ऋषिकेश: उत्तराखंड में भले ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया है, लेकिन सरकार के नियमों की बाध्यता की वजह से कई श्रद्धालुओं को चारधाम के दर्शन नहीं हो रहे हैं. श्रद्धालु ऋषिकेश से ही बैरंग लौटने को मजबूर हैं. मुख्य रूप से देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण नहीं होने की समस्या शामिल हैं. ऐसे में परिवहन कारोबारियों को जिस तरह श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद थी वह उम्मीद अब टूटने लगी है.
परिवहन कारोबारियों ने एआरटीओ कार्यालय पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. मौके पर एक ज्ञापन भी सौंपा गया. उन्होंने अपनी मांगों को शीघ्र पूरा करने के लिए आवाज बुलंद की है. साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्द ध्यान नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. टैक्सी-मैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय पाल सिंह रावत ने सरकार से सभी बाध्यताएं खत्म करने की मांग की है.
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी अरविंद पांडे ने बताया कि मामला पर्यटन विभाग से जुड़ा हुआ है. इस संबंध में मिले ज्ञापन को संबंधित विभाग को फॉरवर्ड किया जा रहा है. ग्रीन कार्ड को लेकर भी कुछ समस्याएं परिवहन कारोबारियों ने बताई हैं. जिन्हें ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को भेजा जाएगा. उनके स्तर की जो समस्याएं हैं, उनका समाधान करने के लिए परिवहन कारोबारियों को बता दिया गया है.
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परिवहन महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि सरकारी वेबसाइट पर पंजीकरण न होने की वजह से लोगों को वापस जाना पड़ रहा है. सरकार को यह संख्या बढ़ाने की जरूरत है और नियमों में भी थोड़ा बदलाव किया जाना चाहिए. ताकि श्रद्धालु आसानी से चारधाम के दर्शन कर सकें.
बता दें, चारधाम यात्रा चलने के लिए करीब 2 महीने का समय ही बचा है. ऐसे में देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण, कोविड-19 की रिपोर्ट और अन्य नियम लागू होने की वजह से श्रद्धालुओं को चारधाम यात्रा पर जाना परेशानी का सबब बन रहा है.