देहरादून: देश में पशुपालन और डेयरी सेक्टर को गति देने के लिए eLISS एप बड़ी भूमिका अदा करने वाला है. देहरादून में इसी एप्लीकेशन को जानने के लिए देश के 8 राज्यों के नोडल अफसर पहुंचे और उन्होंने भारत सरकार के संबंधित अधिकारियों की मौजूदगी में इस एप्लीकेशन से जुड़ा प्रशिक्षण लिया. देहरादून में ट्रेनिंग के लिए जम्मू कश्मीर, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली और उत्तराखंड के अधिकारी मौजूद थे.
यूं तो देश में दूध, मीट, अंडे और ऊन के प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग तमाम प्रयास करते रहे हैं. लेकिन फिलहाल इन सभी सेक्टर्स में बेहतरीन रिजल्ट पाने के लिए अब भारत सरकार खुद से विकसित की गई एक एप्लीकेशन को लेकर काम कर रही है.
देहरादून में eLISS नाम के इसी सॉफ्टवेयर को जानने के लिए देश के 8 राज्यों के नोडल अधिकारी एकत्रित हुए. इस दौरान भारत सरकार के अफसरों की मौजूदगी में इन सभी ने इस एप्लीकेशन को बारीकी से समझा. दरअसल पशुपालन और डेयरी विभाग में सर्वे के काम को मैनुअल की जगह अब कंप्यूटराइज्ड करने के प्रयास चल रहे हैं. इसके तहत भारत सरकार के स्तर पर ही इस एप्लीकेशन को तैयार किया गया है, जिसकी ट्रेनिंग अब देशभर में पशुपालन विभाग के नोडल अधिकारियों को दी जा रही है.
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मास्टर ट्रेनर के रूप में यह सभी अधिकारी ट्रेंड होकर अपने राज्यों में भी सर्वे से जुड़े विभिन्न अधिकारियों और कर्मचारियों को भी इसे चलाने की ट्रेनिंग देंगे. इसको लेकर भारत सरकार में सलाहकार सांख्यिकी सुमेध नागरारे ने बताया कि देहरादून में 2 दिन की ट्रेनिंग के दौरान देश के 8 राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं. जबकि देशभर को 6 जोन में इसकी ट्रेनिंग देने के लिए बांटा गया है. अब तक 4 जोन से जुड़े राज्यों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है और अब देहरादून में यह पांचवें जोन की ट्रेनिंग चल रही है. इसके बाद अब नॉर्थ ईस्ट में आखिरी ट्रेनिंग होगी, जिसके बाद पूरे देश में मास्टर ट्रेनर तैयार हो जाएंगे.
किसी भी योजना को तैयार करने के लिए संबंधित सेक्टर का पूरा आंकड़ा होना बेहद जरूरी है. हालांकि पशुपालन और डेयरी विभाग की तरफ से पूर्व में भी आंकड़े इकट्ठे किए जाते रहे हैं. लेकिन इनकी विश्वसनीयता और इसमें लगने वाले समय के कारण इसमें काफी दिक्कतें होती रही हैं. लिहाजा अब यह पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज्ड होने के बाद रियल टाइम डाटा राज्यों के साथ ही भारत सरकार को ही मिल पाएगा. इसके बाद रियल टाइम मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी और योजनाओं को समय से बेहतर आंकड़ों के साथ तैयार किया जा सकेगा.
इस एप्लीकेशन के जरिए विभाग के डाटा इकट्ठा करने वाले कर्मी बिना गलती के सही डाटा ऑनलाइन विभाग तक पहुंचा सकेंगे. हालांकि 2019 से ही सर्वे के काम को कंप्यूटराइज करने का प्रयास चल रहा है. फिलहाल ट्रेनिंग देकर सभी राज्यों में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे हैं, जिससे इस व्यवस्था को लागू किया जा सके. दूसरी तरफ इस सॉफ्टवेयर को इस तरह से बनाया गया है, ताकि इसका उपयोग आसानी से किया जा सके. उधर ट्रेनिंग के अलावा कई वीडियो और मैनुअल भी तैयार किए गए हैं, ताकि इनके जरिए भी तमाम संबंधित लोग डाटा इकट्ठा करने के लिए इस सॉफ्टवेयर को समझ सकें.