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रंग लाई ऑपरेशन स्माइल की मुहिम, 622 गुमशुदा की घरवापसी

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Published : Feb 11, 2020, 5:40 PM IST

ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस ने 622 गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाया. इस अभियान के तहत पांच अलग-अलग टीमों ने अलग-अलग राज्यों से गुमशुदा लोगों को खोजकर उनके परिजनों के हवाले किया.

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ऑपरेशन स्माइल

देहरादून: दो महीने तक चले ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस ने 622 गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाया. यह ऑपरेशन एक दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2020 तक चलाई गई, जिसके तहत देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जनपदों के 315 बच्चे, 100 पुरुष और 207 महिलाओं को अलग-अलग राज्यों से खोजकर उनके परिजनों से मिलाया गया.

ऑपरेशन स्माइल
वहीं इस अभियान के तहत 24 अज्ञात शव भी बरामद किए गए, जिसमें 17 उत्तराखंड और सात अन्य राज्यों के थे.

देहरादून,हरिद्वार, नैनीताल व उधम सिंह नगर जैसे जनपदों से गठित की गई पांच अलग-अलग टीमों ने इस अभियान में कड़ी मेहनत कर गुमशुदा लोगों को अलग-अलग राज्यों से खोजबीन कर अपनों से मिलाया. अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अभियान में बरामद किए गए 368 गुमशुदाओं की रिपोर्ट अलग-अलग थानों में दर्ज थी, जबकि अन्य राज्यों में 13 मुकदमा पंजीकृत थे. इसके अलावा 254 ऐसे लोगों को भी खोजबीन कर बरामद किया गया. जिसे लेकर किसी प्रकार की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी. इनमें से 151 उत्तराखंड और 103 अलग-अलग राज्यों के हैं.

ये भी पढ़े:v MDDA के जोनल प्लान को सुप्रीम कोर्ट से मिली मंजूरी, जानिए दूनवासियों को क्या होगा फायदा

ऑपरेशन स्माइल के तहत बरामद लोगों को परिजनों से मिलाया

देहरादून- 14, हरिद्वार- 165, नैनीताल- 69, उधम सिंह नगर- 106, पौड़ी गढ़वाल- 19, टिहरी गढ़वाल- 54, चमोली- 20, रुद्रप्रयाग- 2, उत्तरकाशी- 13, अल्मोड़ा- 32, चंपावत- 70, बागेश्वर- 14, पिथौरागढ़- 7 और रेलवेज- 37 से गुमशुदा लोग बरामद किए गए.

ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत उत्तराखंड पुलिस ने कोटद्वार में रहने वाले एक परिवार की तीन बेटियों को नोएडा से बरामद कर उनके पिता से मिलाया. जानकारी के मुताबिक कोटद्वार में रहने वाले अजर हसन की आर्थिक हालत बेहद दयनीय होने के चलते उनकी तीन बालिग बेटियां घर से चली गई थी. पीड़ित पिता के ऊपर कर्जदारों का भारी दबाव होने के कारण वह अपनी बेटियों को ढूंढने भी नहीं जा सके. ऐसे में ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस टीम ने लंबी जद्दोजहद के बाद नोएडा में पहचान छिपाकर फैक्ट्री में काम करने वाली तीनों बेटियों को तलाश कर पीड़ित पिता से मिलाया. मित्र पुलिस के इस सराहनीय कार्य को लेकर अजर हसन ने ऑपरेशंस स्माइल टीम का शुक्रिया अदा करते हुए उत्तराखंड पुलिस का दिल से आभार जताया.

उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन स्माइल व ऑपरेशन शिनाख्त अभियान की सफलता को लेकर डीजीपी अनिल रतूड़ी ने अभियान में जुटी टीमों की सराहना की. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस अभियान के तहत जिस सराहनीय कार्य का परिचय देते हुए पुलिस टीमों ने 622 को अपनों से मिलाया है. यह कहीं न कहीं पुलिस की कार्य दक्षता को बढ़ाने के रुप में सामने आया है.

देहरादून: दो महीने तक चले ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस ने 622 गुमशुदा लोगों को उनके परिजनों से मिलाया. यह ऑपरेशन एक दिसंबर 2019 से 31 जनवरी 2020 तक चलाई गई, जिसके तहत देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जनपदों के 315 बच्चे, 100 पुरुष और 207 महिलाओं को अलग-अलग राज्यों से खोजकर उनके परिजनों से मिलाया गया.

ऑपरेशन स्माइल
वहीं इस अभियान के तहत 24 अज्ञात शव भी बरामद किए गए, जिसमें 17 उत्तराखंड और सात अन्य राज्यों के थे.

