देहरादून: उत्तराखंड पुलिस विभाग में अपनी 10 साल सेवा पूरा करने के बाद सशस्त्र बल (आर्म्ड पुलिस) से जुड़े जवानों को नागरिक पुलिस में ट्रांसफर करने के पुलिस मुख्यालय ने आदेश पारित कर दिये हैं. कार्मिक डीआईजी पुष्पक ज्योति ने इसके आदेश जारी किये हैं. इसके मुताबिक संबंधित जनपद के एसपी-एसएसपी को अगले 15 दिनों के अंदर सशस्त्र पुलिस में कार्यरत आरक्षियों को सिविल पुलिस में ट्रांसफर करने के साथ ही उन्हें बैच नंबर आवंटित करने के आदेश लिखित रूप में दिए गए हैं.
कार्मिक डीआईजी के आदेश में यह भी अंकित किया गया है कि अगर सशस्त्र पुलिस में आरक्षियों की आवश्यकता हो रही है, तो उन्हें नागरिक पुलिस में लाकर भी सशस्त्र पुलिस सेवा का कार्य लिया जा सकता है.
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हरिद्वार से उठाई गई थी AP से CP में ट्रांसफर की मांग: जानकारी के मुताबिक बीते जून महीने में पुलिस वेलफेयर के तहत हरिद्वार के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने उत्तराखंड डीजीपी को पत्र लिखकर पिछले कई वर्षों से सशस्त्र पुलिस में तैनात जवानों को सिविल पुलिस में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी. उसी का संज्ञान लेते हुए डीजीपी अशोक कुमार के आदेश अनुसार कार्मिक डीआईजी पुष्पक ज्योति ने 10 साल की सेवा पूरा करने वाले सशस्त्र पुलिस जवानों को नागरिक पुलिस में ट्रांसफर करने के आदेश राज्य के सभी जिलों के एसपी-एसएसपी को पत्र लिखकर जारी किए गए हैं.
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ऑर्म्ड पुलिस से समय पर ट्रांसफर ना होने की दशा में परमानेंट सेवा नियम: जानकारी के मुताबिक पुलिस में भर्ती के 10 साल सेवा कार्यकाल पूरा होने के बाद ऑर्म्ड पुलिस (सशस्त्र पुलिस) से संबंधित आरक्षियों को सिविल पुलिस में ट्रांसफर करने का प्रावधान है. अगर किसी कारणवश 10 साल के बाद भी उनको नागरिक पुलिस (सिविल पुलिस) में ट्रांसफर नहीं किया जाता तो उनको परमानेंट सशस्त्र पुलिस का माना जाता है.
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ऐसे में पुलिस ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत हर 10 साल का कार्यकाल पूरा होने के उपरांत ऑर्म्ड पुलिस (AP) जवानों को नागरिक पुलिस (CP) में भेजा जाता है. वही इसी प्रक्रिया के दौरान पुलिस में भर्ती हुए नए जवान रिक्त हुए सशस्त्र बल पुलिस में 10 साल सेवा देने के लिए आ जाते हैं. हालांकि, इससे पहले उन्हें 6 माह के लिए सिविल पुलिस में भी सेवा दिलाई जाती है. ऐसे में जवानों की ट्रांसफर प्रक्रिया के तहत AP से CP में आने का सिलसिला चलता रहता है.