देहरादून: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में टाइगर सफारी बनाने के नाम पर हुए खेल का अब तक तमाम जांचों में पर्दाफाश हो चुका है. खुद भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय की 3 सदस्य टीम भी अनियमितताओं पर मुहर लगा चुकी है. उधर उत्तराखंड सरकार की तरफ से कराए गए ऑडिट ने कॉर्बेट में हुए कामों का पूरा हिसाब किताब तैयार किया है. खबर है कि इसमें भी उन्हीं तथ्यों को उजागर किया गया है जो अबतक की जांचों में सामने आए थे.
उत्तराखंड में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के नाम पर अवैध निर्माण और पेड़ काटे जाने का मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चाओं में रहा है. न केवल उत्तराखंड हाईकोर्ट में इस पर सुनवाई जारी है बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में तमाम जांच रिपोर्ट के आधार पर सुनवाई की है. राष्ट्रीय स्तर पर यह एक ऐसा अकेला मामला है जिसमें इतने बड़े स्तर पर पेड़ों का कटान और रिजर्व फॉरेस्ट में अवैध निर्माण की बात सामने आई है. हैरानी की बात तो यह है कि इस मामले में एनजीटी, पर्यावरण मंत्रालय, एनटीसीए, फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थान जांच कर चुके हैं. उधर राज्य स्तर पर भी वन विभाग, शासन के अधिकारी और अब स्पेशल ऑडिट के जरिए इस मामले में तथ्य इकट्ठे किए गए हैं.
पढ़ें- कॉर्बेट का 'काला' अध्याय है 6000 पेड़ों का अवैध कटान, एनजीटी ने तय की अधिकारियों की जिम्मेदारी
स्पेशल ऑडिट की रिपोर्ट भी शासन को मिल चुकी है. फिलहाल शासन स्तर पर इस रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट में भी अनियमितताओं के वह सभी तथ्य मौजूद हैं जो पिछली जांचों में सामने आए थे. हालांकि, इस रिपोर्ट में अधिकारियों की स्पष्ट तौर पर भूमिका को अनियमितताओं के साथ जोड़कर नहीं बताया गया है, लेकिन अवैध निर्माण कार्य में स्वीकृति नहीं लेने और पेड़ों को काटे जाने से जुड़े तमाम तथ्य इस रिपोर्ट में शामिल किए गए हैं. यह मामला विवादित होने के चलते इस पर कैमरे के सामने अधिकारी बोलने से बचते रहे हैं. बड़ी बात यह है कि इसी मामले में पूर्व पीसीसीएफ राजीव भरतरी को चार्जशीट भेजी गई थी. उधर तत्कालीन चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन और तत्कालीन डीएफओ को निलंबित किया गया था. इस मामले में बाकी कई अधिकारियों की भी सीधी जिम्मेदारी होने की बात कही जा रही है. लिहाजा, जांच रिपोर्ट के आने से एक बार फिर यह मामला तूल पकड़ने लगा है. उधर इस मामले को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पर भी सभी की नजर बनी हुई है.
पढ़ें- अवैध निर्माण मामला: अब कॉर्बेट प्रशासन के खिलाफ होगी जांच, सवालों के घेरे में डायरेक्टर
कॉर्बेट नेशनल पार्क में अधिकारियों की जिम्मेदारियों को तय करती हुई सबसे विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की 3 सदस्य टीम की तरफ से बनाई गई थी. हालांकि, इस रिपोर्ट में जिन अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है उनमें से इक्का-दुक्का अधिकारियों पर ही अब तक कार्रवाई हो पाई है. बाकी अधिकारियों को कार्रवाई से फिलहाल दूर रखा गया है.