ऋषिकेशः एम्स से निष्कासित कर्मचारियों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. कर्मचारी बीते कई दिनों से अनशन पर हैं. इसी क्रम में सोमवार को एक आंदोलनकारी के पिता पेट्रोल की बोतल लेकर एम्स की बिल्डिंग पर चढ़ गये. जहां से उन्होंने छत से कूदकर आत्मदाह करने की धमकी दी. वहीं, मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद समझा-बुझाकर नीचे उतारा. जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है.
दरअसल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने आउटसोर्सिंग से तैनात कई कर्मचारियों को परमानेंट वैकेंसी का हवाला देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया था. जिसके बाद कर्मचारी नौकरी की बहाली को लेकर 52 दिनों से अनशन पर थे, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी एम्स प्रशासन ने मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया. जिस पर सोमवार को एक एम्स से निष्कासित एक महिला कर्मचारी के पिता हाथ में पेट्रोल की बोतल लेकर एम्स की बिल्डिंग पर चढ़ गये.
इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों की बहाली नहीं होने पर छत से कूदकर आत्महत्या करने की धमकी दी. एम्स की छत पर बुजुर्ग के चढ़ने की खबर मिलने के बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए. सूचना मिलने के बाद मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई. वहीं, काफी देर के बाद कड़ी मशक्कत कर पुलिस ने दाताराम ममगाई समझा-बुझाकर उसे छत से नीचे उतारा. जहां पर उसे हिरासत में लिया गया है. जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली. उधर, निष्कासित कर्मचारियों का अनशन जारी है.
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वहीं, आंदोलनकारी सरिता बेलवाल ने बताया कि उनके पिता ने एजुकेशन लोन लेकर उन्हें पढ़ाया था. वो यहां पर नौकरी कर अपने लोन को चुका रही थीं, लेकिन पांच साल तक नौकरी करने के बाद उन्हें निष्कासित कर दिया गया है. ऐसे में उन पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है. इसी को लेकर उनके पिता एम्स की बिल्डिंग की छत पर चढ़कर नौकरी की बहाली की मांग कर रहे हैं. वहीं, उन्होंने एम्स निदेशक पर आरोप लगाते हुए कहा कि निदेशक अपने करीबियों को नौकरी पर रख रहे हैं. जिससे कई अन्य लोग बेरोजगार हो गये हैं.
उधर, मामले में खबर चलने के बाद एम्स निदेशक रवि कांत ने ईटीवी भारत से फोन पर संपर्क साधा. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि सभी लोगों को एग्जाम देने का मौका मिला था, लेकिन ये लोग कई बार एग्जाम देने के बावजूद फेल हो गए. इसी कारण ये लोग धरना दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी भी इन कर्मचारियों के पास एग्जाम देकर नौकरी करने का मौका है.
साथ ही कहा कि अभी नर्सिंग के पांच एग्जाम होने बाकी हैं. इस तरह के शोर-शराबे से कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि ऋषिकेश एम्स में आउटसोर्सिंग की भर्तियां बंद कर दी गई हैं. एग्जाम पास करने वाला ही नौकरी कर पाएंगे. एम्स निदेशक ने कहा कि ऋषिकेश एम्स में विशेष तौर पर उत्तराखंड के लोगों के लिए कोई दर्जा नहीं है, यहां पर पूरे देश के लोग ओपन एग्जाम में बैठते हैं. जो भी एग्जाम पास करते हैं, उन्हें नौकरी मिलती है.
दाताराम महंगाई ने बताया कि एम्स प्रशासन से उनकी बातचीत हुई है, जिसमें 35 लोगों को दोबारा से आउटसोर्सिंग के जरिए एम्स ऋषिकेश में नौकरी पर रखने का आश्वासन दिया गया है. साथ ही कहा कि एम्स अपने वादे से मुकरता है तो आंदोलन एक अलग रूप लेगा.वहीं, मौके पर तहसीलदार रेखा आर्य और कोतवाल रितेश शाह मौजूद रहे. ऋषिकेश कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि दाताराम ममगाईं को छत से उतार लिया गया है. दाताराम के खिलाफ शांति भंग की धारा 151 में कार्रवाई की जा रही है.