डोईवाला: कई राज्यों में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद उत्तराखंड के मुर्गी पालक भी चिंतित दिखाई दे रहे हैं. मुर्गी पालक उमेद बोरा ने बताया कि उत्तराखंड सरकार किसानों को रोजगार से जोड़ने के लिए मुर्गी पालन, भेड़ पालन, बकरी पालन से जोड़ रही है, लेकिन किसान इस व्यवसाय से जुड़ने के बाद कई बार घाटे में डूब गए हैं.
उन्होंने कहा कि पहले कोरोना की वजह से सभी कार्य चौपट हो गए थे और जब किसानों ने अपने फार्म में मुर्गी पालन शुरू किया तो एक बार फिर वर्ल्ड फूलों की खबरें आने लगी हैं. अब किसान सरकार से इस व्यवसाय से जुड़ने से पहले मुर्गियों का बीमा कराने की बात कह रहे हैं.
उप जिलाधिकारी लक्ष्मी राज चौहान ने बताया कि बर्ड फ्लू की दस्तक से पहले सभी विभागीय अधिकारियों को निगरानी के आदेश जारी कर दिए गए हैं. साथ ही वन विभाग, पशुपालन विभाग को भी अलर्ट कर दिया गया है कि अगर किसी पक्षी के मारे जाने की खबर मिलती है तो उच्च अधिकारियों को सूचित करें.
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बता दें कि पिछले साल भी बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद मुर्गी पालकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था और अब एक बार फिर किसान बर्ड फ्लू की खबर से चिंतित हैं. डोईवाला के सुसुआ नदी में हर वर्ष विदेशी साइबेरियन पक्षी भारी संख्या में पहुंचते हैं, जिससे एक बार फिर बर्ड फ्लू इन विदेशी पक्षियों की वजह से डोईवाला क्षेत्र में भी ना पहुंच जाए सरकार और विभागीय अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.