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केंद्रीय तिब्बती विद्यालय के निजीकरण के विरोध में उतरे अभिभावक, विद्यालय के गेट पर किया प्रदर्शन

विकासनगर के हरबर्टपुर स्थित केंद्रीय तिब्बती विद्यालय (सीएसटी) को निजी संस्था को सौंपे जाने पर अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा है. अभिभावकों और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विद्यालय के गेट पर विरोध प्रदर्शन किया. अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय के निजी हाथों में जाने पर बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ेगा.

Opposition to the privatization of the Central Tibetan School
Opposition to the privatization of the Central Tibetan School
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Published : Oct 30, 2021, 5:20 PM IST

विकासनगर: केंद्रीय विद्यालय हरबर्टपुर के निजीकरण व भारतीय मूल के अध्यापकों के स्थानांतरण किए जाने को लेकर अभिभावकों और आम आदमी पार्टी ने विद्यालय गेट पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर शिक्षा के निजीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि साजिश के तहत गरीब तबके के छात्र-छात्राओं गुणवत्तापरक शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है.

इस मौके पर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष गुरमेल सिंह राठौड़ ने कहा कि केंद्रीय तिब्बती स्कूल हरबर्टपुर को केंद्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन से हस्तांतरित कर एक निजी संस्था तिब्बती स्कूल सोसाइटी को दिया जा रहा है, जिसके कारण विद्यालय में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता पर भारी असर पड़ने वाला है. वर्तमान में विद्यालय में करीब 421 भारतीय छात्र अध्ययनरत हैं और निजीकरण के बाद शिक्षा की गुणवत्ता पर फर्क पड़ना तय है, क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र में शिक्षा सबसे ज्यादा हितकारी होती है.

उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र द्वारा चलाई जाने वाली शिक्षा प्रणाली पर हमारा अटूट विश्वास है. उसका विकल्प कोई भी नीचे संस्था कभी भी नहीं हो सकती है. तिब्बती और भारतीय छात्र साथ में पढ़ें और इस विद्यालय के अंदर यथास्थिति बनी रहे. यह स्थिति ना बने कि भारतीय छात्रों को यह विद्यालय छोड़ना पड़े, जो बहुत बड़ी संख्या में विद्यालय में अध्ययनरत हैं.

गुरमेल सिंह ने कहा कि यह विद्यालय क्षेत्र की जनता के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का एक मुख्य केंद्र है, जिसमें 90 फीसदी छात्र भारतीय मूल के पढ़ते हैं. अगर निजी तिब्बती संस्था को इसे हस्तांतरित किया जाता है, तो इसमें भारतीय छात्रों के हितों की रक्षा नहीं हो पाएगी. वह अपने ही देश में एक विदेशी मूल की निजी संस्था के अधीन हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय हरबर्टपुर के निजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए.

पढ़ें- बागियों के आगे BJP मजबूर, अपनों से हो रही दूर, टिकट कटा तो क्या होगा सिटिंग MLA का प्लान B?

जिला अध्यक्ष गुरमेल सिंह राठौड़ ने कहा कि इस संबंध में एक पत्र भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार को एसडीएम के माध्यम से भी भेजा गया है. बीते दिन केंद्रीय विद्यालय की निजी संस्था के केंद्रीय शिक्षा मंत्री अभिभावकों के साथ औपचारिक मीटिंग करने आए थे. उन्होंने कोई भी सकारात्मक या ठोस जवाब नहीं दिया. यह बीजेपी की सोची-समझी रणनीति के तहत उनको यहां भेजा गया.

उन्होंने कहा कि अगर यह विद्यालय बंद हो जाएगा को क्षेत्र के 421 बच्चों का भविष्य अंधकार में हो जाएगा. विकासनगर क्षेत्र में कोई भी केंद्रीय विद्यालय नहीं है और ना ही कोई नवोदय विद्यालय है. विकासनगर विधानसभा क्षेत्र में होनार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उनका भविष्य अंधकार में है. उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो आम आदमी पार्टी अब आपका के साथ मिलकर जंतर मंतर पर भी धरना देने को मजबूर होगी.

विकासनगर: केंद्रीय विद्यालय हरबर्टपुर के निजीकरण व भारतीय मूल के अध्यापकों के स्थानांतरण किए जाने को लेकर अभिभावकों और आम आदमी पार्टी ने विद्यालय गेट पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर शिक्षा के निजीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि साजिश के तहत गरीब तबके के छात्र-छात्राओं गुणवत्तापरक शिक्षा से वंचित रखा जा रहा है.

इस मौके पर आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष गुरमेल सिंह राठौड़ ने कहा कि केंद्रीय तिब्बती स्कूल हरबर्टपुर को केंद्रीय तिब्बती स्कूल प्रशासन से हस्तांतरित कर एक निजी संस्था तिब्बती स्कूल सोसाइटी को दिया जा रहा है, जिसके कारण विद्यालय में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की शिक्षा की गुणवत्ता पर भारी असर पड़ने वाला है. वर्तमान में विद्यालय में करीब 421 भारतीय छात्र अध्ययनरत हैं और निजीकरण के बाद शिक्षा की गुणवत्ता पर फर्क पड़ना तय है, क्योंकि सार्वजनिक क्षेत्र में शिक्षा सबसे ज्यादा हितकारी होती है.

उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र द्वारा चलाई जाने वाली शिक्षा प्रणाली पर हमारा अटूट विश्वास है. उसका विकल्प कोई भी नीचे संस्था कभी भी नहीं हो सकती है. तिब्बती और भारतीय छात्र साथ में पढ़ें और इस विद्यालय के अंदर यथास्थिति बनी रहे. यह स्थिति ना बने कि भारतीय छात्रों को यह विद्यालय छोड़ना पड़े, जो बहुत बड़ी संख्या में विद्यालय में अध्ययनरत हैं.

गुरमेल सिंह ने कहा कि यह विद्यालय क्षेत्र की जनता के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का एक मुख्य केंद्र है, जिसमें 90 फीसदी छात्र भारतीय मूल के पढ़ते हैं. अगर निजी तिब्बती संस्था को इसे हस्तांतरित किया जाता है, तो इसमें भारतीय छात्रों के हितों की रक्षा नहीं हो पाएगी. वह अपने ही देश में एक विदेशी मूल की निजी संस्था के अधीन हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय हरबर्टपुर के निजीकरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए.

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जिला अध्यक्ष गुरमेल सिंह राठौड़ ने कहा कि इस संबंध में एक पत्र भारत सरकार व उत्तराखंड सरकार को एसडीएम के माध्यम से भी भेजा गया है. बीते दिन केंद्रीय विद्यालय की निजी संस्था के केंद्रीय शिक्षा मंत्री अभिभावकों के साथ औपचारिक मीटिंग करने आए थे. उन्होंने कोई भी सकारात्मक या ठोस जवाब नहीं दिया. यह बीजेपी की सोची-समझी रणनीति के तहत उनको यहां भेजा गया.

उन्होंने कहा कि अगर यह विद्यालय बंद हो जाएगा को क्षेत्र के 421 बच्चों का भविष्य अंधकार में हो जाएगा. विकासनगर क्षेत्र में कोई भी केंद्रीय विद्यालय नहीं है और ना ही कोई नवोदय विद्यालय है. विकासनगर विधानसभा क्षेत्र में होनार बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. उनका भविष्य अंधकार में है. उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार ने अपना निर्णय वापस नहीं लिया, तो आम आदमी पार्टी अब आपका के साथ मिलकर जंतर मंतर पर भी धरना देने को मजबूर होगी.

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