ETV Bharat / state

उत्तराखंड रोडवेज के कंडक्टरों की कारस्तानी, लोड फैक्टर में दिखाया घाटा

परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों में परिचालकों द्वारा लोड फैक्टर में राजस्व का घाटा दिखाने का मामला सामने आया है. जिसको लेकर परिवहन निगम के मंडलीय प्रबंधक संजय गुप्ता ने आदेश जारी कर आरोपित परिचालकों को उनके मन चाहे रूट से बदलने के कड़े निर्देश दिए हैं.

Uttarakhand Transport Corporation
उत्तराखंड परिवहन निगम
author img

By

Published : Jul 23, 2021, 7:17 PM IST

देहरादून: लंबे समय से घाटे से जूझ रहे उत्तराखंड परिवहन निगम का एक और घाटा सामने आया है. जिसका अहसास निगम को काफी समय बाद हुआ है. परिवहन निगम द्वारा संचालित होने वाली ऐसी कई रूट की बसें हैं, जहां वर्षों से बस कंडक्टर (परिचालक) उसी मार्ग पर ड्यूटी कर रहे हैं, उसके बावजूद मानक अनुसार अच्छा लोड फैक्टर का राजस्व वह अर्जित नहीं दिखा रहे हैं.

वर्षों से संबंधित मार्ग में काफी संख्या में सवारियों का आवागमन होने के बावजूद संबंधित बस परिचालक अपने लोड फैक्टर में राजस्व का घाटा दिखाए जा रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम को कई परिचालकों के कारनामे की वजह से लंबे समय से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

परिवहन निगम ने जब मामले में विस्तृत रूप में समीक्षा की तो पता चला कि संबंधित बस परिचालक के स्थान पर जब कभी दूसरे परिचालक को ड्यूटी पर उस रूट पर भेजा जाता है तो पहले की तुलना लोड फैक्टर का राजस्व मानक के अनुसार मुनाफे का हो जाता है. लेकिन पहले से ड्यूटी कर रहे परिचालक जब उस मार्ग पर चलते हैं तो लोड फैक्टर का राजस्व घट जाता है.

ये भी पढ़ें: परिवहन निगम को 18 साल में 520 करोड़ का घाटा, जानें वजह

ऐसी दशा में उत्तराखंड परिवहन निगम के मंडलीय प्रबंधक संजय गुप्ता ने आदेश जारी कर आरोपित परिचालकों को उनके मन चाहे रूट से बदलने के कड़े निर्देश दिए हैं. ऐसा ना करने पर संबंधित अधिकारियों पर व्यक्तिगत रूप से जवाबदेही तय की गई है.

संजय गुप्ता द्वारा जारी किए गए आदेश में इस बात का भी जिक्र है कि लंबे समय से एक ही मार्ग पर लगातार ड्यूटी करने वाले परिचालक हठधर्मिता दिखाते हुए अपनी ड्यूटी दबाव पूर्ण तरीके से केंद्र प्रभारी द्वारा मानकों के अनुरूप करवा लेते हैं.

परिवहन निगम के इस आदेश में इस बात का भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ऐसा कोई नियम या बाध्यता नहीं है कि एक रूट की बसों में एक ही परिचालक ड्यूटी में कार्यरत रहेगा. नियम अनुसार परिवहन निगम के वाहनों के लोडफैक्टर निर्धारित मानकों से कम होने पर तत्काल ही संबंधित मार्ग के परिचालक हटाया जा सकता है.

देहरादून: लंबे समय से घाटे से जूझ रहे उत्तराखंड परिवहन निगम का एक और घाटा सामने आया है. जिसका अहसास निगम को काफी समय बाद हुआ है. परिवहन निगम द्वारा संचालित होने वाली ऐसी कई रूट की बसें हैं, जहां वर्षों से बस कंडक्टर (परिचालक) उसी मार्ग पर ड्यूटी कर रहे हैं, उसके बावजूद मानक अनुसार अच्छा लोड फैक्टर का राजस्व वह अर्जित नहीं दिखा रहे हैं.

वर्षों से संबंधित मार्ग में काफी संख्या में सवारियों का आवागमन होने के बावजूद संबंधित बस परिचालक अपने लोड फैक्टर में राजस्व का घाटा दिखाए जा रहे हैं. ऐसे में उत्तराखंड परिवहन निगम को कई परिचालकों के कारनामे की वजह से लंबे समय से आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

परिवहन निगम ने जब मामले में विस्तृत रूप में समीक्षा की तो पता चला कि संबंधित बस परिचालक के स्थान पर जब कभी दूसरे परिचालक को ड्यूटी पर उस रूट पर भेजा जाता है तो पहले की तुलना लोड फैक्टर का राजस्व मानक के अनुसार मुनाफे का हो जाता है. लेकिन पहले से ड्यूटी कर रहे परिचालक जब उस मार्ग पर चलते हैं तो लोड फैक्टर का राजस्व घट जाता है.

ये भी पढ़ें: परिवहन निगम को 18 साल में 520 करोड़ का घाटा, जानें वजह

ऐसी दशा में उत्तराखंड परिवहन निगम के मंडलीय प्रबंधक संजय गुप्ता ने आदेश जारी कर आरोपित परिचालकों को उनके मन चाहे रूट से बदलने के कड़े निर्देश दिए हैं. ऐसा ना करने पर संबंधित अधिकारियों पर व्यक्तिगत रूप से जवाबदेही तय की गई है.

संजय गुप्ता द्वारा जारी किए गए आदेश में इस बात का भी जिक्र है कि लंबे समय से एक ही मार्ग पर लगातार ड्यूटी करने वाले परिचालक हठधर्मिता दिखाते हुए अपनी ड्यूटी दबाव पूर्ण तरीके से केंद्र प्रभारी द्वारा मानकों के अनुरूप करवा लेते हैं.

परिवहन निगम के इस आदेश में इस बात का भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि ऐसा कोई नियम या बाध्यता नहीं है कि एक रूट की बसों में एक ही परिचालक ड्यूटी में कार्यरत रहेगा. नियम अनुसार परिवहन निगम के वाहनों के लोडफैक्टर निर्धारित मानकों से कम होने पर तत्काल ही संबंधित मार्ग के परिचालक हटाया जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.