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NCRB की रिपोर्ट में खुलासा, पहाड़ी इलाकों में बढ़ा साइबर क्राइम, ठगों ने सोशल मीडिया को बनाया हथियार - एनसीआरबी की रिपोर्ट

Cyber fraud in uttarakhand उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में साइबर क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. इस बात का खुलासा 2022 की नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो रिपोर्ट में हुआ है.

CYBER CRIME
साइबर क्राइम
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 12, 2023, 6:56 PM IST

Updated : Dec 13, 2023, 5:13 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों से ज्यादा पहाड़ी इलाकों में साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 में आई 2022 की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि लगातार पहाड़ों पर साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इसमें सोशल मीडिया और व्हाट्सएप कॉल के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है. हैरानी की बात ये है कि साल 2022 में अश्लील वीडियो क्लिपिंग यानी सेक्सटॉर्शन के मामले सबसे अधिक बड़े हैं. इतना ही नहीं, ऑनलाइन नौकरी या नकली पार्सल भेजने की एवज में ऑनलाइन पैसे का लेनदेन भी फ्रॉड की वजह बना है.

Cyber fraud in uttarakhand
पहाड़ी इलाकों में बढ़ा साइबर क्राइम

साल 2022 में साइबर अपराध में कमी: एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में साइबर अपराध में कुछ कमी आई है. लेकिन एक अन्य तरह के मामले बढ़ गए हैं. साल 2020 में उत्तराखंड में 243 साइबर से जुड़े अपराध हुए थे. लेकिन साल 2021 में यह बढ़कर 718 हो गए. यानी हर तीन दिन में दो केस साइबर ठगी के दर्ज किए गए थे. वहीं साल 2022 की अगर बात करें तो 559 मामले साइबर अपराध से जुड़े हुए दर्ज किए गए हैं.

अश्लील वीडियो बनाकर सबसे ज्यादा ठगे गए लोग: रिपोर्ट में बताया गया है कि यह अपराध पहाड़ी जनपदों में सबसे अधिक घटे हैं. जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा ठगी का शिकार वे लोग हुए हैं, जिनका फर्जी अश्लील वीडियो बनाकर व्हाट्सएप या अन्य माध्यम से ठगा गया है. साइबर अपराध की दुनिया में इस तरह से लोगों को ब्लैकमेल करके रुपए ठगने का चलन तेजी से बढ़ा है. ऐसे मामले प्रदेश में 354 दर्ज किए गए हैं.

साल 2022 में अपराध करने वाले 355 लोग गिरफ्तार: 2022 के अपराधों में महिला, पुरुष और बच्चे सभी तरह के लोग साइबर ठगी का शिकार हुए हैं. इसमें सैकड़ों मामले अश्लील वीडियो बनाकर ठगने के हैं. महिलाओं को भी खूब ठगा गया है और लगभग 161 महिलाएं इसका शिकार हुई हैं. अन्य सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर पैसे मांगने के मामले भी आधा दर्जन से अधिक दर्ज हुए हैं. सबसे अधिक 458 केस मोबाइल से नहीं, बल्कि कंप्यूटर से किए गए हैं. हालांकि पुलिस ने साल 2022 में अपराध करने वाले 355 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

ये भी पढ़ें: यूट्यूब पर वीडियो लाइक कर पैसे कमाने का लालच पड़ा भारी, गंवाए 4 लाख रुपए, पुलिस ने आरोपी को दबोचा

पुलिस लोगों को सीखा रही साइबर ठगी से निपटने के तरीके: पुलिस लगातार लोगों को साइबर अपराध से निपटने के तरीके सीखा रही है. जिसमें स्कूल से लेकर सोसाइटी और गली मोहल्लों में वर्कशॉप आयोजित की जा रही है. उसके बाद भी लोग लगातार साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं. वहीं, अगर आपके पास भी कोई फर्जी नंबर से कॉल आए तो ऐसी कॉल से आपको बचना चाहिए. क्योंकि अगर आप उसे उठा लेते हैं, तो आप ठगी का शिकार हो सकते हैं. इतना ही नहीं, ऑनलाइन जॉब या शॉपिंग करते हुए या ऑनलाइन साइट पर अपना मोबाइल या खाते से जुड़ी जानकारी बिल्कुल भी शेयर ना करें.

