी से 2 किलोमीटर पहले गुफा की तर्ज पर केदारनाथ गुफा बनाने को कहा गया था जो अब तैयार हो गयी है. इस गुफा की लम्बाई 5 मीटर जबकि चौड़ाई 3 मीटर है. केदारनाथ में योग साधना के लिए गुफा तैयार होने के बाद अब उसकी ऑनलाइन बुकिंग की भी सुविधा है.

बता दें कि साल 1998 से लेकर 2001 तक उत्तराखंड (यूपी से विभाजन से पहले) के भाजपा संगठन प्रभारी होने के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आस्था के मुताबिक केदारनाथ धाम में दर्शन करने के साथ ही लगातार विश्वविख्यात अध्यात्मिक आदिगुरू शंकराचार्य के समाधि स्थान पर जाकर अपनी साधना में लीन होते थे. साल 2001 के बाद ही पीएम मोदी पूरी तरह से सक्रिय राजनीति में व्यस्त होने के बाद गुजरात के लगातार चार बार मुख्यमंत्री बने रहे और फिर उसके बाद वह 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने.

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह बाबा केदारनाथ के दर्शन किए. इस दौरान उन्होंने मंदिर में विशेष में विशेष पूजा कर एक क्विंटल का घंटा भेंट किया. वहीं अब पीएम मोदी सेफ हाउस में आराम करने के बाद आदिगुरु शंकराचार्य समाधि (प्राचीन गुफा) वाले स्थान पर ध्यान-साधना कर रहे हैं. ये स्थल पीएम मोदी ने अपनी देख-रेख में बनवाया है, उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में भी ये स्थान शामिल है.

केदारनाथा पीएम मोदी.
केदारनाथ में ग्लेशियर के बीच पीएम मोदी.

बताया जा रहा है कि ध्यान साधना करने के बाद प्रधानमंत्री गुफा में ही रात्रि विश्राम करेंगे. दरअसल, साल 2013 में आई आपदा में आदि शंकराचार्य की इस समाधि को भी नुकसान पहुंचा था, जिस वजह से समाधि स्थल की मरम्मत की गई. पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ पहुंचे तो उन्होंने आदि शंकराचार्य की समाधि को दिव्य एवं भव्य रूप देने का एलान किया था. यहां एक साथ एक हजार श्रद्धालु आदि शंकराचार्य की समाधि के दर्शन कर सकते हैं.

केदारनाथ दर्शन के बाद शंकराचार्य गुफा पहुंचे पीएम मोदी.

केदारनाथ मंदिर से करीब 400 मीटर पीछे मंदाकिनी नदी को पार कर चोराबाड़ी ताल के ठीक नीचे वाले क्षेत्र में एक गुफा का निर्माण किया गया है. साढ़े आठ लाख रुपये की लागत से पहाड़ी शैली में इसे तैयार किया गया है. गुफा में बिजली, पानी, शौचालय आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, साधु, संत या अन्य यात्री यहां ठहरते हैं. गुफा में रहने वाले यात्री का किराया 990 रुपए है. इस गुफा में यात्री योग साधना के साथ-साथ विश्राम भी कर सकते हैं.

pm modi meditates in kedarnath shankaracharya cave
आदि शंकराचार्य की समाधि.

पढ़ें- PM मोदी की मनोकामना हुई पूरी, केदारनाथ में दान किया एक क्विंटल का घंटा

गौर हो कि अध्यात्मिक संस्कृति से गहरा जुड़ाव रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी सक्रिय राजनीति में आने से पहले भी केदारनाथ धाम में स्थित आदिगुरु शंकराचार्य समाधि की इस प्राचीन गुफा में ध्यान साधना कर चुके हैं. यही कारण है कि उनको इस स्थान से बेहद लगाव है. साल 2013 केदारनाथ में आई भीषण त्रासदी के दौरान मंदिर परिसर के अलावा आदिगुरू शंकराचार्य का समाधि स्थल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण योजना कार्य के चलते वर्तमान में शंकराचार्य के समाधि स्थल को भी भव्य रूप में संवारा गया है. दरअसल पिछले साल धाम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी से 2 किलोमीटर पहले गुफा की तर्ज पर केदारनाथ गुफा बनाने को कहा गया था जो अब तैयार हो गयी है. इस गुफा की लम्बाई 5 मीटर जबकि चौड़ाई 3 मीटर है. केदारनाथ में योग साधना के लिए गुफा तैयार होने के बाद अब उसकी ऑनलाइन बुकिंग की भी सुविधा है.