देहरादून,हरिद्वार, नैनीताल व उधम सिंह नगर जैसे जनपदों से गठित की गई पांच अलग-अलग टीमों ने इस अभियान में कड़ी मेहनत कर गुमशुदा लोगों को अलग-अलग राज्यों से खोजबीन कर अपनों से मिलाया. अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अभियान में बरामद किए गए 368 गुमशुदाओं की रिपोर्ट अलग-अलग थानों में दर्ज थी, जबकि अन्य राज्यों में 13 मुकदमा पंजीकृत थे. इसके अलावा 254 ऐसे लोगों को भी खोजबीन कर बरामद किया गया. जिसे लेकर किसी प्रकार की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई थी. इनमें से 151 उत्तराखंड और 103 अलग-अलग राज्यों के हैं.

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ऑपरेशन स्माइल के तहत बरामद लोगों को परिजनों से मिलाया

देहरादून- 14, हरिद्वार- 165, नैनीताल- 69, उधम सिंह नगर- 106, पौड़ी गढ़वाल- 19, टिहरी गढ़वाल- 54, चमोली- 20, रुद्रप्रयाग- 2, उत्तरकाशी- 13, अल्मोड़ा- 32, चंपावत- 70, बागेश्वर- 14, पिथौरागढ़- 7 और रेलवेज- 37 से गुमशुदा लोग बरामद किए गए.

ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत उत्तराखंड पुलिस ने कोटद्वार में रहने वाले एक परिवार की तीन बेटियों को नोएडा से बरामद कर उनके पिता से मिलाया. जानकारी के मुताबिक कोटद्वार में रहने वाले अजर हसन की आर्थिक हालत बेहद दयनीय होने के चलते उनकी तीन बालिग बेटियां घर से चली गई थी. पीड़ित पिता के ऊपर कर्जदारों का भारी दबाव होने के कारण वह अपनी बेटियों को ढूंढने भी नहीं जा सके. ऐसे में ऑपरेशन स्माइल के तहत पुलिस टीम ने लंबी जद्दोजहद के बाद नोएडा में पहचान छिपाकर फैक्ट्री में काम करने वाली तीनों बेटियों को तलाश कर पीड़ित पिता से मिलाया. मित्र पुलिस के इस सराहनीय कार्य को लेकर अजर हसन ने ऑपरेशंस स्माइल टीम का शुक्रिया अदा करते हुए उत्तराखंड पुलिस का दिल से आभार जताया.

उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन स्माइल व ऑपरेशन शिनाख्त अभियान की सफलता को लेकर डीजीपी अनिल रतूड़ी ने अभियान में जुटी टीमों की सराहना की. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि इस अभियान के तहत जिस सराहनीय कार्य का परिचय देते हुए पुलिस टीमों ने 622 को अपनों से मिलाया है. यह कहीं न कहीं पुलिस की कार्य दक्षता को बढ़ाने के रुप में सामने आया है.

Intro:summary-फिर से सफ़ल रहा ऑपरेशन स्माइल,622 गुमशुदाओं को पुलिस ने अपनों से मिलाया।


1 दिसंबर 2019 से लेकर 31 जनवरी 2020 तक चलने वाले 2 माह के ऑपरेशन स्माइल व ऑपरेशन शिनाख्त अभियान के तहत इस बार उत्तराखंड पुलिस ने अपनो से पिछड़े 622 गुमशुदाओं को परिजनों से मिला कर मित्र पुलिस के नारे को बुलंद किया। इतना ही नहीं ऑपरेशन शिनाख्त अभियान के तहत भी इस बार कुल 24 अज्ञात शव का भी शिनाख्त भौतिक तरीके से किया गया। जिसमें से 17 उत्तराखंड व सात अन्य राज्यों से संबंधित है।
देहरादून,हरिद्वार, नैनीताल व उधम सिंह नगर जैसे जनपदों से गठित की गई पांच अलग-अलग तलाशी टीमों ने इस अभियान में कड़ी मेहनत के तहत कुल 315 बच्चे, 100 पुरुष व 207 गुमशुदा महिलाओं को अलग-अलग राज्य के स्थानों से खोजबीन कर अपनों से मिलाने का सराहनीय कार्य किया है. अधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अभियान में बरामद किए गए 368 गुमशुदाओं की रिपोर्ट अलग-अलग थानों में दर्ज थी जबकि अन्य राज्यों में 13 मुकदमा पंजीकृत थे। इसके अलावा 254 ऐसे लोगों को भी खोजबीन कर बरामद किया गया जिनको लेकर किसी प्रकार की पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं थी इनमें से 151 उत्तराखंड और 103 अलग-अलग राज्यों के हैं।


