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तीर्थनगरी में कूड़े का लगा अंबार, दुर्गंध से लोग हो रहे बीमार

तीर्थ नगरी में ट्रेंचिंग ग्राउंड के उठने वाली दुर्गंध के कारण सांस संबंधी कई बीमारियां हो रही है. क्षेत्र की लगभग 5000 आबादी इससे प्रभावित है. वहीं, 6 वर्ष 8 वर्ष तक के बच्चों को भी दमा जैसी खतरनाक बीमारी होने लगी है.

तीर्थनगरी जहरीली मीथेन गैस से प्रभावित
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Published : Aug 24, 2019, 1:25 PM IST

ऋषिकेशः तीर्थनगरी ऋषिकेश में ट्रेंचिंग ग्राउंड लोगों के लिए बीमारियों का सबब बनता जा रहा है. ट्रेंचिंग ग्राउंड से निकलने वाली जहरीली मीथेन गैस की वजह से आसपास रहने वाले लोगों को सांस संबंधी बीमारी तेजी से बढ़ रही है. यह गैस हवा के साथ मिलकर क्षेत्र की लगभग 5000 आबादी को प्रभावित करती है. अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह समस्या विकराल रूप ले सकती है.

तीर्थ नगरी में ट्रेंचिंग ग्राउंड की वजह लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रेंचिंग से निकतले वाली गैस से स्थानीय लोग बीमार पढ़ रहें है. जिससे उनको सांस संबंधी कई बीमारियां हो रही है. इसके बढ़ने के कारण यंहा के लोगों में भय बन गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि डंपिग जोन से जहरीली गैस निकलती है. जिससे पूरे क्षेत्र में बदबू फैल जाती है. वहीं, गैस हवा के साथ मिलकर क्षेत्र की लगभग 5000 आबादी को प्रभावित करती है.

तीर्थनगरी जहरीली मीथेन गैस से प्रभावित.

पढ़ेः मसूरी में सड़कें बदहाल, दुर्घटनाओं का सबब बने रहे गड्ढे

बता दें कि 6 वर्ष 8 वर्ष तक के बच्चों को भी दमा जैसी खतरनाक बीमारी होने लगी है. लोगों ने कूड़ेदान को हटाने की मांग करते हुए सरकार से गुहार लगाई है. इस विषय पर जब ईटीवी भारत ने बात की तो चिकित्सकों ने बताया कि वर्षों से पड़े कूड़े जब बारिश से गिला हो जाता है.और धूप पड़ने से एक जहरीली गैस निकलती है. जिससे कई तरह की बीमारियां पैदा होती है. सूरज की कारण पड़ने के बाद ये गैस सबसे ज्यादा प्रभावित करती है.

ऋषिकेशः तीर्थनगरी ऋषिकेश में ट्रेंचिंग ग्राउंड लोगों के लिए बीमारियों का सबब बनता जा रहा है. ट्रेंचिंग ग्राउंड से निकलने वाली जहरीली मीथेन गैस की वजह से आसपास रहने वाले लोगों को सांस संबंधी बीमारी तेजी से बढ़ रही है. यह गैस हवा के साथ मिलकर क्षेत्र की लगभग 5000 आबादी को प्रभावित करती है. अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह समस्या विकराल रूप ले सकती है.

तीर्थ नगरी में ट्रेंचिंग ग्राउंड की वजह लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ट्रेंचिंग से निकतले वाली गैस से स्थानीय लोग बीमार पढ़ रहें है. जिससे उनको सांस संबंधी कई बीमारियां हो रही है. इसके बढ़ने के कारण यंहा के लोगों में भय बन गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि डंपिग जोन से जहरीली गैस निकलती है. जिससे पूरे क्षेत्र में बदबू फैल जाती है. वहीं, गैस हवा के साथ मिलकर क्षेत्र की लगभग 5000 आबादी को प्रभावित करती है.

तीर्थनगरी जहरीली मीथेन गैस से प्रभावित.

