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देहरादून में दबंगों ने किया दलित की भूमि कब्जाने का प्रयास, BJP नेत्री समेत कई लोगों पर आरोप

देहरादून के बद्रीश कॉलोनी स्थित जमीन का मामला काफी गर्मा गया है. कब्जाधारी विनोद कुमार ने बीजेपी नेत्री समेत कई लोगों पर भूमि कब्जाने के गंभीर आरोप लगाए हैं. विनोद का आरोप है उसे जातिसूचक गालियां भी दी गई और उसके साथ मारपीट भी गई. जबकि, भूमि का मामला अदालत में लंबित है.

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Published : Jan 12, 2022, 8:31 PM IST

people grab Dalit land in Dehradun
दबंगों ने किया दलित की भूमि कब्जाने का प्रयास

देहरादूनः धर्मपुर डांडा के बद्रीश कॉलोनी स्थित जमीन का मामला एक बार फिर उछल गया है. इस भूमि पर कब्जाधारी विनोद कुमार का आरोप है कि कुछ राजनीतिक लोग और दबंगों की नजर उनकी जमीन पर है. उनका आरोप है कि दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए धारा 144 और कोविड नियमों की परवाह भी नहीं की. उनके अनुसार नगर निगम और पुलिस बल को माध्यम बनाकर दबंगों ने मंगलवार को उनकी जमीन को कब्जाने की कोशिश की.

दरअसल, दून के एक रेस्तरां में आयोजित प्रेसवार्ता में पीड़ित विनोद कुमार ने कहा कि उनकी भूमि का मामला अदालत में लंबित है. विनोद का आरोप है कि मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग, नगर निगम की टीम और नेहरू कॉलोनी पुलिस थानाध्यक्ष प्रदीप चौहान पहुंचे और उनकी भूमि की दीवार एवं भवन को नुकसान पहुंचाया. सूचना मिलने पर उनके वकील विकेश सिंह नेगी ने भूमि संबंधी दस्तावेज लेकर मौके पर पहुंचे और जमीन के दस्तावेज दिखाने के बाद नगर निगम की टीम एवं पुलिस बल मौके से बैरंग लौट गए.

देहरादून में दबंगों ने किया दलित की भूमि कब्जाने का प्रयास

ये भी पढ़ेंः चौकोडी में भू-माफियाओं ने कर डाली भूमि की खरीद-फरोख्त, बाहरी लोगों को बसाने की तैयारी पर रोष

बीजेपी नेत्री पर लगाए गंभीर आरोपः विनोद का आरोप है कि यह कार्रवाई क्षेत्रीय पार्षद कमली भट्ट के इशारे पर की गई. उनके मुताबिक बीजेपी नेत्री पहले भी इस भूमि पर कब्जा करने की कोशिश कर चुकी है और इसमें कामयाब नहीं हुईं. पार्षद होने के कारण वह राजनीतिक दबाव बना कर नगर निगम की टीम को कब्जा करने के लिए भेज देती है. इस दौरान पार्षद के सहयोगी और दबंग मौके पर मौजूद रहते हैं और वहां रह रहे लोगों को धमकाने का काम करते हैं. साथ ही निगम कर्मियों और पुलिस पर भी अनावश्यक दबाव बनाते हैं.

भाजपा के दलित प्रेम पर उठाए सवालः पीड़ित विनोद कुमार ने कहा कि एक ओर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपाई नेता दलितों का सम्मान करते हैं. उनके घर भोजन करते हैं, उनके चरण धोते हैं तो दूसरी ओर बीजेपी के पार्षद और अन्य नेता उनकी जमीन पर तिरछी नजर लगाए हुए हैं. एक दलित व्यक्ति की जमीन को कब्जाने के लिए पार्षद और उनके सहयोग लगातार कोशिश में जुटे हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः किच्छा पवन फार्म से लकड़ी तस्करों ने काट डाले पापुलर के 500 पेड़, राजस्व विभाग बेखबर

क्या है पूरा मामला? मौजा डांडा धर्मपुर, बद्रीश कॉलोनी के शारदा पब्लिक स्कूल के पास एक जमीन है. विनोद का दावा है कि जमीन पर वो और अन्य कई लोग 1992 से काबिज हैं. इसके साथ ही कई अन्य लोग पिछले 8-10 साल से काबिज हैं. उनका आरोप है कि इस भूमि पर स्थानीय बीजेपी से पार्षद कमली भट्ट और उनके सहयोगियों की नजर है. यह लोग कई बार उनकी भूमि पर कब्जे का प्रयास कर चुके हैं.