Body:ऑपरेशन स्माइल में 1 दिसंबर 2019 से लेकर 31 जनवरी 2020 तक बरामद की होने वाले 622 गुमशुदाओं की जिलेवार सूची:

देहरादून -14,हरिद्वार-165, नैनीताल -69,ऊधमसिंह नगर-106, पौड़ी गढ़वाल-19,टिहरी गढ़वाल-54,चमोली-20, रुद्रप्रयाग-2, उत्तरकाशी-13, अल्मोड़ा-32, चंपावत-70,बागेश्वर-14, पिथौरागढ़ -7 ,रेलवेज 37...

ऑपरेशन शिनाख्त के तहत कुल 24 अज्ञात शव शिनाख्त का सूची


देहरादून -5, हरिद्वार- 3 पौड़ी गढ़वाल-5, टिहरी गढ़वाल 0, चमोली 0, रुद्रप्रयाग 0, उत्तरकाशी 0, उधम सिंहनगर-9,नैनीताल -1,अल्मोड़ा 0, पिथौरागढ़-1, चंपावत चंपावत 0 बागेश्वर 0 रेलवे 0....


Conclusion:पिता की आर्थिक हालत से तंग आकर घर से निकली तीन बेटियों को भी ऑपरेशन स्माइल ने मिलाया

ऑपरेशन स्माइल अभियान के तहत उत्तराखंड पुलिस ने कोटद्वार में रहने वाले एक परिवार की तीन बेटियों को भी नोएडा से बरामद कर उनके पिता तक पहुंचाने का सराहनीय कार्य किया। जानकारी के मुताबिक कोटद्वार में रहने वाले अजर हसन की आर्थिक हालत बेहद दयनीय होने के चलते उनकी तीन बालिग बेटियां घर से चली गई थी। पीड़ित पिता के ऊपर कर्जदार ओं का भारी दबाव होने के कारण वह अपनी बेटियों को ढूंढने भी नहीं जा सके ऐसे में ऑपरेशन स्माइल पुलिस ने लंबी जद्दोजहद के बाद नोएडा में पहचान छुपाकर फैक्ट्री में काम करने वाली तीनों बेटियों को तलाश कर पीड़ित पिता से मिलाया। मित्र पुलिस के इस सराहनीय कार्य को लेकर अजर हसन ने ऑपरेशंस स्माइल टीम का शुक्रिया अदा करते हुए उत्तराखंड पुलिस का दिल से आभार जताया।

बाइट- अजर अहमद, कोटद्वार निवासी

ग्रिफ की नौकरी से लापता हुए मृतक जवान की भी जानकारी ऑपरेशन शिनाख्त से मिली

वही ऑपरेशन शिनाख्त टीम ने भी ग्रिफ़ आर्मी (राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने वाला दल) में काम करने वाले एक ऐसे जवान की जानकारी जुटाई जो 6 महीने पहले नौकरी से छुट्टी पर तो निकला लेकिन घर नहीं पहुंच सका। ऐसे में ऑपरेशन शिनाख़्त टीम ने लंबी जद्दोजहद मेहनत के बाद लापता हुए जवान को दिल्ली नोएडा पुलिस की मदद से खोज निकाला,हालांकि जवान की मौत पहले ही हो चुकी थी। परिजनों के मुताबिक जानकारी प्राप्त हुई की नौकरी से निकलने के बाद रास्ते में उनको गर्मी के कारण संक्रमण होने के चलते उनकी प्राकृतिक मौत हुई।

बाईट- रवि हसन, मृतक जवान के पुत्र


उत्तराखंड पुलिस द्वारा चलाए गए ऑपरेशन स्माइल व ऑपरेशन शिनाख्त अभियान की सफलता को लेकर डीजीपी अनिल रतूड़ी ने अभियान में जुटी टीमों जमकर सराहना की। पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने कहा कि इस अभियान के तहत जिस सराहनीय कार्य का परिचय देते हुए पुलिस टीमों ने जिस तरह से 622 अपनों से पिछड़े लोगों को अपनों से मिलाया है यह कहीं ना कहीं पुलिस की कार्य दक्षता को बढ़ाने के रूप में सामने आया है। वही 24 अज्ञात शवों की शिनाख्त कर उनके परिवार तक जानकारी देना भी पुलिस टीमों के पेशेवर कार्य को बढ़ाने जैसा है।


बाईट- अनिल कुमार रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखंड

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