देहरादून: प्रदेश में अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले यूसीसी को लेकर घमासान छिड़ गया है. दरअसल सरकार का कहना है कि यूसीसी का ड्राफ्ट 30 जून तक फाइनल हो जाएगा और समान नागरिक संहिता पर सरकार का ड्राफ्ट दूसरे राज्यों के लिए मॉडल के रूप में जाना जाएगा. वहीं एक तरफ उत्तराखंड सरकार नागरिक संहिता को जल्द से जल्द लाने की तैयारी कर रही है, तो यूसीसी को लेकर आयोजित विशेषज्ञ समिति की बैठक का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है.
AAP और कांग्रेस ने उठाए सवाल: आम आदमी पार्टी ने भी इस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि समिति द्वारा साल भर में तैयार की गई जानकारी मांगी गई, लेकिन समिति ने मसौदा नहीं दिया. जिससे पार्टी ने दूरी बना ली है. वहीं, कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया कि कमेटी ने सिर्फ एक लाइन की जानकारी देकर बैठक के लिए बुलाया था. जिससे इस पर समुचित चर्चा संभव नहीं है. हालांकि कांग्रेस पार्टी ने समिति से अब तक तैयार किए गए मसौदे को दिए जाने की मांग भी की है.
भाजपा ने 30 जून तक रिपोर्ट तैयार होने की कही बात: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट का कहना है कि इस कानून को लाने के लिए विभिन्न कार्यशाला आयोजित की गई हैं और इस कानून को लेकर लोगों से विभिन्न जानकारियां प्राप्त की गई हैं. इस संदर्भ में कल एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है. जिसमें कई महत्वपूर्ण सुझाव भी सामने आए हैं. जैसे ही सुझाव का संकलन तैयार होगा 30 जून तक इस पर रिपोर्ट तैयार हो जाएगी. साथ ही कहा कि समान नागरिक संहिता के विषय में सरकार बहुत ज्यादा संवेदनशील है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से वादा किया था कि राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लाएंगे.
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