देहरादून: उत्तराखंड राज्य में खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वाले मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने को लेकर फूड सेफ्टी टीम समय-समय पर अभियान चलाता रहता है. छापेमारी के दौरान फूड सेफ्टी की टीम खाद्य पदार्थों का सैंपल भी एकत्र करती है. जिसकी जांच के लिए सैंपल को रुद्रपुर स्थित लैब में भेजती है, लेकिन कई बार रिपोर्ट आने में ना सिर्फ एक लंबा समय बीत जाता है, बल्कि कई बार सैंपल खराब हो जाते हैं. जिसको देखते हुए अब एफडीआई देहरादून में टेस्टिंग लैब(Preparation to open testing lab in Dehradun ) खोलने की तैयारी चल रही है. जिसके लिए जगह भी चिन्हित कर ली गई है.
देहरादून स्थित फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(Dehradun Food Safety and Drug Administration) के ऑफिस में ही नई टेस्टिंग लैब को ले जाने के लिए जगह चिन्हित की गई है. यह प्रक्रिया अभी शासन स्तर पर गतिमान है. लिहाजा इस पर मुहर लगने के बाद आने वाले समय में भारत सरकार को इक्विपमेंट उपलब्ध कराए जाने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाएगा. इसके लिए उत्तराखंड फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के कमिश्नर डॉ आर राजेश कुमार ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए हैं.
वहीं, एफडीए के कमिश्नर आर राजेश कुमार(FDA commissioner R Rajesh Kumar) ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए बताया अभी वर्तमान समय ने रुद्रपुर लैब में फूड सैंपलिंग की टेस्टिंग की जाती है. इसमें कई बार सैंपल भी खराब हो जाते हैं. ऐसे में देहरादून में टेस्टिंग लैब खोलने पर निर्णय लिया गया है. टेस्टिंग लैब खुल जाने से देहरादून और हरिद्वार समेत अन्य जिलों के फूड सैंपलिंग की टेस्टिंग देहरादून में हो सकेगी.
आर राजेश कुमार ने बताया अभी विभाग ने कर्मचारियों की कमी है. मंत्री के अनुमोदन के बाद एफडीए ने कर्मचारियों के भर्ती का प्रस्ताव भेजा है जो शासन में प्राप्त हुआ है. जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि दूसरे विभागों में को सिमिलर क्वालिफिकेशन रखते हैं. उनको डेपुटेशन पर एफडीए में तैनात कर दिया जाएं. हालांकि, यह प्रस्ताव शासन के स्तर पर विचाराधीन है. लिहाजा, कार्मिक और वित्त विभाग के परामर्श के बाद कर्मचारियों की कमी को दूर किया जाएगा.
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