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राज्य स्थापना दिवस: विकास के रास्ते पर बढ़ा पहाड़, प्रदेश में बिछा सड़कों का जाल

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Published : Nov 7, 2020, 6:03 AM IST

Updated : Nov 7, 2020, 6:30 AM IST

आज जब उत्तराखंड को बने 20 साल हो गए हैं तो हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि पहाड़ की तकदीर कितनी बदली है. हमारी इस रिपोर्ट के जरिए जानिए अपने स्थापना के 20 साल में उत्तराखंड कितना विकास कर पाया.

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विकास के रास्ते पर बढ़ा पहाड़

देहरादून: 9 नवंबर 2000 को जन्मा उत्तराखंड अब 20 साल का हो चला है. 9 नवंबर की तारीख इतिहास में उत्तराखंड के स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज हैं. पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को 27वें राज्य के रूप में मान्यता मिली. वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया. 20 साल राज्य के लिए कई उम्मीदें लेकर आया. इस दौरान प्रदेश कई चुनौतियों को पार करते हुए विकास की नई राहें खोलीं और बनाईं.

उत्तराखंड का जिस वक्त गठन हुआ, उस समय राज्य में मात्र 24412 किलोमीटर सड़कें थीं. लेकिन आज दो गुने हो चुके हैं. राज्य गठन के बाद अलग अलग सरकरों के प्रयासों से आज राज्य में 45,860 किलोमीटर की सड़कों का जाल बिछ चुका है.

प्रदेश में बिछा सड़कों का जाल.

राज्य बनने के बाद प्रदेश में मोटर पुलों की संख्या 625 से बढ़कर 2191 हो चुकी है. राज्य गठन के समय प्रदेश में 685 पैदल या झूला पुल थे, जो आज बढ़कर 1260 हो गए हैं. ऐसे में देखा जाए तो पिछले 20 सालों में उत्तराखंड में सड़कों, पुलों का जाल बड़े पैमाने पर बिछाया गया है.

ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE: त्रिवेंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला, उद्योगों में 70% रोजगार के लिए बनेगा कानून

निर्माण विभाग द्वारा किए गए सड़क निर्माण

  • वर्तमान में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित 35926 किमी मार्ग का रखरखाव किया जा रहा है. जिसके तहत 26426 किमी पक्के मोटर मार्ग निर्मित है.
  • वर्तमान सरकार के कार्यकाल में माह सितम्बर 2020 तक पूंजीगत एवं राजस्व मदों में कुल ₹715241 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हुई है. जिसके सापेक्ष माह सितंबर 2020 तक कुल 6361.00 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है.
  • वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सितंबर 2020 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा 2522 किमी मार्गों का नवनिर्माण, 2700 किमी लम्बाई में पुनर्निर्माण तथा 241 नए पुलों का निर्माण किया गया है. इसके अतिरिक्त 456 ग्रामों को सड़क यातायात से जोड़ा गया. पूर्व निर्मित पक्के मोटर मार्गों में कुल 2676 किमी मार्गों का नवीनीकरण कार्य किया गया है.

प्रदेश में इन बड़े प्रोजेक्ट्स पर हुए काम

  • देहरादून में डाट की देवी के निकट 340 मीटर लंबाई की दो लेन टनल का निर्माण कार्य 71.93 करोड़ की स्वीकृत से कराया गया है, जो अक्टूबर 2018 से यातायात के लिए खुला हुआ है.
  • देहरादून में मोहकमपुर रेलवे क्रॉसिंग में आरओबी का कार्य माह अक्टूबर 2018 में पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • देहरादून में अजबपुर रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी का कार्य माह फरवरी 2019 में पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • देहरादून में आईएसबीटी में वाई शेप फ्लाईओवर का निर्माण कार्य माह मार्च 2019 में पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • हरिद्वार में डौसनी रेलवे क्रॉसिंग के स्थान पर 2 लेन आरओबी का निर्माण कार्य पूर्ण कर माह मार्च 2019 में यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • केदारनाथ धाम में विभाग द्वारा विभाग द्वारा पुनर्निर्माण कार्य के अधिकतर काम पूरे कर लिए गए हैं.
  • पौड़ी गढ़वाल में केंद्रीय हेमवती नंजन बहुगुणा विश्वविद्यालय के श्रीनगर एवं चौरास परिसर को जोड़ने हेतु 190मी पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • टिहरी गढ़वाल में डोबरा-चांठी पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जो शीघ्र ही यातायात के लिए खोल दिया जाएगा.
  • टिहरी गढ़वाल के मुनि की रेती में 'कैलाश गेट के समीप गंगा नदी के ऊपर 346 मीटर स्पान के जानकी सेतु' का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसे शीघ्र ही यातायात हेतु उपलब्ध करा दिया जाएगा.
  • वर्ष 2020-21 में लोक निर्माण विभाग द्वारा अनुरक्षित निम्न श्रेणी के 253 मार्गो का उच्चीकरण किया गया है. इस प्रकार राज्य में कुल 108 राज्यमार्ग जिनकी लंबाई 5,722.98 किमी, 165 मुख्य जिलामार्ग जिनकी लंबाई 3835.04 किमी और 416 अन्य जिलामार्ग जिनकी लंबाई 2786.60 किमी हो गई है.
  • सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा 751 घोषणाओं के विरूद्ध 602 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं. शेष 149 घोषणाओं में 96 को स्वीकृति दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है.

