रुड़की/ऋषिकेश/अल्मोड़ा: लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहे मांस और अंडे के कारोबार पर एक बार फिर से संकट के बादल छा गए हैं. पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की खबरें आने के बाद मांस और अंडे के व्यवसाय में काफी कमी आई है. हालांकि, उत्तराखंड अभी तक बर्ड फ्लू की दस्तक से महफूज है. बावजूद इसके यहां के कारोबारियों पर भी इसका खासा असर पड़ता दिखाई दे रहा है.
रुड़की शहर के चिकन और अंडा कारोबारियों का कहना है कि बर्ड फ्लू की खबरों से कारोबार आधा हो चुका है. तो वहीं, कुछ कारोबारियों का मानना है कि इन दिनों इस तरह की अफवाह फैलती है. ये मात्र एक अफवाह है और कुछ नहीं. बहरहाल, बर्ड फ्लू की खबरों से लोग दहशत में हैं. जिससे मांस का कारोबार दिन प्रति दिन ढलता नजर आ रहा है.
वहीं, रुड़की सिविल अस्पताल की चिकित्सक डॉ. वंदना भारद्वाज ने इसके बचाव के उपाय बताए हैं. उन्होंने बताया किसी भी वायरस से बचने के लिए साफ सफाई बेहद जरूरी है. इसके साथ ही 160 डिग्री फॉरेनहाइट तापमान पर पका भोजन सुरक्षित होता है. बर्ड फ्लू के कुछ स्ट्रेन बेहद जानलेवा होते हैं, इसलिए इस दौरान लोगों को सुरक्षित रहने और पूरी तरह पकी चीजें ही खानी चाहिए.
ऋषिकेश के मांस व्यापारी खासे परेशान
ऋषिकेश के मांस से व्यापारी अजय कुमार का कहना है कि बर्ड फ्लू की खबरें सामने आने के बाद उनकी दुकान पर एक भी ग्राहक नहीं आ रहा है, जिस कारण अब काफी चिंता हो रही है.
अल्मोड़ा में पशु चिकित्सक अलर्ट पर
देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू के प्रकोप के चलते अल्मोड़ा जिले में भी पशुपालन विभाग अलर्ट हो गया है. विभाग ने सभी पशु चिकित्सकों को अलर्ट करते हुए पोल्ट्री फार्मों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं. साथ ही पोल्ट्री फार्म के कारोबार से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू से बचाव को लेकर जागरूक किया जा रहा है. ऐसे मामले पर निगरानी के लिए टास्क टीम का भी गठन किया गया है. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ रविन्द्र चंद्रा ने बताया कि बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर उनके द्वारा जिले के सभी पशु चिकित्सकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
बर्ड फ्लू से पूरे देश में दहशत
बता दें, हिमाचल प्रदेश में अब तक कई पक्षी इसकी चपेट में आ चुके हैं. राजस्थान, मध्य प्रदेश में कौवे और केरल में बत्तख इस जानलेवा वायरस का शिकार हुई हैं. जिसकी खबरों से देशभर में दहशत का माहौल है. बर्ड फ्लू की दस्तक ने मांस और अंडा कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी है.