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उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं आया तो अन्य दलों की भूमिका होगी अहम, पढ़ें पूरी खबर

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Elections) के परिणाम दस मार्च को आएंगे. लेकिन मौजूदा हालातों में अगर भाजपा या कांग्रेस में से कोई भी पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बना पाए तो ऐसी स्थिति में बाकी दलों और निर्दलीयों की भूमिका काफी अहम होगी. लिहाजा यह जानना भी जरूरी है कि ऐसे दलों और संभावित मजबूत निर्दलीयों की क्या भूमिका होगी.

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मोहम्मद शहजाद
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Published : Mar 6, 2022, 12:54 PM IST

Updated : Mar 6, 2022, 1:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 10 मार्च को नतीजे आने हैं. उत्तराखंड में फिलहाल राजनीतिक दल और प्रत्याशी 10 मार्च का इंतजार कर रहे हैं. जब मतगणना के बाद चुनाव परिणामों को घोषित कर दिया जाएगा. मौजूदा हालातों में अगर भाजपा या कांग्रेस में से कोई भी पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बना पाए तो ऐसी स्थिति में बाकी दलों और निर्दलीयों की भूमिका काफी अहम होगी. लिहाजा यह जानना भी जरूरी है कि ऐसे दलों और संभावित मजबूत निर्दलीयों की क्या भूमिका होगी.

विधानसभा चुनाव 2022 के मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अगर प्रदेश में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं आया तो ऐसी स्थिति में बहुजन समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल और आम आदमी पार्टी समेत निर्दलीयों की अहम भूमिका हो सकती है. इसी को देखते हुए यह जानना भी जरूरी है कि अगर ऐसे हालात पैदा हुए तो यह दल या निर्दलीय किस ओर जाएंगे. इसी पर बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता और प्रत्याशी शहजाद ने कहा कि बहुजन समाजवादी पार्टी चुनाव के बाद किसको समर्थन देगी यह बात बहन मायावती तय करेंगी. वह बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़े हैं, लिहाजा इसका फैसला करने का अधिकार बहन मायावती को है.

उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं आया तो अन्य दलों की भूमिका होगी अहम.

बसपा के प्रत्याशी शहजाद ने कहा कि वैसे तो अभी इस बात को कहना काफी जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि वे बसपा के साथ रहेंगे और उन्होंने किसी पार्टी से न तो कोई संपर्क किया है और न ही वह बिकने वाले प्रत्याशी हैं. वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश का एकमात्र क्षेत्रीय दल है और माना जा रहा है कि यूकेडी के भी कुछ विधायक इस बार जीत सकते हैं. ऐसे में उत्तराखंड क्रांति दल किसको समर्थन देगा, यह भी काफी अहम सवाल है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले उत्तराखंड में यह क्षेत्रीय दल कांग्रेस को भी समर्थन दे चुका है और भाजपा को भी. हालांकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनका मत उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार देना और प्रदेश को प्राथमिकता देने से है. हालांकि पार्टी किसी को समर्थन देगी या नहीं इसका फैसला पार्टी के भीतर ही किया जाएगा.

पढ़ें: नमामि गंगे परियोजना पर 6 सालों में खर्च हुए 482.59 करोड़, हालात जस के तस

इस मामले में यमुनोत्री विधानसभा के निर्दलीय प्रत्याशी संजय डोभाल ने कहा कि चुनावी परिणाम क्या होंगे कोई नहीं जानता. जहां तक समर्थन देने का सवाल है तो वे अब तक कांग्रेस में रहे हैं. जाहिर तौर पर उनका झुकाव कांग्रेस की तरफ होगा. हालांकि उनका समर्थन किसको रहेगा यह अभी कहना काफी मुश्किल होगा.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 10 मार्च को नतीजे आने हैं. उत्तराखंड में फिलहाल राजनीतिक दल और प्रत्याशी 10 मार्च का इंतजार कर रहे हैं. जब मतगणना के बाद चुनाव परिणामों को घोषित कर दिया जाएगा. मौजूदा हालातों में अगर भाजपा या कांग्रेस में से कोई भी पूर्ण बहुमत की सरकार नहीं बना पाए तो ऐसी स्थिति में बाकी दलों और निर्दलीयों की भूमिका काफी अहम होगी. लिहाजा यह जानना भी जरूरी है कि ऐसे दलों और संभावित मजबूत निर्दलीयों की क्या भूमिका होगी.

विधानसभा चुनाव 2022 के मतदान के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अगर प्रदेश में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं आया तो ऐसी स्थिति में बहुजन समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल और आम आदमी पार्टी समेत निर्दलीयों की अहम भूमिका हो सकती है. इसी को देखते हुए यह जानना भी जरूरी है कि अगर ऐसे हालात पैदा हुए तो यह दल या निर्दलीय किस ओर जाएंगे. इसी पर बहुजन समाजवादी पार्टी के नेता और प्रत्याशी शहजाद ने कहा कि बहुजन समाजवादी पार्टी चुनाव के बाद किसको समर्थन देगी यह बात बहन मायावती तय करेंगी. वह बहुजन समाज पार्टी से चुनाव लड़े हैं, लिहाजा इसका फैसला करने का अधिकार बहन मायावती को है.

उत्तराखंड में भाजपा-कांग्रेस को पूर्ण बहुमत नहीं आया तो अन्य दलों की भूमिका होगी अहम.

बसपा के प्रत्याशी शहजाद ने कहा कि वैसे तो अभी इस बात को कहना काफी जल्दबाजी होगी. उन्होंने कहा कि वे बसपा के साथ रहेंगे और उन्होंने किसी पार्टी से न तो कोई संपर्क किया है और न ही वह बिकने वाले प्रत्याशी हैं. वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल प्रदेश का एकमात्र क्षेत्रीय दल है और माना जा रहा है कि यूकेडी के भी कुछ विधायक इस बार जीत सकते हैं. ऐसे में उत्तराखंड क्रांति दल किसको समर्थन देगा, यह भी काफी अहम सवाल है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले उत्तराखंड में यह क्षेत्रीय दल कांग्रेस को भी समर्थन दे चुका है और भाजपा को भी. हालांकि पार्टी के नेताओं का कहना है कि उनका मत उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार देना और प्रदेश को प्राथमिकता देने से है. हालांकि पार्टी किसी को समर्थन देगी या नहीं इसका फैसला पार्टी के भीतर ही किया जाएगा.

पढ़ें: नमामि गंगे परियोजना पर 6 सालों में खर्च हुए 482.59 करोड़, हालात जस के तस

इस मामले में यमुनोत्री विधानसभा के निर्दलीय प्रत्याशी संजय डोभाल ने कहा कि चुनावी परिणाम क्या होंगे कोई नहीं जानता. जहां तक समर्थन देने का सवाल है तो वे अब तक कांग्रेस में रहे हैं. जाहिर तौर पर उनका झुकाव कांग्रेस की तरफ होगा. हालांकि उनका समर्थन किसको रहेगा यह अभी कहना काफी मुश्किल होगा.

Last Updated : Mar 6, 2022, 1:36 PM IST
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