ETV Bharat / state

दून अस्पताल में पहली बार हुआ प्लाज्मा डोनेट, कोरोना के इलाज में मिलेगी मदद - corona virus plasma therapy

कोविड डेडिकेटेड दून अस्पताल में पहली बार तीन लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है. उनकी यह पहल यहां भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में सहायक सिद्ध होगी.

plasma donate
प्लाज्मा डोनेट
author img

By

Published : Sep 3, 2020, 11:50 AM IST

देहरादून: दून अस्पताल में पहली बार तीन लोगों ने एक साथ प्लाज्मा डोनेट किया है. दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष राणा ने बताया कि आशीष, जॉन और अर्जुन नाम के इन तीन लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है.

इससे पहले दून अस्पताल के ब्लड बैंक की ओर से टीम लगातार स्वस्थ हुए मरीजों को फोन करके काउंसलिंग कर रही थी. कुछ लोग अस्पताल के ब्लड बैंक की पहल के बाद प्लाज्मा दान करने पहुंचे, मगर उनमें एंटीबॉडीज नहीं मिलने और अन्य बीमारियों की वजह से प्लाज्मा नहीं लिया जा सका. अब इस संक्रमण से स्वस्थ हुए 3 लोगों ने दून अस्पताल के ब्लड बैंक में पहुंचकर अपना प्लाज्मा डोनेट किया है.

पढ़ें: मसूरी: किशोर उपाध्याय 8 सितंबर से शुरू करेंगे वन अधिकार आंदोलन

बता दें कि 15 मार्च को दून अस्पताल में कोरोना का पहला मरीज भर्ती हुआ था. उसके बाद दून अस्पताल को कोविड डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था. अब तक दून अस्पताल से कोरोना संक्रमण के काफी मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. ऐसे में दून अस्पताल की तरफ से शुरू की गई काउंसलिंग के परिणाम अब सामने नजर आए हैं. अब दून अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से भी इलाज किया जा सकेगा.

प्लाज्मा डोनेट क्या है?

किसी भी बीमारी से ग्रस्त होकर स्वस्थ होने वाले मरीज के खून से प्लाज्मा निकालकर उससे अन्य बीमार व्यक्ति को यह थेरेपी दी जाती है. पहले भी प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग कई बीमारियों के लिए किया जा चुका है. ऐसे में अब कई देशों के बाद भारत में भी कोरोना से ग्रस्त गंभीर मरीजों को बचाने में प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया जा रहा है. कोरोना से संक्रमित लोगों के स्वस्थ हो जाने के बाद उनके शरीर से एंटीबॉडी बन जाती है. ये एंटीबॉडी बीमारी से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है.

जो लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं, उनके खून में मौजूद प्लाज्मा में यह एंटीबॉडी बन जाती है. जिसे बीमार लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लगाया जाता है. प्लाज्मा थेरेपी की मदद से कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में मौजूद एंटीबॉडी की सहायता से मरीज के खून में मौजूद वायरस को समाप्त किया जा सकता है.

कौन कर सकता है प्लाज्मा डोनेट ?

कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुके लोग प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. इसके अलावा कोई भी स्वस्थ व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. स्वस्थ व्यक्ति अगर प्लाज्मा डोनेट करता है तो उसकी सेहत पर किसी भी तरह का नुकसान या असर नहीं पड़ेगा.

देहरादून: दून अस्पताल में पहली बार तीन लोगों ने एक साथ प्लाज्मा डोनेट किया है. दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष राणा ने बताया कि आशीष, जॉन और अर्जुन नाम के इन तीन लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया है.

इससे पहले दून अस्पताल के ब्लड बैंक की ओर से टीम लगातार स्वस्थ हुए मरीजों को फोन करके काउंसलिंग कर रही थी. कुछ लोग अस्पताल के ब्लड बैंक की पहल के बाद प्लाज्मा दान करने पहुंचे, मगर उनमें एंटीबॉडीज नहीं मिलने और अन्य बीमारियों की वजह से प्लाज्मा नहीं लिया जा सका. अब इस संक्रमण से स्वस्थ हुए 3 लोगों ने दून अस्पताल के ब्लड बैंक में पहुंचकर अपना प्लाज्मा डोनेट किया है.

पढ़ें: मसूरी: किशोर उपाध्याय 8 सितंबर से शुरू करेंगे वन अधिकार आंदोलन

बता दें कि 15 मार्च को दून अस्पताल में कोरोना का पहला मरीज भर्ती हुआ था. उसके बाद दून अस्पताल को कोविड डेडीकेटेड अस्पताल के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था. अब तक दून अस्पताल से कोरोना संक्रमण के काफी मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं. ऐसे में दून अस्पताल की तरफ से शुरू की गई काउंसलिंग के परिणाम अब सामने नजर आए हैं. अब दून अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से भी इलाज किया जा सकेगा.

प्लाज्मा डोनेट क्या है?

किसी भी बीमारी से ग्रस्त होकर स्वस्थ होने वाले मरीज के खून से प्लाज्मा निकालकर उससे अन्य बीमार व्यक्ति को यह थेरेपी दी जाती है. पहले भी प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग कई बीमारियों के लिए किया जा चुका है. ऐसे में अब कई देशों के बाद भारत में भी कोरोना से ग्रस्त गंभीर मरीजों को बचाने में प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग किया जा रहा है. कोरोना से संक्रमित लोगों के स्वस्थ हो जाने के बाद उनके शरीर से एंटीबॉडी बन जाती है. ये एंटीबॉडी बीमारी से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है.

जो लोग कोरोना से ठीक हो गए हैं, उनके खून में मौजूद प्लाज्मा में यह एंटीबॉडी बन जाती है. जिसे बीमार लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए लगाया जाता है. प्लाज्मा थेरेपी की मदद से कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों में मौजूद एंटीबॉडी की सहायता से मरीज के खून में मौजूद वायरस को समाप्त किया जा सकता है.

कौन कर सकता है प्लाज्मा डोनेट ?

कोरोना के संक्रमण से ठीक हो चुके लोग प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. इसके अलावा कोई भी स्वस्थ व्यक्ति प्लाज्मा डोनेट कर सकता है. स्वस्थ व्यक्ति अगर प्लाज्मा डोनेट करता है तो उसकी सेहत पर किसी भी तरह का नुकसान या असर नहीं पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.