इन बड़े प्रोजेक्ट पर काम जारी

  • महाकुम्भ मेला 2021 के तहत कुल 28 मार्ग /सेतु कार्य, लागत 104.40 करोड़ के स्वीकृत हैं, जिन्हें माह दिसम्बर 2020 तक पूर्ण कर लिया जाएगा.
  • देहरादून के मसूरी में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे माह मार्च 2021 तक पूर्ण कर लिया जाएगा.
  • ऑल वेदर रोड़ का निर्माण के तहत 889 किमी लंबी राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की परियोजना 11700 करोड़ की धनराशि से चल रही है. वर्तमान में 540.00 किमी चौड़ीकरण और 380.00 किमी में सतह लेपन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है.
  • सेतु भारतम योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर रेलवे क्रॉसिंग के स्थान पर आरओबी का निर्माण किया जाना है. योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 एवं 121 काशीपुर शहर में 2 आरओबी के निर्माण की स्वीकृति क्रमशः लागत 56.76 करोड़ एवं 76.52 करोड़ की प्राप्त है, काम तेज गति से जारी है.

ये भी पढ़ें: खुशखबरी: सरकार ने उपनल के जरिये खोले रोजगार के द्वार, बढ़ी रजिस्ट्रेशन की संख्या

भविष्य के बड़े प्रोजेक्ट

  • टिहरी गढ़वाल में टिहरी बांध झील के चारों तरफ डबल लेन रोड जिसकी लंबाई 234 किमी का निर्माण प्रस्तावित है.
  • देहरादून, हरिद्वार एवं हल्द्वानी में रिंग रोड का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके सापेक्ष हल्द्वानी रिंग रोड की प्रथम चरण के कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और हरिद्वार रिंग रोड की डीपीआर एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है.
  • ऋषिकेश शहर में गंगा नदी पर प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला पुल के विकल्प के तौर पर भारत का पहला ग्लास फ्लोर सस्पेंशन सेतु का निर्माण किया जाएगा.
  • रुद्रप्रयाग में राष्ट्रीय राजमार्ग 109 एवं 58 को जोड़ने हेतु बाईपास एवं टनल निर्माण का कार्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा प्रस्तावित है, जिसकी डीपीआर बनाई जा चुकी है और स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है.
  • सिंगल लेन 450 किमी लंबी राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण का कार्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित है, जिस हेतु डीपीआर बनाये जाने की प्रक्रिया गतिमान है.

लोक निर्माण विभाग रख रहा मानकों का ध्यान

  • भुगतान प्रणाली को सरल, सहज एवं पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से विभाग में ठेकेदारों को ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है.
  • विभाग में नयी पहल करते हुए मार्गों के निर्माण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है.
  • स्थानीय सामग्री के समग्र उपयोग हेतु स्वॉइल स्टेबलाइजर का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कई सड़कों पर किया गया है.
  • पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के दृष्टिगत विभाग द्वारा थ्रेडिंग मशीन के प्रयोग से प्रथम बार वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करते हुए 9 किमी लंबी सड़क में पीसी का कार्य किया गया.
  • पर्यावरण संरक्षण हेतु कोल्ड मिक्स तथा वार्म मिक्स तकनीक पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

देहरादून: 9 नवंबर 2000 को जन्मा उत्तराखंड अब 20 साल का हो चला है. 9 नवंबर की तारीख इतिहास में उत्तराखंड के स्थापना दिवस के तौर पर दर्ज हैं. पृथक उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक चले आंदोलन के बाद आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड को 27वें राज्य के रूप में मान्यता मिली. वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से पुकारा जाता था, लेकिन जनवरी 2007 में स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया. 20 साल राज्य के लिए कई उम्मीदें लेकर आया. इस दौरान प्रदेश कई चुनौतियों को पार करते हुए विकास की नई राहें खोलीं और बनाईं.

