विकासनगर: शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के खिलाफ स्थानीय लोगों ने एक बार फिर आंदोलन शुरू करने की तैयारी कर दी है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने थोड़ा घर हटाओं पछवा दून बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले अपने माथे पर काली पट्टी बांधकर काला दिवस बताते हुए विरोध जताया गया.
इस आंदोलन को मूर्त रूप देने के विरोध स्वरूप आहूत बैठक का भी आयोजन किया था. मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस ने लोगों को बैठक में एकत्र होने की अनुमति न दी. पुलिस द्वारा बैठक स्थल को हटवा दिया गया. शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की वजह से सेलाकुई सहित आसपास के कई गांवों के हजारों लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर क्षेत्र के लोग लंबे समय से विभिन्न माध्यमों से शीशम बाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट हटाए जाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करते आ रहे हैं.
इसी विरोध के चलते आज से 4 साल पूर्व 3 अक्टूबर 2016 को इस प्लांट के शिलान्यास के दौरान विरोध प्रदर्शन के दौरान एक स्थानीय व्यक्ति की मौत भी हो गई थी. जिसको लेकर काफी हंगामा हुआ था. हालांकि प्रशासन ने इस मौत को हार्ट अटैक के कारण सामान्य माना था. लेकिन उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने व्यक्ति की मौत का जिम्मेदार शासन-प्रशासन को ठहराया था. जिसके चलते आज के दिन को काला दिवस के रूप में मनाने की आहूत बैठक को पुलिस प्रशासन के हस्तक्षेप के कारण स्थगित करना पड़ा.
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पछवा दून बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष और बैठक की अगुवाई कर रहे आजाद अली ने बैठक को न होने देने पर इसे सरकार को जिम्मेदार माना है. भाजपा सरकार और उसके क्षेत्रीय विधायक की शह पर कूड़ा घर हटाने के आंदोलन को बार-बार न होने का काम किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि, जब तक कूड़ा घर नहीं हटता तब तक वे सभी चुप नहीं बैठगे. साथ ही उन्होंने क्षेत्र विधायक पर भी जमकर हमला बोला है. उनका कहना है कि, क्षेत्रीय विधायक बार-बार लोगों को गुमराह करने का काम कर रही है.
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सेलाकुई थाना प्रभारी विपिन बहुगुणा ने बताया कि कोरोना काल के कारण बैठक को अनुमति न होने की वजह से बैठक को स्थगित करवाया गया है.