बता दें कि साल 1998 से लेकर 2001 तक उत्तराखंड (यूपी से विभाजन से पहले) के भाजपा संगठन प्रभारी होने के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आस्था के मुताबिक केदारनाथ धाम में दर्शन करने के साथ ही लगातार विश्वविख्यात अध्यात्मिक आदिगुरू शंकराचार्य के समाधि स्थान पर जाकर अपनी साधना में लीन होते थे. साल 2001 के बाद ही पीएम मोदी पूरी तरह से सक्रिय राजनीति में व्यस्त होने के बाद गुजरात के लगातार चार बार मुख्यमंत्री बने रहे और फिर उसके बाद वह 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने.

Intro:शंकराचार्य की समाधि (गुफा) में लेंगे मोदी ध्यान अनुष्ठान

देहरादून- अपने दो दिवसीय उत्तराखंड यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी बद्रीनाथ व केदारनाथ धाम दर्शन कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले 18 मई को केदारनाथ धाम में पूजा-अर्चना दर्शन के बाद यही रात्रि प्रवास करेंगे। वही जानकारी के मुताबिक संभावना जताई जा रही है कि,पीएम मोदी अपने एक दिन के प्रवास के दौरान केदारनाथ धाम के आदिगुरू शंकराचार्य समाधि ( प्राचीन गुफा) वाले स्थान पर वर्षो बाद एक बार फिर ध्यान अनुष्ठान करेंगे। केदारनाथ मंदिर के पीछे बने शंकराचार्य समाधि वाला यह वही स्थान हैं जिस प्राचीन गुफा को पीएम मोदी केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों के ड्रीम प्रोजेक्ट में विशेष कर पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए थे।


Body:सक्रिय राजनीति से पहले भी पीएम मोदी शंकराचार्य समाधि में लगाते थे ध्यान साधना-

अपना जीवन काल के शुरू के समय से ही आध्यात्मिक संस्कृति से गहरा जुड़ाव रखने वाले प्रधानमंत्री मोदी सक्रिय राजनीति में आने से पहले भी केदारनाथ धाम में स्थित आदिगुरू शंकराचार्य समाधि प्राचीन गुफा में ध्यान साधना कर चुके हैं। इसी कारण उनको इस स्थान से भी अध्यात्मिक लगाव हैं। 2013 केदारनाथ में आई भीषण त्रासदी के दौरान मंदिर परिसर के अलावा आदिगुरू शंकराचार्य की समाधि स्थल भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण योजना कार्य के चलते वर्तमान में शंकराचार्य की समाधि स्थल को भी भव्य रूप में सवार आ गया.


Conclusion:वर्ष 1998 से लेकर वर्ष 2001 तक उत्तराखंड (यूपी) के भाजपा संगठन प्रभारी होने के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी आस्था के मुताबिक केदारनाथ धाम में दर्शन करने के साथ ही लगातार विश्वविख्यात अध्यात्मिक आदिगुरु शंकराचार्य के समाधि स्थान पर जाकर अपनी साधना मैं लीन हो जाते थे। वर्ष 2001 के बाद ही पीएम मोदी पूरी तरह से सक्रिय राजनीति में व्यस्त होने के बाद गुजरात के लगातार चार बार मुख्यमंत्री बने रहे और फिर उसके बाद वह 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने।
Last Updated : May 18, 2019, 9:05 PM IST
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