पार्षद कमली भट्ट व उसके साथ अन्य कुछ लोगों की ओर से उसे और जमीन पर काबिज अन्य लोगों को लंबे समय से परेशान किया जा रहा है. आए दिन दबंग वहां पहुंच कर जमीन पर रह रहे लोगों को धमकाने के साथ मारपीट भी करते हैं. विनोद का कहना है कि विरोध करने पर कई बार उनके साथ भी मारपीट हो चुकी है.

पुलिस की भूमिका भी संदिग्धः विनोद का आरोप है कि वो इस संबंध में कई बार नेहरू कॉलोनी पुलिस के पास शिकायत करने भी गए, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उनकी सुनवाई नहीं हुई. कई बार पुलिसकर्मी रात को उनकी भूमि पर पहुंच कर वहां रह रहे लोगों को डराते-धमकाते हैं. दबी जुबान में पुलिसकर्मी भी यह स्वीकारते हैं कि उन्हें ऊपरी आदेशों का पालन करना होता है.

11 जनवरी को नगर निगम की टीम ने पुलिस बल के साथ मिलकर उनकी भूमि पर कब्जा करने का दूसरी बार प्रयास किया. टीम ने मकानों और लोहे की सुरक्षा बार्ड को तोड़ने लगी. विरोध करने पर पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मार-पिटाई भी की. जिसमें कई लोगों को भी चोटें आई हैं. सभी का मेडिकल कराया गया है.

ये भी पढ़ेंः SC और सेबी के फर्जी दस्तावेज के जरिए करोड़ों की भूमि ठिकाने लगाने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार

मामला न्यायालय में विचाराधीनः यह मामला देहरादून सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में विचाराधीन है. विनोद के अनुसार इस संबंध में उन्होंने नगर निगम के अपर नगर आयुक्त रोहिताश शर्मा, कमली भट्ट, अतुल शर्मा, राकेश डोभाल, राज सिंह रावत आदि को पक्षकार बनाया है. इन सभी लोगों को न्यायालय की ओर से नोटिस भेजे जा चुके हैं. इनमें से किसी की ओर से भी अभी तक न्यायालय में कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया है. इसके बावजूद दबंग उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए बार-बार पहुंच जाते हैं.

खसरा नंबर 612 पर निगम का कोई खाता नहींः विनोद कुमार के अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी ने बताया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है. इसलिए नगर निगम व पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है. उनके अनुसार जिस खसरा नंबर 612 की बात नगर निगम की ओर से अपना बताने की बात कही जा रही है, वह गलत है.

क्योंकि, 612 खसरा नंबर कई लोगों के नाम दर्ज हैं और जंगल शाल में दर्ज है. नगर निगम का यहां कोई खाता नहीं है. धर्मपुर डांडा में नगर निगम के नाम पर खाता संख्या 482/1 दर्ज है. इसके अलावा कोई खाता दर्ज नहीं है. नगर निगम की टीम व पुलिस की असंवैधानिक कार्रवाई को लेकर वो न्यायालय को अवगत कराएंगे.

उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने मांगी रिपोर्टः उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने डांडा धर्मपुर, बद्रीश कॉलोनी के दलित विनोद कुमार के साथ मारपीट और जातिसूचक अपशब्दों के प्रयोग को लेकर जिलाधिकारी देहरादून और डीजीपी उत्तराखंड से रिपोर्ट मांगी है. आरोप है कि स्थानीय पार्षद कमली भट्ट उनके सहयोगी अतुल शर्मा और कुछ आसामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम देकर भूमि कब्जाने का प्रयास किया. आयोग ने 30 सितंबर 2021 की घटना को आधार बनाकर यह रिपोर्ट मांगी है.

