देहरादून: वैश्विक महामारी कोरोना काल में जहां एक तरफ लोग इस जानलेवा संक्रमण का शिकार हो रहे हैं तो वहीं, दूसरी तरफ लॉकडाउन के दौरान लोग साइबर क्राइम का भी शिकार हो रहे हैं. लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग में काफी इजाफा देखने को मिला. लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में कैद हैं. सारी दुकानें, शॉपिंग मॉल बंद होने की वजह से लोग ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़ रहे हैं. ऐसे में लोग अपने सामानों के बिल का भुगतान ऑनलाइन करते हैं. इस पर साइबर क्रिमिनल की नजर रहती है और फिर लोगों को वह अपना शिकार बनाते हैं. अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तराखंड में भी लॉकडाउन के दौरान साइबर क्राइम के ग्राफ में बढ़ोत्तरी हुई है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट...
ऑनलाइन शॉपिंग से बढ़ा साइबर ठगी का खतरा
लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शॉपिंग और डिलीवरी में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ प्रदेश में साइबर क्राइम का ग्राफ भी तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह वर्तमान समय में फाइनेंस व्यवस्था, ऑनलाइन बाजार से लेकर निजी जिंदगी के अधिकांश कार्य डिजिटल माध्यम से हो रहे हैं. इसी का नतीजा है कि आज अधिकांश लोग जब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अधिक समय गुजार रहे हैं, तभी साइबर क्रिमिनल नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. विगत वर्षों की तुलना में वर्तमान समय में साइबर क्राइम तेजी से अपने पांव पसार रहा है. इसके चंगुल में खास से लेकर आम लोग तक फंसते जा रहे हैं. इस बात की तस्दीक आंकड़े खुद कर रहे हैं.
ऊधमसिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार जिले में साइबर अपराध के मामले बढ़े
वर्ष 2018 से 2020 तक 3 वर्षों के शुरुआती 4 महीनों के आधिकारिक आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इस साल जनवरी से मई माह तक लॉकडाउन के दौरान विगत वर्षों की तुलना में साइबर क्राइम 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं. वहीं, उत्तराखंड में उधम सिंह नगर, देहरादून और हरिद्वार जिले में साइबर अपराध के मामले पहले से काफी बढ़ गए हैं.
2018 से 2020 तीन वर्षों के शुरुआती 4 महीनों के साइबर क्राइम के तुलनात्मक आंकड़े
साल | गढ़वाल | कुमाऊं | CCPS | कुल मामले |
2020 | 46 | 67 | 11 | 124 |
2019 | 30 | 40 | 11 | 82 |
2018 | 57 | 25 | 5 | 77 |
वहीं, 2018 से 2020 तक के शुरुआती 5 महीने यानी 30 मई तक उत्तराखंड के इन जिलों में सबसे अधिक साइबर ठगी हुई है.
उत्तराखंड के इन जिलों में हुई सबसे अधिक साइबर ठगी
जिला | 2018(मई तक) | 2019(मई तक) | 2020(मई तक) |
देहरादून | 31 | 15 | 22 |
ऊधम सिंह नगर | 08 | 30 | 53 |
हरिद्वार | 12 | 07 | 14 |
बढ़ रहा साइबर अपराध, जागरूकता ही बचाव: डीजी
ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार दुनिया में तेजी से पांव पसार रहा है. इसके साथ ही ऑनलाइन ठगी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. साइबर क्राइम को लेकर पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले अशोक कुमार का मानना है कि वर्तमान में सभी कार्य डिजिटल तरीके से हो रहे हैं, इसी का फायदा उठाते हुए साइबर क्रिमिनल लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनकी गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं. हालांकि, उत्तराखंड पुलिस तेजी से इन हाईटेक होते हुए साइबर अपराधियों का नेटवर्क ध्वस्त करने में जुटी है.
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पुलिस द्वारा सोशल मीडिया से लेकर कई तरह के प्लेटफॉर्मों पर जागरूकता फैलाई जा रही है, लेकिन लोग फिर भी किसी भी विषय की सत्यता जाने बिना झांसे में आकर अपनी व्यक्तिगत बैंकिंग जानकारी और सोशल मीडिया की सूचना दूसरों से शेयर कर साइबर अपराधियों के जाल में फंस रहे हैं. साइबर क्रिमिनल नए-नए तरीके अपनाकर ठगी कर रहे हैं, ऐसे में जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है.
साइबर क्राइम के तमाम तरीके
- ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट में बिजनेस कर करोड़ों का फायदा देने का लालच.
- घर बैठे बैंकिंग सुविधा देने के नाम पर क्लोनिंग फेक एप डाउनलोड करा कर सभी तरह की बैंकिग जानकारी हैक करके ठगी.
- वेबसाइट में विज्ञापन देकर लाखों का मुनाफा कमाने का झांसा.
- फेक आईडी के जरिये फेसबुक जैसे अन्य प्लेटफॉर्म में अश्लील बातें व सामग्री परोस कर ब्लैक मेलिंग के जाल में फंसाना.
- सरकार की योजना के तहत खातों में रोजगार व अन्य संबंधी रुपए डालने का झांसा.
- कोरोना काल में गरीब असहाय लोगों को संस्था, NGO द्वारा पैसा एकत्रकर जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का झांसा.
- प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री रिलीफ फंड के नाम पर फेक बैंकिंग आईडी देकर ठगी का तरीका.
- फेसबुक मैसेंजर से दोस्ती कर कई तरह के झांसों में फंसाकर ऑनलाइन ठगी.
- करोड़ों की लॉटरी जीतने का लालच देकर ठगी.