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Corruption in Road Construction: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी कौडिया-किमसार-तिमल्यांणी रोड, 2 माह में उखड़ी सड़क‍

उत्तराखंड सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को प्रदेश के अधिकारी और ठेकेदार पलीता लगा रहे हैं. पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में कौडिया-किमसार-तिमल्यांणी मोटर मार्ग का दो महीने पहले डामरीकरण किया गया था, जो अब उखड़ने लगा. वहीं, महज 2 माह में ही सड़क उखड़ने से कई सवाल खड़े हुए हैं.

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Published : Feb 3, 2023, 3:59 PM IST

डामरीकरण में भ्रष्टाचार का आरोप

ऋषिकेश: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार का दावा फेल होता दिखाई दे रहा है. ताजा मामला पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक से सामने आया है. यहां प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत दो माह पहले ही कौडिया-किमसार-तिमल्यांणी मोटर मार्ग का डामरीकरण किया गया था, जो कमीशनखोरी के भेंट चढ़ गया. सड़क निर्माण में हुई अनियमितता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि महज हो महीने में ही यह मार्ग खस्ताहाल हो चुका है और सड़क उखड़ने भी लगी है.

2 महीने नहीं चला डामरीकरण: प्रदेश में सड़क निर्माण के नाम पर खुलेआम अनियमितता हो रही है. ऐसा ही मामला पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में देखने को मिल रहा है. जहां पर पीएमजीएसवाई योजना के तहत दो माह पहले कौडिया-किमसार-तिमल्यांणी मोटर मार्ग का डामरीकरण किया गया था. लेकिन यह मार्ग ठेकेदार और अधिकारियों के मिलीभगत की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.

बता दें कि ऋषिकेश से सटे यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत कौडिया-किमसार तिमल्यांणी मोटर मार्ग डाडामंडल क्षेत्र की 13 ग्राम सभाओं की लाइफ लाइन माना जाता है. साथ ही ऋषिकेश को कोटद्वार क्षेत्र से भी जोड़ता है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि मात्र दो माह में ही इस मार्ग का डामर उखड़ कर सड़क किनारे जमा हो गया है.

वहीं, बूंगा क्षेत्र के पंचायत सदस्य और भाजपा कार्यकर्ता एवं पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने भी संबंधित अधिकारियों पर जमकर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा अधिकारी, नेताओं की कमीशनखोरी के चलते सड़क की स्थिति खस्ताहाल हो चुकी है. दो महीने पूर्व ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा इस सड़क मार्ग का डामरीकरण करवाया गया था, लेकिन वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है.
ये भी पढ़ें: Amazing Doctor: मरीजों की सेवा के लिए डॉ उप्रेती ने ठुकराया CMO का पद, रेडियोलॉजिस्ट बन दे रहे सेवा

राजधानी से महज कुछ ही दूर पहाड़ी क्षेत्र की विधानसभा सीट यमकेश्वर में जब इस तरह की स्थिति बनी हुई है तो, दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों का क्या हाल होगा इसका आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं. लोकल रूट पर वाहन चलाने वाले वाहन स्वामियों ने भी सड़क की दुर्दशा पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि डामरीकरण में गड़बड़ी हुई है.

वाहन चालकों का कहना है कि मार्ग की दयनीय स्थिति से वाहनों की फिटनेस भी जल्द अनफिट होने लगती है. पर्यटन क्षेत्र ऋषिकेश के नजदीक इस क्षेत्र की सड़क का ऐसा हाल सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. जिसको लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता शांति प्रसाद भट्ट ने सरकार को आड़े हाथ लिया है.

इंजीनियर ने क्या कहा: वहीं पीएमजीएसवाई कोटद्वार डिवीजन के सहायक अभियंता योगेंद्र सिंह से इस बारे में ईटीवी संवाददाता विनय पांडे ने फोन पर सवाल किया तो उन्होंने कहा 9.5 किलोमीटर लंबी सड़क के डामरीकरण का 1 करोड़ के बॉन्ड था, जिसको 2 महीने पहले बनाया गया था. ग्रामीणों की मांग पर कुछ स्थानों पर मौसम अनुकूल नहीं होने के बावजूद भी सड़क बना दी गई थी, जो इस समय उधड़ गई है. अभी लगभग 500 मीटर सड़क उधड़ गई है, जिसको लेकर ठेकेदार को मरम्मत के लिए कहा गया है.