शिकायतकर्ता विनोद कुमार के अनुसार उक्त दिन अतुल शर्मा स्वयं और 8-10 अन्य असामाजिक लोगों के साथ आया और प्रार्थी की भूमि पर लगे मुख्य गेट पर जोर-जोर से लात मारने लगे. आरोप है कि उसे जातिसूचक गालियां भी दी. गेट खुलने के बाद विनोद को लाठी डंडों से भी पीटा गया. यह मामला अनुसूचित जाति आयोग के पास विचाराधीन है.

देहरादूनः धर्मपुर डांडा के बद्रीश कॉलोनी स्थित जमीन का मामला एक बार फिर उछल गया है. इस भूमि पर कब्जाधारी विनोद कुमार का आरोप है कि कुछ राजनीतिक लोग और दबंगों की नजर उनकी जमीन पर है. उनका आरोप है कि दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए धारा 144 और कोविड नियमों की परवाह भी नहीं की. उनके अनुसार नगर निगम और पुलिस बल को माध्यम बनाकर दबंगों ने मंगलवार को उनकी जमीन को कब्जाने की कोशिश की.

दरअसल, दून के एक रेस्तरां में आयोजित प्रेसवार्ता में पीड़ित विनोद कुमार ने कहा कि उनकी भूमि का मामला अदालत में लंबित है. विनोद का आरोप है कि मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग, नगर निगम की टीम और नेहरू कॉलोनी पुलिस थानाध्यक्ष प्रदीप चौहान पहुंचे और उनकी भूमि की दीवार एवं भवन को नुकसान पहुंचाया. सूचना मिलने पर उनके वकील विकेश सिंह नेगी ने भूमि संबंधी दस्तावेज लेकर मौके पर पहुंचे और जमीन के दस्तावेज दिखाने के बाद नगर निगम की टीम एवं पुलिस बल मौके से बैरंग लौट गए.

देहरादून में दबंगों ने किया दलित की भूमि कब्जाने का प्रयास

ये भी पढ़ेंः चौकोडी में भू-माफियाओं ने कर डाली भूमि की खरीद-फरोख्त, बाहरी लोगों को बसाने की तैयारी पर रोष

बीजेपी नेत्री पर लगाए गंभीर आरोपः विनोद का आरोप है कि यह कार्रवाई क्षेत्रीय पार्षद कमली भट्ट के इशारे पर की गई. उनके मुताबिक बीजेपी नेत्री पहले भी इस भूमि पर कब्जा करने की कोशिश कर चुकी है और इसमें कामयाब नहीं हुईं. पार्षद होने के कारण वह राजनीतिक दबाव बना कर नगर निगम की टीम को कब्जा करने के लिए भेज देती है. इस दौरान पार्षद के सहयोगी और दबंग मौके पर मौजूद रहते हैं और वहां रह रहे लोगों को धमकाने का काम करते हैं. साथ ही निगम कर्मियों और पुलिस पर भी अनावश्यक दबाव बनाते हैं.

भाजपा के दलित प्रेम पर उठाए सवालः पीड़ित विनोद कुमार ने कहा कि एक ओर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपाई नेता दलितों का सम्मान करते हैं. उनके घर भोजन करते हैं, उनके चरण धोते हैं तो दूसरी ओर बीजेपी के पार्षद और अन्य नेता उनकी जमीन पर तिरछी नजर लगाए हुए हैं. एक दलित व्यक्ति की जमीन को कब्जाने के लिए पार्षद और उनके सहयोग लगातार कोशिश में जुटे हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः किच्छा पवन फार्म से लकड़ी तस्करों ने काट डाले पापुलर के 500 पेड़, राजस्व विभाग बेखबर

क्या है पूरा मामला? मौजा डांडा धर्मपुर, बद्रीश कॉलोनी के शारदा पब्लिक स्कूल के पास एक जमीन है. विनोद का दावा है कि जमीन पर वो और अन्य कई लोग 1992 से काबिज हैं. इसके साथ ही कई अन्य लोग पिछले 8-10 साल से काबिज हैं. उनका आरोप है कि इस भूमि पर स्थानीय बीजेपी से पार्षद कमली भट्ट और उनके सहयोगियों की नजर है. यह लोग कई बार उनकी भूमि पर कब्जे का प्रयास कर चुके हैं.