उत्तराखंड का जिस वक्त गठन हुआ, उस समय राज्य में मात्र 24412 किलोमीटर सड़कें थीं. लेकिन आज दो गुने हो चुके हैं. राज्य गठन के बाद अलग अलग सरकरों के प्रयासों से आज राज्य में 45,860 किलोमीटर की सड़कों का जाल बिछ चुका है.

प्रदेश में बिछा सड़कों का जाल.

राज्य बनने के बाद प्रदेश में मोटर पुलों की संख्या 625 से बढ़कर 2191 हो चुकी है. राज्य गठन के समय प्रदेश में 685 पैदल या झूला पुल थे, जो आज बढ़कर 1260 हो गए हैं. ऐसे में देखा जाए तो पिछले 20 सालों में उत्तराखंड में सड़कों, पुलों का जाल बड़े पैमाने पर बिछाया गया है.

ये भी पढ़ें: EXCLUSIVE: त्रिवेंद्र सरकार का ऐतिहासिक फैसला, उद्योगों में 70% रोजगार के लिए बनेगा कानून

निर्माण विभाग द्वारा किए गए सड़क निर्माण

  • वर्तमान में लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित 35926 किमी मार्ग का रखरखाव किया जा रहा है. जिसके तहत 26426 किमी पक्के मोटर मार्ग निर्मित है.
  • वर्तमान सरकार के कार्यकाल में माह सितम्बर 2020 तक पूंजीगत एवं राजस्व मदों में कुल ₹715241 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हुई है. जिसके सापेक्ष माह सितंबर 2020 तक कुल 6361.00 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है.
  • वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सितंबर 2020 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा 2522 किमी मार्गों का नवनिर्माण, 2700 किमी लम्बाई में पुनर्निर्माण तथा 241 नए पुलों का निर्माण किया गया है. इसके अतिरिक्त 456 ग्रामों को सड़क यातायात से जोड़ा गया. पूर्व निर्मित पक्के मोटर मार्गों में कुल 2676 किमी मार्गों का नवीनीकरण कार्य किया गया है.

प्रदेश में इन बड़े प्रोजेक्ट्स पर हुए काम

  • देहरादून में डाट की देवी के निकट 340 मीटर लंबाई की दो लेन टनल का निर्माण कार्य 71.93 करोड़ की स्वीकृत से कराया गया है, जो अक्टूबर 2018 से यातायात के लिए खुला हुआ है.
  • देहरादून में मोहकमपुर रेलवे क्रॉसिंग में आरओबी का कार्य माह अक्टूबर 2018 में पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • देहरादून में अजबपुर रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी का कार्य माह फरवरी 2019 में पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • देहरादून में आईएसबीटी में वाई शेप फ्लाईओवर का निर्माण कार्य माह मार्च 2019 में पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • हरिद्वार में डौसनी रेलवे क्रॉसिंग के स्थान पर 2 लेन आरओबी का निर्माण कार्य पूर्ण कर माह मार्च 2019 में यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • केदारनाथ धाम में विभाग द्वारा विभाग द्वारा पुनर्निर्माण कार्य के अधिकतर काम पूरे कर लिए गए हैं.
  • पौड़ी गढ़वाल में केंद्रीय हेमवती नंजन बहुगुणा विश्वविद्यालय के श्रीनगर एवं चौरास परिसर को जोड़ने हेतु 190मी पुल का निर्माण कार्य पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया है.
  • टिहरी गढ़वाल में डोबरा-चांठी पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जो शीघ्र ही यातायात के लिए खोल दिया जाएगा.
  • टिहरी गढ़वाल के मुनि की रेती में 'कैलाश गेट के समीप गंगा नदी के ऊपर 346 मीटर स्पान के जानकी सेतु' का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, जिसे शीघ्र ही यातायात हेतु उपलब्ध करा दिया जाएगा.
  • वर्ष 2020-21 में लोक निर्माण विभाग द्वारा अनुरक्षित निम्न श्रेणी के 253 मार्गो का उच्चीकरण किया गया है. इस प्रकार राज्य में कुल 108 राज्यमार्ग जिनकी लंबाई 5,722.98 किमी, 165 मुख्य जिलामार्ग जिनकी लंबाई 3835.04 किमी और 416 अन्य जिलामार्ग जिनकी लंबाई 2786.60 किमी हो गई है.
  • सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा 751 घोषणाओं के विरूद्ध 602 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं. शेष 149 घोषणाओं में 96 को स्वीकृति दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है.

