देहरादून: कोरोना महामारी के चलते 3 मई तक पूरा देश लॉकडाउन है, जिसको लेकर चारधाम यात्रा 2020 पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं. मंदिरों के कपाट तो तय तिथियों पर खोल दिए जाएंगे लेकिन भगवान के दर्शनों के लिए भक्त पहुंचेंगे या नहीं, अभी तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है. लॉकडाउन का सीधा असर न सिर्फ प्रदेश की आर्थिकी पर पड़ेगा बल्कि टैक्सी और बस व्यवसायियों को भी भारी नुकसान होगा.
उत्तराखंड बस ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष संजय शास्त्री ने कहा है कि साल 2013 में आयी भीषण आपदा से बड़ी सुनामी इस वक्त दिखाई दे रही है. देशव्यापी लॉकडाउन के चलते चारधाम यात्रा के सुचारु रूप से चलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. यही नहीं टैक्सी व्यवसाय से लाखों परिवार जुड़े हैं, जिनकी रोजी-रोटी चारधाम यात्रा पर ही निर्भर है.
केंद्र व राज्य सरकार से मांग
- टैक्सी और बस व्यवसायियों के लिए ठोस आर्थिक योजना बनाये जाने की मांग.
- चारधाम यात्रा से जुड़े व्यवसायियों को बैंकों की तरफ से ब्याज और टैक्स में छूट दी जाए.
- वाहन चालकों व परिचालकों को आर्थिक पैकेज देने की मांग.
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गौर हो, चारधाम के कपाट खुलने की समय और तिथि पहले ही निर्धारित की जा चुकी है और उसी के अनुसार पूरे विधि विधान से चारधाम के कपाट खोले जाएंगे लेकिन श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर नहीं जा पाएंगे. ऐसे में टैक्सी व्यापारियों के लिए एक बड़ी आर्थिक संकट उत्पन्न होने वाली है. क्योंकि चारधाम यात्रा के दौरान रोजाना हजारों बस और टैक्सी संचालित होती हैं, जिससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. इस बार यात्रा सीजन में लॉकडाउन है, इसलिए बस और टैक्सी की व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया है.