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बता दें कि 6 वर्ष 8 वर्ष तक के बच्चों को भी दमा जैसी खतरनाक बीमारी होने लगी है. लोगों ने कूड़ेदान को हटाने की मांग करते हुए सरकार से गुहार लगाई है. इस विषय पर जब ईटीवी भारत ने बात की तो चिकित्सकों ने बताया कि वर्षों से पड़े कूड़े जब बारिश से गिला हो जाता है.और धूप पड़ने से एक जहरीली गैस निकलती है. जिससे कई तरह की बीमारियां पैदा होती है. सूरज की कारण पड़ने के बाद ये गैस सबसे ज्यादा प्रभावित करती है.

Intro:ऋषिकेश-- तीर्थ नगरी ऋषिकेश के बीचो बीच 18 एकड़ में फैला ट्रेंचिंग ग्राउंड की वजह से लोग बीमार हो रहे हैं इस ट्रेंचिंग ग्राउंड से निकलने वाली जहरीली मीथेन गैस की वजह से इसके आसपास रहने वाले लोगों में सांस संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं अगर जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो यह बीमारी तीर्थ नगरी के सभी घरों तक पहुंच सकती है।


Body:वी/ओ-- तीर्थ नगरी ऋषिकेश में ट्रेंचिंग ग्राउंड की वजह से सांस संबंधी कई बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं इन बीमारियों के बढ़ने के कारण यहां रहने वाले लोगों में अब भय का माहौल व्याप्त है स्थानीय लोगों का कहना है कि इस डंपिंग जोन से जहरीली गैस निकलती है जिससे पूरे क्षेत्र में बदबू फैल जाती है वहीं यह गैस हवा के साथ मिलकर क्षेत्र की लगभग 5000 आबादी को प्रभावित करती है स्थानीय लोगों का कहना है कि बदबू के साथ फैल रही बीमारी के अलावा यहां से गंदे कीड़े मकोड़े और सांप जैसे खतरनाक जीव भी यहां से निकल कर लोगों को घरों में घुस जाते हैं वहीं कुछ लोगों का कहना है कि आज ट्रेंचिंग ग्राउंड के आसपास के लोगों की हालत यह हो गई है कि वे यहां पर खुले में सांस भी नहीं ले पा रहे हैं साथ ही 6 वर्ष 8 वर्ष तक के बच्चों को भी दमा जैसी खतरनाक बीमारी होने लगी है लोगों में यह भी डर है कि कहीं बिहार की तरह उत्तराखंड के ऋषिकेश में भी चमकी जैसी कोई खतरनाक बीमारी इस कूड़ेदान की वजह से ना पैदा हो जाए लोगों ने इस कूड़ेदान को यहां से हटाने की मांग करते हुए सरकार से गुहार लगाई है।


Conclusion:वी/ओ-- इस विषय में ईटीवी भारत ने चिकित्सक से बात की तो चिकित्सकों ने बताया कि जब किसी स्थान पर कई वर्षों का कूड़ा बड़ा होता है और वह जब बारिश से गीला हो जाता है उसके बाद जब उस पर धूप पड़ती है तब उसके भीतर से एक जहरीली मीथेन गैस निकलती है जिससे कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं जिन में मुख्यतः सांस संबंधी बीमारियां होती हैं जैसे दमा अस्थमा टीवी जैसी बीमारियां है यह गैस सबसे ज्यादा प्रभावित उस समय करती है जब सूरज की किरण पढ़ने के बाद इससे गैस निकलती है और वह हवा में घुल कर फैल जाती है वही या और भी घातक तब हो जाती है जब इस कूड़े में आग लग जाती है और आग से धुआं फैलता है उस बदबूदार धुए से भी लोगों में बीमारी फैलती है।

बाईट--हारिशानंद(स्थानीय निवासी)
बाईट--विकास अग्रवाल(स्थानीय निवासी)
बाईट--एस के पंत(चिकित्सक)
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