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उत्तराखंड: अंतरराष्ट्रीय सीमांत क्षेत्रों को फिर से आबाद करने की तैयारी, राज्य सरकार ने बनाई खास योजना

उत्तराखंड का सीमांत क्षेत्र करीब 650 किलोमीटर है. जिसमें चीन और नेपाल की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा लगी हुई है. ऐसे भी रिवर्स पलायन के लिए इन क्षेत्रों पर खास योजना चलाई जा रही है. साथ ही मूलभूत सुविधाओं को भी बेहतर करने की ओर कदम उठाए गए हैं.

उत्तराखंड
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Published : Nov 11, 2019, 5:50 PM IST

Updated : Nov 11, 2019, 7:18 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय सीमांत क्षेत्र को फिर आबाद करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सीमा क्षेत्र विकास योजना का खाका तैयार किया है. राज्य सरकार की योजना केंद्र के उस गंभीर मंथन के बाद शुरू की जा रही है. जिसमें उन्होंने सीमांत क्षेत्र से हो रहे पलायन पर चिंता जाहिर की थी.

हाल ही में भारत सरकार ने चीन से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर हो रहे पलायन को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसके लिए बकायदा 2 महीने पहले उत्तराखंड, हिमाचल और चाइना से सटे दूसरे राज्यों से भी सीमांत क्षेत्रों की रिपोर्ट मांगी गई थी.

उत्तराखंड की तरफ से पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने चीन और नेपाल से सटे क्षेत्रों की पूरी रिपोर्ट भारत सरकार को पेश की थी. इसमें खासतौर पर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी, चमोली जिले के जोशीमठ और उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी क्षेत्र में हुए पलायन का जिक्र किया गया था.

राज्य सरकार ने बनाई खास योजना

पढ़ें- नौकरी का झांसा देकर ग्राफिक डिजाइनर से 10 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी

जानकारी के अनुसार सितंबर में हुई बैठक के बाद भारत सरकार ने इन राज्यों को सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन को लेकर निर्देश भी जारी किए थे. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सीमा क्षेत्र विकास योजना को शुरू करने का फैसला ले लिया है.

पढ़ें- DM रंजना राजगुरु ने हवा में भरी उड़ान, कहा- जिले के पर्यटन को लगेंगे पंख

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड का सीमांत क्षेत्र करीब 650 किलोमीटर है. जिससे चीन और नेपाल की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा लगी हुई है. रिवर्स पलायन के लिए इन क्षेत्रों पर खास योजना चलाई जा रही है. साथ ही मूलभूत सुविधाओं को भी बेहतर करने की ओर कदम उठाए गए हैं.

देहरादून: उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय सीमांत क्षेत्र को फिर आबाद करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सीमा क्षेत्र विकास योजना का खाका तैयार किया है. राज्य सरकार की योजना केंद्र के उस गंभीर मंथन के बाद शुरू की जा रही है. जिसमें उन्होंने सीमांत क्षेत्र से हो रहे पलायन पर चिंता जाहिर की थी.

हाल ही में भारत सरकार ने चीन से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर हो रहे पलायन को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसके लिए बकायदा 2 महीने पहले उत्तराखंड, हिमाचल और चाइना से सटे दूसरे राज्यों से भी सीमांत क्षेत्रों की रिपोर्ट मांगी गई थी.

उत्तराखंड की तरफ से पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस नेगी ने चीन और नेपाल से सटे क्षेत्रों की पूरी रिपोर्ट भारत सरकार को पेश की थी. इसमें खासतौर पर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी, चमोली जिले के जोशीमठ और उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी क्षेत्र में हुए पलायन का जिक्र किया गया था.

राज्य सरकार ने बनाई खास योजना

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जानकारी के अनुसार सितंबर में हुई बैठक के बाद भारत सरकार ने इन राज्यों को सीमांत क्षेत्रों में रिवर्स पलायन को लेकर निर्देश भी जारी किए थे. ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सीमा क्षेत्र विकास योजना को शुरू करने का फैसला ले लिया है.

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड का सीमांत क्षेत्र करीब 650 किलोमीटर है. जिससे चीन और नेपाल की अंतरराष्‍ट्रीय सीमा लगी हुई है. रिवर्स पलायन के लिए इन क्षेत्रों पर खास योजना चलाई जा रही है. साथ ही मूलभूत सुविधाओं को भी बेहतर करने की ओर कदम उठाए गए हैं.

Intro:summary- उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र को फिर आबाद करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सीमा क्षेत्र विकास योजना का खाका तैयार किया है...आपको बता दें कि राज्य सरकार की योजना केंद्र के उस गंभीर मंथन के बाद शुरू की जा रही है... जिसमें उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र में हो रहे पलायन पर चिंता जाहिर की थी...


Body:हाल ही में भारत सरकार द्वारा चीन से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर हो रहे पलायन को लेकर चिंता जाहिर की थी.. इसके लिए बकायदा 2 महीने पहले उत्तराखंड, हिमाचल और चाइना से सटे दूसरे राज्यों से भी सीमावर्ती क्षेत्रों की रिपोर्ट मांगी गई थी.. उत्तराखंड की तरफ से पलायन आयोग के उपाध्यक्ष एसएस देगी रे चीन और नेपाल से सटे क्षेत्रों की पूरी रिपोर्ट भारत सरकार को पेश की थी... इसमें खासतौर पर पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुंसियारी, चमोली जिले के जोशीमठ और उत्तरकाशी जिले के भटवाड़ी क्षेत्र मैं हुए पलायन का जिक्र किया गया था... जानकारी के अनुसार सितंबर में हुई बैठक के बाद भारत सरकार ने राज्यों को सीमावर्ती क्षेत्रों में रिवर्स पलायन को लेकर निर्देश भी जारी किए थे... ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सीमा क्षेत्र विकास योजना को शुरू करने का फैसला ले लिया है... मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड का सीमावर्ती क्षेत्र करीब 650 किलोमीटर है जिसमें चीन और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा लगी हुई है... ऐसे भी रिवर्स पलायन को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रों पर खास स्कीम चलाई जा रही है साथ ही मूलभूत सुविधाओं को भी बेहतर करने की ओर कदम उठाए गए हैं....

बाइट त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री उत्तराखंड



Conclusion:
Last Updated : Nov 11, 2019, 7:18 PM IST
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