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अभिभावकों में कोरोना का डर बरकरार, महज 55 फीसदी छात्र पहुंच रहे स्कूल

शिक्षा निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के सभी स्कूलों में 2 अगस्त से लेकर अबतक महज 55 प्रतिशत छात्र ही स्कूल पहुंच रहे हैं.

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Published : Aug 6, 2021, 5:00 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 5:17 PM IST

देहरादून: कोरोना के केस घटने के बाद राज्य सरकार ने 2 अगस्त से प्रदेश के स्कूलों को खोल दिया है, लेकिन छात्रों और अभिभावकों में कोरोना का भय बना हुआ है. शिक्षा निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक 2 अगस्त से लेकर अब तक महज 55 प्रतिशत छात्र ही स्कूल पहुंच रहे हैं. बता दें, राज्य सरकार ने कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोला गया है. वहीं, जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने कई स्कूलों का निरीक्षण किया.

बता दें, शिक्षा निदेशालय के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश सरकार ने स्कूलों को जरूर खोल दिया है लेकिन लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर अभी भी भय व्याप्त है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के सभी स्कूलों में 02 अगस्त से लेकर अबतक महज 55 प्रतिशत छात्र ही स्कूल पहुंच रहे हैं. वहीं, देहरादून जनपद के स्कूलों में पहुंचने वाले छात्रों की संख्या महज 47 प्रतिशत तक ही पहुंच पाई है, जिसके पीछे की मुख्य वजह स्कूल के प्रधानाचार्य भी कोरोना संक्रमण के भय को ही मान रहे हैं.

स्कूलों में छात्रों की संख्या कम.

राजधानी देहरादून के राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई ने बताया कि उनके स्कूल में छात्राओं की संख्या में पहले दिन के मुकाबले धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है. उन्होंने बताया कि एसओपी के तहत बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय अभिभावकों को लेना है, इस वजह से 33 फीसदी छात्र ही स्कूल आ रहे हैं.

उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में कोविड-19 की गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है. क्लास रूम को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है. इसके बावजूद अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल भेजने में डर रहे हैं.

देहरादून में निजी स्कूल का संचालन करने वाले राकेश काला भी मानते हैं कि अभी भी कई अभिभावक Wait and Watch की स्थिति में हैं. उनके मुताबिक अभिभावक फिलहाल यह देख रहे हैं कि अगर स्कूल जाने वाले बच्चे अगले कुछ दिनों तक सुरक्षित रहते हैं, तभी वह अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू करेंगे. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि अगस्त माह के आखिरी सप्ताह तक ही स्कूलों में छात्रों की संख्या में अच्छा खासा सुधार देखने को मिलेगा.

इस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती का कहना है कि जब पहले दिन (2 अगस्त) स्कूल खुला था, तब छात्रों की संख्या महज 20 प्रतिशत थी, लेकिन धीरे-धीरे छात्रों की संख्या में सुधार हो रहा है. वर्तमान में जनपद देहरादून के स्कूलों में 47% छात्र पहुंच रहे हैं. वहीं अगले कुछ दिनों में इसमें और अधिक सुधार देखने को मिलेगा.

उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लगातार स्कूलों की मॉनिटरिंग की जा रही है. इस बात का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है कि स्कूलों में हर दिन सैनिटाइजेशन किया जाए. मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिले आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में वर्तमान में स्कूल जाने वाले छात्रों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख है.

वहीं, जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने जीजीआईसी स्कूल राजपुर रोड और दून इन्टरनेशनल स्कूल का औचक निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालयों को छात्रों की रक्षा के मद्देनजर विद्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता बनाये रखने के निर्देश दिये. साथ ही सभी अध्यापकों और स्टाफ का अनिवार्य रूप से टीकाकरण करवाने के निर्देश दिए हैं.

पढ़ें- खेल रत्न पुरस्कार का नाम ध्यानचंद रखने पर कांग्रेस हुई हमलावर, अब केंद्र से कर दी ये मांग

जिलाधिकारी ने जीजीआईसी स्कूल राजपुर रोड के निरीक्षण के दौरान स्कूल कक्षाओं में चल रही पढ़ाई व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की. जिलाधिकारी ने प्रिंसिपल से जानकारी ली तो पता चला कि विद्यालय में 50 फीसदी विद्यार्थियों को ही बुलाया जा रहा है, जिन विद्यार्थियों के अभिभावक अपने बच्चों को नहीं भेज रहे हैं उन्हें कक्षा में ऑनलाइन होमवर्क दिया जा रहा है.

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने बताया कि विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्य और प्रबन्धकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विद्यालयों में कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन हो. साथ ही प्रत्येक छात्र की डेस्क, कक्षा के द्वार और विद्यालय के गेट को सैनिटाइज कराने के लिए कहा है. इसके साथ ही कक्षाओं और विद्यालय के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क आदि की पूर्ण व्यवस्था करें. अगर कोई छात्र या छात्रा मास्क भूल गया है तो ऐसे उसे विद्यालय की ओर से मास्क दिया जाए.

