देहरादून: श्रीदेव सुमन यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट एग्जामिनेशन कंट्रोलर पर गाज गिर सकती है. असिस्टेंट एग्जामिनेशन कंट्रोलर के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. इसके लिए कार्य परिषद के सदस्य कौशलेंद्र सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में पांच सदस्य जांच समिति गठित की गई है. ये समिति मामले की गहनता से जांच कर विश्वविद्यालय को अपनी आख्या प्रदान करेगी.
बता दें श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में सहायक परीक्षा नियंत्रक पद पर कार्यरत डॉ हेमंत बिष्ट की विश्वविद्यालय में नियुक्ति 2017 बैच में की गई थी. उस दौरान भी इन नियुक्तियों पर कई तरह के सवाल खड़े किए गए थे. वहीं पिछले शैक्षणिक सत्र में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से एफिलेटेड कई प्राइवेट कॉलेजों में नियमों के विरुद्ध जाकर आवंटित सीटों से ज्यादा परीक्षा करवाने को लेकर भी यह मामला जुड़ता नजर आ रहा है.
बुधवार को विश्वविद्यालय के कुलसचिव मोहन सिंह पवार ने आदेश जारी करते हुए विश्वविद्यालय के सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ हेमंत बिष्ट के खिलाफ अमर्यादित और अनुशासन ही कार्यों का संज्ञान लेते हुए जांच समिति नियुक्त कर दी है.
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विश्वविद्यालय के कुलसचिव द्वारा इस मामले पर कार्य परिषद के सदस्य कौशलेंद्र सिंह भदौरिया की अध्यक्षता में पांच सदस्य जांच समिति गठित की गई है जो कि इस मामले में गहनता से जांच कर विश्वविद्यालय को अपनी आख्या प्रदान करेगी. इस जांच समिति की रिपोर्ट पर विश्वविद्यालय प्रशासन यह फैसला लेगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जानी है. हेमंत बिष्ट पर विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने, अपने अस्तर से कई आदेश जारी करने और शासन से बिना विश्वविद्यालय को संज्ञान में लिए पत्राचार करने के आरोप लगे हैं.
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विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी का इस मामले पर कहना है कि विश्वविद्यालय के किसी भी कर्मचारी और अधिकारी को अपने सेवा नियमावली का पालन करते हुए अनुशासन में रहना चाहिए. अगर कोई भी अनुशासनहीनता करता है तो वह जांच के दायरे में आता है. उन्होंने कहा इस मामले पर अभी जांच समिति गठित की गई है. जांच समिति की रिपोर्ट आने से पहले कुछ भी बोलना जल्दबाजी होगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच समिति में अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.