इन बड़े प्रोजेक्ट पर काम जारी

  • महाकुम्भ मेला 2021 के तहत कुल 28 मार्ग /सेतु कार्य, लागत 104.40 करोड़ के स्वीकृत हैं, जिन्हें माह दिसम्बर 2020 तक पूर्ण कर लिया जाएगा.
  • देहरादून के मसूरी में मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिसे माह मार्च 2021 तक पूर्ण कर लिया जाएगा.
  • ऑल वेदर रोड़ का निर्माण के तहत 889 किमी लंबी राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण की परियोजना 11700 करोड़ की धनराशि से चल रही है. वर्तमान में 540.00 किमी चौड़ीकरण और 380.00 किमी में सतह लेपन का कार्य पूर्ण किया जा चुका है.
  • सेतु भारतम योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्गों पर रेलवे क्रॉसिंग के स्थान पर आरओबी का निर्माण किया जाना है. योजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 एवं 121 काशीपुर शहर में 2 आरओबी के निर्माण की स्वीकृति क्रमशः लागत 56.76 करोड़ एवं 76.52 करोड़ की प्राप्त है, काम तेज गति से जारी है.

ये भी पढ़ें: खुशखबरी: सरकार ने उपनल के जरिये खोले रोजगार के द्वार, बढ़ी रजिस्ट्रेशन की संख्या

भविष्य के बड़े प्रोजेक्ट

  • टिहरी गढ़वाल में टिहरी बांध झील के चारों तरफ डबल लेन रोड जिसकी लंबाई 234 किमी का निर्माण प्रस्तावित है.
  • देहरादून, हरिद्वार एवं हल्द्वानी में रिंग रोड का कार्य कराया जाना प्रस्तावित है, जिसके सापेक्ष हल्द्वानी रिंग रोड की प्रथम चरण के कार्य की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है और हरिद्वार रिंग रोड की डीपीआर एनएचएआई द्वारा किया जा रहा है.
  • ऋषिकेश शहर में गंगा नदी पर प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला पुल के विकल्प के तौर पर भारत का पहला ग्लास फ्लोर सस्पेंशन सेतु का निर्माण किया जाएगा.
  • रुद्रप्रयाग में राष्ट्रीय राजमार्ग 109 एवं 58 को जोड़ने हेतु बाईपास एवं टनल निर्माण का कार्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा प्रस्तावित है, जिसकी डीपीआर बनाई जा चुकी है और स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है.
  • सिंगल लेन 450 किमी लंबी राष्ट्रीय राजमार्गों के चौड़ीकरण का कार्य सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित है, जिस हेतु डीपीआर बनाये जाने की प्रक्रिया गतिमान है.

लोक निर्माण विभाग रख रहा मानकों का ध्यान

  • भुगतान प्रणाली को सरल, सहज एवं पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से विभाग में ठेकेदारों को ऑनलाइन भुगतान किया जा रहा है.
  • विभाग में नयी पहल करते हुए मार्गों के निर्माण में आधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है.
  • स्थानीय सामग्री के समग्र उपयोग हेतु स्वॉइल स्टेबलाइजर का सफलतापूर्वक इस्तेमाल कई सड़कों पर किया गया है.
  • पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के दृष्टिगत विभाग द्वारा थ्रेडिंग मशीन के प्रयोग से प्रथम बार वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करते हुए 9 किमी लंबी सड़क में पीसी का कार्य किया गया.
  • पर्यावरण संरक्षण हेतु कोल्ड मिक्स तथा वार्म मिक्स तकनीक पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
Last Updated : Nov 7, 2020, 6:30 AM IST
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