देहरादून: कोरोना के केस घटने के बाद राज्य सरकार ने 2 अगस्त से प्रदेश के स्कूलों को खोल दिया है, लेकिन छात्रों और अभिभावकों में कोरोना का भय बना हुआ है. शिक्षा निदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक 2 अगस्त से लेकर अब तक महज 55 प्रतिशत छात्र ही स्कूल पहुंच रहे हैं. बता दें, राज्य सरकार ने कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12वीं तक के छात्रों के लिए स्कूलों को खोला गया है. वहीं, जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने कई स्कूलों का निरीक्षण किया.

बता दें, शिक्षा निदेशालय के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश सरकार ने स्कूलों को जरूर खोल दिया है लेकिन लोगों में कोरोना संक्रमण को लेकर अभी भी भय व्याप्त है. आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश के सभी स्कूलों में 02 अगस्त से लेकर अबतक महज 55 प्रतिशत छात्र ही स्कूल पहुंच रहे हैं. वहीं, देहरादून जनपद के स्कूलों में पहुंचने वाले छात्रों की संख्या महज 47 प्रतिशत तक ही पहुंच पाई है, जिसके पीछे की मुख्य वजह स्कूल के प्रधानाचार्य भी कोरोना संक्रमण के भय को ही मान रहे हैं.

स्कूलों में छात्रों की संख्या कम.

राजधानी देहरादून के राजपुर रोड स्थित जीजीआईसी की प्रधानाचार्य प्रेमलता बौड़ाई ने बताया कि उनके स्कूल में छात्राओं की संख्या में पहले दिन के मुकाबले धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है. उन्होंने बताया कि एसओपी के तहत बच्चों को स्कूल भेजने का निर्णय अभिभावकों को लेना है, इस वजह से 33 फीसदी छात्र ही स्कूल आ रहे हैं.

उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में कोविड-19 की गाइडलाइन का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है. क्लास रूम को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है. इसके बावजूद अभिभावक अपने बच्चों के स्कूल भेजने में डर रहे हैं.

देहरादून में निजी स्कूल का संचालन करने वाले राकेश काला भी मानते हैं कि अभी भी कई अभिभावक Wait and Watch की स्थिति में हैं. उनके मुताबिक अभिभावक फिलहाल यह देख रहे हैं कि अगर स्कूल जाने वाले बच्चे अगले कुछ दिनों तक सुरक्षित रहते हैं, तभी वह अपने बच्चों को स्कूल भेजना शुरू करेंगे. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि अगस्त माह के आखिरी सप्ताह तक ही स्कूलों में छात्रों की संख्या में अच्छा खासा सुधार देखने को मिलेगा.

इस पर मुख्य शिक्षा अधिकारी डॉ. मुकुल कुमार सती का कहना है कि जब पहले दिन (2 अगस्त) स्कूल खुला था, तब छात्रों की संख्या महज 20 प्रतिशत थी, लेकिन धीरे-धीरे छात्रों की संख्या में सुधार हो रहा है. वर्तमान में जनपद देहरादून के स्कूलों में 47% छात्र पहुंच रहे हैं. वहीं अगले कुछ दिनों में इसमें और अधिक सुधार देखने को मिलेगा.

उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से लगातार स्कूलों की मॉनिटरिंग की जा रही है. इस बात का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है कि स्कूलों में हर दिन सैनिटाइजेशन किया जाए. मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिले आंकड़े के मुताबिक प्रदेश में वर्तमान में स्कूल जाने वाले छात्रों की संख्या करीब साढ़े तीन लाख है.

वहीं, जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने जीजीआईसी स्कूल राजपुर रोड और दून इन्टरनेशनल स्कूल का औचक निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इस दौरान जिलाधिकारी ने विद्यालयों को छात्रों की रक्षा के मद्देनजर विद्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग और स्वच्छता बनाये रखने के निर्देश दिये. साथ ही सभी अध्यापकों और स्टाफ का अनिवार्य रूप से टीकाकरण करवाने के निर्देश दिए हैं.

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जिलाधिकारी ने जीजीआईसी स्कूल राजपुर रोड के निरीक्षण के दौरान स्कूल कक्षाओं में चल रही पढ़ाई व्यवस्था के बारे में जानकारी प्राप्त की. जिलाधिकारी ने प्रिंसिपल से जानकारी ली तो पता चला कि विद्यालय में 50 फीसदी विद्यार्थियों को ही बुलाया जा रहा है, जिन विद्यार्थियों के अभिभावक अपने बच्चों को नहीं भेज रहे हैं उन्हें कक्षा में ऑनलाइन होमवर्क दिया जा रहा है.

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने बताया कि विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों, प्रधानाचार्य और प्रबन्धकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विद्यालयों में कोविड गाइडलाइन का कड़ाई से पालन हो. साथ ही प्रत्येक छात्र की डेस्क, कक्षा के द्वार और विद्यालय के गेट को सैनिटाइज कराने के लिए कहा है. इसके साथ ही कक्षाओं और विद्यालय के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क आदि की पूर्ण व्यवस्था करें. अगर कोई छात्र या छात्रा मास्क भूल गया है तो ऐसे उसे विद्यालय की ओर से मास्क दिया जाए.

Last Updated : Aug 6, 2021, 5:17 PM IST
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