पार्षद कमली भट्ट व उसके साथ अन्य कुछ लोगों की ओर से उसे और जमीन पर काबिज अन्य लोगों को लंबे समय से परेशान किया जा रहा है. आए दिन दबंग वहां पहुंच कर जमीन पर रह रहे लोगों को धमकाने के साथ मारपीट भी करते हैं. विनोद का कहना है कि विरोध करने पर कई बार उनके साथ भी मारपीट हो चुकी है.

पुलिस की भूमिका भी संदिग्धः विनोद का आरोप है कि वो इस संबंध में कई बार नेहरू कॉलोनी पुलिस के पास शिकायत करने भी गए, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उनकी सुनवाई नहीं हुई. कई बार पुलिसकर्मी रात को उनकी भूमि पर पहुंच कर वहां रह रहे लोगों को डराते-धमकाते हैं. दबी जुबान में पुलिसकर्मी भी यह स्वीकारते हैं कि उन्हें ऊपरी आदेशों का पालन करना होता है.

11 जनवरी को नगर निगम की टीम ने पुलिस बल के साथ मिलकर उनकी भूमि पर कब्जा करने का दूसरी बार प्रयास किया. टीम ने मकानों और लोहे की सुरक्षा बार्ड को तोड़ने लगी. विरोध करने पर पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मार-पिटाई भी की. जिसमें कई लोगों को भी चोटें आई हैं. सभी का मेडिकल कराया गया है.

ये भी पढ़ेंः SC और सेबी के फर्जी दस्तावेज के जरिए करोड़ों की भूमि ठिकाने लगाने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार

मामला न्यायालय में विचाराधीनः यह मामला देहरादून सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में विचाराधीन है. विनोद के अनुसार इस संबंध में उन्होंने नगर निगम के अपर नगर आयुक्त रोहिताश शर्मा, कमली भट्ट, अतुल शर्मा, राकेश डोभाल, राज सिंह रावत आदि को पक्षकार बनाया है. इन सभी लोगों को न्यायालय की ओर से नोटिस भेजे जा चुके हैं. इनमें से किसी की ओर से भी अभी तक न्यायालय में कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया है. इसके बावजूद दबंग उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए बार-बार पहुंच जाते हैं.

खसरा नंबर 612 पर निगम का कोई खाता नहींः विनोद कुमार के अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी ने बताया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है. इसलिए नगर निगम व पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है. उनके अनुसार जिस खसरा नंबर 612 की बात नगर निगम की ओर से अपना बताने की बात कही जा रही है, वह गलत है.

क्योंकि, 612 खसरा नंबर कई लोगों के नाम दर्ज हैं और जंगल शाल में दर्ज है. नगर निगम का यहां कोई खाता नहीं है. धर्मपुर डांडा में नगर निगम के नाम पर खाता संख्या 482/1 दर्ज है. इसके अलावा कोई खाता दर्ज नहीं है. नगर निगम की टीम व पुलिस की असंवैधानिक कार्रवाई को लेकर वो न्यायालय को अवगत कराएंगे.

उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने मांगी रिपोर्टः उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने डांडा धर्मपुर, बद्रीश कॉलोनी के दलित विनोद कुमार के साथ मारपीट और जातिसूचक अपशब्दों के प्रयोग को लेकर जिलाधिकारी देहरादून और डीजीपी उत्तराखंड से रिपोर्ट मांगी है. आरोप है कि स्थानीय पार्षद कमली भट्ट उनके सहयोगी अतुल शर्मा और कुछ आसामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम देकर भूमि कब्जाने का प्रयास किया. आयोग ने 30 सितंबर 2021 की घटना को आधार बनाकर यह रिपोर्ट मांगी है.

शिकायतकर्ता विनोद कुमार के अनुसार उक्त दिन अतुल शर्मा स्वयं और 8-10 अन्य असामाजिक लोगों के साथ आया और प्रार्थी की भूमि पर लगे मुख्य गेट पर जोर-जोर से लात मारने लगे. आरोप है कि उसे जातिसूचक गालियां भी दी. गेट खुलने के बाद विनोद को लाठी डंडों से भी पीटा गया. यह मामला अनुसूचित जाति आयोग के पास विचाराधीन है.

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