डामरीकरण में भ्रष्टाचार का आरोप

ऋषिकेश: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली सरकार का दावा फेल होता दिखाई दे रहा है. ताजा मामला पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक से सामने आया है. यहां प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत दो माह पहले ही कौडिया-किमसार-तिमल्यांणी मोटर मार्ग का डामरीकरण किया गया था, जो कमीशनखोरी के भेंट चढ़ गया. सड़क निर्माण में हुई अनियमितता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि महज हो महीने में ही यह मार्ग खस्ताहाल हो चुका है और सड़क उखड़ने भी लगी है.

2 महीने नहीं चला डामरीकरण: प्रदेश में सड़क निर्माण के नाम पर खुलेआम अनियमितता हो रही है. ऐसा ही मामला पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में देखने को मिल रहा है. जहां पर पीएमजीएसवाई योजना के तहत दो माह पहले कौडिया-किमसार-तिमल्यांणी मोटर मार्ग का डामरीकरण किया गया था. लेकिन यह मार्ग ठेकेदार और अधिकारियों के मिलीभगत की वजह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.

बता दें कि ऋषिकेश से सटे यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत कौडिया-किमसार तिमल्यांणी मोटर मार्ग डाडामंडल क्षेत्र की 13 ग्राम सभाओं की लाइफ लाइन माना जाता है. साथ ही ऋषिकेश को कोटद्वार क्षेत्र से भी जोड़ता है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि मात्र दो माह में ही इस मार्ग का डामर उखड़ कर सड़क किनारे जमा हो गया है.

वहीं, बूंगा क्षेत्र के पंचायत सदस्य और भाजपा कार्यकर्ता एवं पूर्व सैनिक सुदेश भट्ट ने भी संबंधित अधिकारियों पर जमकर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा अधिकारी, नेताओं की कमीशनखोरी के चलते सड़क की स्थिति खस्ताहाल हो चुकी है. दो महीने पूर्व ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना द्वारा इस सड़क मार्ग का डामरीकरण करवाया गया था, लेकिन वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी है.
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राजधानी से महज कुछ ही दूर पहाड़ी क्षेत्र की विधानसभा सीट यमकेश्वर में जब इस तरह की स्थिति बनी हुई है तो, दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्रों का क्या हाल होगा इसका आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं. लोकल रूट पर वाहन चलाने वाले वाहन स्वामियों ने भी सड़क की दुर्दशा पर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि डामरीकरण में गड़बड़ी हुई है.

वाहन चालकों का कहना है कि मार्ग की दयनीय स्थिति से वाहनों की फिटनेस भी जल्द अनफिट होने लगती है. पर्यटन क्षेत्र ऋषिकेश के नजदीक इस क्षेत्र की सड़क का ऐसा हाल सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है. जिसको लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के वरिष्ठ नेता शांति प्रसाद भट्ट ने सरकार को आड़े हाथ लिया है.

इंजीनियर ने क्या कहा: वहीं पीएमजीएसवाई कोटद्वार डिवीजन के सहायक अभियंता योगेंद्र सिंह से इस बारे में ईटीवी संवाददाता विनय पांडे ने फोन पर सवाल किया तो उन्होंने कहा 9.5 किलोमीटर लंबी सड़क के डामरीकरण का 1 करोड़ के बॉन्ड था, जिसको 2 महीने पहले बनाया गया था. ग्रामीणों की मांग पर कुछ स्थानों पर मौसम अनुकूल नहीं होने के बावजूद भी सड़क बना दी गई थी, जो इस समय उधड़ गई है. अभी लगभग 500 मीटर सड़क उधड़ गई है, जिसको लेकर ठेकेदार को मरम्मत के लिए कहा गया है.

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