ये भी पढ़ें: साइबर ठगों का नया खेल, उत्तराखंड में सरकारी योजनाओं के नाम पर की जा रहा ठगी, पुलिस ने बताया बचने का तरीका

देहरादून: उत्तराखंड के मैदानी इलाकों से ज्यादा पहाड़ी इलाकों में साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 में आई 2022 की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि लगातार पहाड़ों पर साइबर ठग लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. इसमें सोशल मीडिया और व्हाट्सएप कॉल के जरिए लोगों को ठगा जा रहा है. हैरानी की बात ये है कि साल 2022 में अश्लील वीडियो क्लिपिंग यानी सेक्सटॉर्शन के मामले सबसे अधिक बड़े हैं. इतना ही नहीं, ऑनलाइन नौकरी या नकली पार्सल भेजने की एवज में ऑनलाइन पैसे का लेनदेन भी फ्रॉड की वजह बना है.

Cyber fraud in uttarakhand
पहाड़ी इलाकों में बढ़ा साइबर क्राइम

साल 2022 में साइबर अपराध में कमी: एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में साइबर अपराध में कुछ कमी आई है. लेकिन एक अन्य तरह के मामले बढ़ गए हैं. साल 2020 में उत्तराखंड में 243 साइबर से जुड़े अपराध हुए थे. लेकिन साल 2021 में यह बढ़कर 718 हो गए. यानी हर तीन दिन में दो केस साइबर ठगी के दर्ज किए गए थे. वहीं साल 2022 की अगर बात करें तो 559 मामले साइबर अपराध से जुड़े हुए दर्ज किए गए हैं.

अश्लील वीडियो बनाकर सबसे ज्यादा ठगे गए लोग: रिपोर्ट में बताया गया है कि यह अपराध पहाड़ी जनपदों में सबसे अधिक घटे हैं. जानकारी के मुताबिक सबसे ज्यादा ठगी का शिकार वे लोग हुए हैं, जिनका फर्जी अश्लील वीडियो बनाकर व्हाट्सएप या अन्य माध्यम से ठगा गया है. साइबर अपराध की दुनिया में इस तरह से लोगों को ब्लैकमेल करके रुपए ठगने का चलन तेजी से बढ़ा है. ऐसे मामले प्रदेश में 354 दर्ज किए गए हैं.

साल 2022 में अपराध करने वाले 355 लोग गिरफ्तार: 2022 के अपराधों में महिला, पुरुष और बच्चे सभी तरह के लोग साइबर ठगी का शिकार हुए हैं. इसमें सैकड़ों मामले अश्लील वीडियो बनाकर ठगने के हैं. महिलाओं को भी खूब ठगा गया है और लगभग 161 महिलाएं इसका शिकार हुई हैं. अन्य सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर पैसे मांगने के मामले भी आधा दर्जन से अधिक दर्ज हुए हैं. सबसे अधिक 458 केस मोबाइल से नहीं, बल्कि कंप्यूटर से किए गए हैं. हालांकि पुलिस ने साल 2022 में अपराध करने वाले 355 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

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पुलिस लोगों को सीखा रही साइबर ठगी से निपटने के तरीके: पुलिस लगातार लोगों को साइबर अपराध से निपटने के तरीके सीखा रही है. जिसमें स्कूल से लेकर सोसाइटी और गली मोहल्लों में वर्कशॉप आयोजित की जा रही है. उसके बाद भी लोग लगातार साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं. वहीं, अगर आपके पास भी कोई फर्जी नंबर से कॉल आए तो ऐसी कॉल से आपको बचना चाहिए. क्योंकि अगर आप उसे उठा लेते हैं, तो आप ठगी का शिकार हो सकते हैं. इतना ही नहीं, ऑनलाइन जॉब या शॉपिंग करते हुए या ऑनलाइन साइट पर अपना मोबाइल या खाते से जुड़ी जानकारी बिल्कुल भी शेयर ना करें.

ये भी पढ़ें: साइबर ठगों का नया खेल, उत्तराखंड में सरकारी योजनाओं के नाम पर की जा रहा ठगी, पुलिस ने बताया बचने का तरीका

Last Updated : Dec 13, 2023, 5:13 PM IST
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