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CM धामी के आश्वासन के बाद पेयजल निगम का कार्य बहिष्कार स्थगित, आमरण अनशन जारी - CM Pushkar Dhami assurance

सीएम धामी से मिले आश्वासन के बाद पेयजल निगम के कार्मिकों ने कार्य बहिष्कार का फैसला 7 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया है. हालांकि कार्मिकों का आमरण अनशन जारी रहेगा.

payjal nigam postponed Work boycott
पेयजल निगम का कार्य बहिष्कार स्थगित
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Published : Jan 2, 2022, 6:34 PM IST

देहरादून: कार्मिक उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी समन्वय समिति अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. कल पेयजल निगम के कार्मिकों ने कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले कार्मिकों को आश्वासन के बाद जल निगम एवं जल संस्थान का संयुक्त कार्य बहिष्कार स्थगित कर दिया है, लेकिन उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.

उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने नियमित वेतन और पेंशन भुगतान की मांग को लेकर 26 अक्टूबर को पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल की अध्यक्षता में शासन और निगम प्रबंधन से वार्ता की गई थी, जिसमें शासन ने कोषागार के माध्यम से वेतन एवं पेंशन भुगतान का लिखित आश्वासन दिया गया था.

डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव अजय बेलवाल ने कहा प्रशासकीय विभाग द्वारा कोषागार के माध्यम से वेतन पेंशन भुगतान का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को उपलब्ध कराया गया, लेकिन कैबिनेट मंत्री के निर्देशों के बावजूद विभाग ने कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की. जिससे मजबूर होकर उन्हें अपने स्थगित आंदोलन को पुनर्जीवित करना पड़ा, ऐसे में 28 दिसंबर से समन्वय समिति के अध्यक्ष इंजीनियर जितेंद्र सिंह देव और महामंत्री विजय खाली द्वारा पेयजल निगम मुख्यालय में आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें: विकासनगर को 260 करोड़ की योजनाओं की सौगात, CM धामी और नरेंद्र सिंह तोमर ने भरा जीत का दम

उन्होंने बताया कि अपनी मांगों को लेकर यह निर्णय लिया गया था कि 3 जनवरी को समूचे प्रदेश में असहयोग और कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा. इससे पेयजल निगम के अधीन करीब 242 योजनाएं प्रभावित होती और इसके साथ ही क्षेत्रों में जलापूर्ति ठप होने की पूर्ण और प्रबल संभावनाएं बन जाती. उन्होंने बताया कि संयुक्त मोर्चा द्वारा रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के मध्यस्था में 31 दिसंबर को मुख्यमंत्री से मुलाकात की गई. जिसमें सीएम धामी ने सकारात्मक आश्वासन दिया गया, जिसके बाद जनहित को देखते हुए 3 जनवरी से पूर्णत असहयोग आंदोलन कर जलापूर्ति ठप करने या बंद करने का निर्णय 7 जनवरी तक स्थगित कर दिया गया, लेकिन उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.

वहीं, इंजीनियर जितेंद्र देव का कहना है कि आज हमारे आमरण अनशन का छठवां दिन है. इस बीच पेयजल मंत्री द्वारा एक लिखित समझौता हुआ था, जिसमें पेयजल निगम और जल संस्थान के कार्मिकों को कोषागार से वेतन निर्गत किए जाने को लेकर सहमति बनी थी, लेकिन इसका शासनादेश अभी तक जारी नहीं हुआ है. वहीं, मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद कल 3 तारीख से पूरे राज्य में होने जा रहे कार्य बहिष्कार के फैसले को वापस ले लिया गया है, लेकिन उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.

देहरादून: कार्मिक उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी समन्वय समिति अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत है. कल पेयजल निगम के कार्मिकों ने कार्य बहिष्कार का ऐलान किया था, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिले कार्मिकों को आश्वासन के बाद जल निगम एवं जल संस्थान का संयुक्त कार्य बहिष्कार स्थगित कर दिया है, लेकिन उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.

उत्तराखंड पेयजल निगम अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने नियमित वेतन और पेंशन भुगतान की मांग को लेकर 26 अक्टूबर को पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल की अध्यक्षता में शासन और निगम प्रबंधन से वार्ता की गई थी, जिसमें शासन ने कोषागार के माध्यम से वेतन एवं पेंशन भुगतान का लिखित आश्वासन दिया गया था.

डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के महासचिव अजय बेलवाल ने कहा प्रशासकीय विभाग द्वारा कोषागार के माध्यम से वेतन पेंशन भुगतान का प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को उपलब्ध कराया गया, लेकिन कैबिनेट मंत्री के निर्देशों के बावजूद विभाग ने कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं की. जिससे मजबूर होकर उन्हें अपने स्थगित आंदोलन को पुनर्जीवित करना पड़ा, ऐसे में 28 दिसंबर से समन्वय समिति के अध्यक्ष इंजीनियर जितेंद्र सिंह देव और महामंत्री विजय खाली द्वारा पेयजल निगम मुख्यालय में आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया गया था.

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उन्होंने बताया कि अपनी मांगों को लेकर यह निर्णय लिया गया था कि 3 जनवरी को समूचे प्रदेश में असहयोग और कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया जाएगा. इससे पेयजल निगम के अधीन करीब 242 योजनाएं प्रभावित होती और इसके साथ ही क्षेत्रों में जलापूर्ति ठप होने की पूर्ण और प्रबल संभावनाएं बन जाती. उन्होंने बताया कि संयुक्त मोर्चा द्वारा रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ के मध्यस्था में 31 दिसंबर को मुख्यमंत्री से मुलाकात की गई. जिसमें सीएम धामी ने सकारात्मक आश्वासन दिया गया, जिसके बाद जनहित को देखते हुए 3 जनवरी से पूर्णत असहयोग आंदोलन कर जलापूर्ति ठप करने या बंद करने का निर्णय 7 जनवरी तक स्थगित कर दिया गया, लेकिन उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.

वहीं, इंजीनियर जितेंद्र देव का कहना है कि आज हमारे आमरण अनशन का छठवां दिन है. इस बीच पेयजल मंत्री द्वारा एक लिखित समझौता हुआ था, जिसमें पेयजल निगम और जल संस्थान के कार्मिकों को कोषागार से वेतन निर्गत किए जाने को लेकर सहमति बनी थी, लेकिन इसका शासनादेश अभी तक जारी नहीं हुआ है. वहीं, मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद कल 3 तारीख से पूरे राज्य में होने जा रहे कार्य बहिष्कार के फैसले को वापस ले लिया गया है, लेकिन उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.

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