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नशा तस्करों की धरपकड़ में NCB देगी STF का साथ, मॉडर्न टेक्नोलॉजी से होगी संयुक्त कार्रवाई

उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़ में NCB उत्तराखंड STF का साथ देगी. इसके लिए NCB मॉडर्न टेक्नोलॉजी STF को उपलब्ध करवाएगी.

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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़ में NCB देगी STF का साथ
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Published : May 29, 2021, 3:53 PM IST

Updated : May 29, 2021, 10:45 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड लंबे समय से अवैध मादक पदार्थ तस्करी का सॉफ्ट टारगेट बनता जा रहा है. यही वजह है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश (बरेली, फतेहगंज, सहारनपुर, बिजनौर) से लेकर हिमाचल व अपने राज्य के पहाड़ी इलाकों से अलग-अलग तरफ की जहरीली नशे की खेप उत्तराखंड पहुंच रही हैं. देहरादून उत्तराखंड का सबसे बड़ा एजुकेशनल हब है. यहां के स्कूलों से लेकर तमाम शिक्षण संस्थानों में सबसे अधिक मात्रा में तस्करों द्वारा ड्रग्स की सप्लाई की जाती है. लंबे समय से उत्तराखंड पुलिस, एसटीएफ, anti-drug फोर्स, नारकोटिक और तमाम तंत्र अवैध नशे के खिलाफ अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत हैं.

-uttarakhand-stf-to-catch-drug-traffickers
उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

अब इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड STF, NCB से तमाम एडवांस मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद लेकर संयुक्त रूप से कार्रवाई का खाका तैयार कर चुकी है. NCB उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली अफीम की खेती की सेटेलाइट इमेज मुहैया कराने के साथ इंटेलिजेंस सूचना और हाईटेक उपकरण एसटीएफ व anti-drug फोर्स को उपलब्ध कराएगी.

-uttarakhand-stf-to-catch-drug-traffickers
उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

उसकी मदद से अब NCB (नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो) और बॉर्डर पर तैनात SSB फोर्स (सशत्र सीमा बल) फॉरेस्ट विभाग सहित उत्तराखंड का पुलिस तंत्र संयुक्त रूप में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई कर राज्य में अवैध नशा कारोबार पर अंकुश लगाने की तैयारी में हैं.

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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

पढ़ें- विकास कार्यों के लिए सीएम ने स्वीकृत किया बजट, विकास कार्यों को मिलेगी गति

पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के नशा तस्करों के चक्रव्यूह को तोड़ना बड़ी चुनौतीउत्तराखंड व हिमाचल के पहाड़ी इलाकों के साथ साथ मुख्यतः पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली, फतेहगंज, बिजनौर, सहारनपुर व नेपाल से वाया पीलीभीत होकर राज्य में आने वाली भारी मात्रा में नशा सप्लाई नेटवर्क को तोड़ना उत्तराखंड पुलिस तंत्र के लिए हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है.
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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

अभी 2 दिन पहले ही एसटीएफ की टीम ने बरेली के फतेहगंज में घुसकर उत्तराखंड-यूपी में सक्रिय तस्कर रिजवान के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर सरगना की पत्नी तबस्सुम को 20 लाख की स्मैक और दो लाख के कैश के साथ गिरफ्तार किया. इसके बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से होकर उत्तराखंड पहुंचने वाले नशा तस्करों के चक्रव्यूह भरे ठिकानों को भेदना तकनीक रूप में पुलिस तंत्र के लिए मुश्किल बना हुआ है.

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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

पढ़ें- कांग्रेसियों को बाबा रामदेव का विरोध करना पड़ा भारी, कोविड कर्फ्यू उल्लंघन का मामला दर्ज

NCB और STF के बीच हुई बैठक में तैयार हुआ कार्रवाई का खाकाडीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अभी 2 दिन पहले ही एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) से बैठक कर इस बात का मुद्दा उठाया गया कि, राज्य में प्रभावी रूप से कार्रवाई करने के लिए NCB की हाईटेक टेक्नोलॉजी वाली मदद पुलिस तंत्र को चाहिए. जिसके तहत उन्हें सैटेलाइट इमेज, नशा तस्करों की एग्जेक्ट लोकेशन मिल जाये. ताकि वहां एनसीबी के सभी हाई मॉडल तकनीकी सहायता से सशत्र सीमा बल सहित पूरा पुलिस तंत्र प्रभावी रूप से छापेमारी की कार्रवाई कर ड्रग तस्करी पर लगाम लगा सके.

पढ़ें- GST COUNCIL में सुबोध उनियाल को मिली बड़ी जिम्मेदारी, मंत्री समूह में किया शामिल

डीआईजी ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही इसी तरह की मदद के सहारे टिहरी गढ़वाल के थत्यूड़ में अफीम की खेती करने वाले 40 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. डीआईजी के मुताबिक अगर किसी तरह पहाड़ी इलाकों में होने वाले अफीम, चरस जैसे उत्पादन सप्लाई के संबंध में एनसीबी की हाईटेक तकनीक का सहयोग मिले तो एसटीएफ अन्य पुलिस तंत्रों के साथ संयुक्त ऑपरेशन कर राष्ट्रीय स्तर की बड़ी कार्रवाई कर नशा तस्करी पर रोक लगा सकती है.

उत्तराखंड में अवैध मादक पदार्थों से संबंधित धरपकड़ और अपराधों का तुलनात्मक आंकड़ा

  1. वर्ष 2018 में प्रदेश भर में कुल मादक पदार्थों की तस्करी में 1066 मुकदमे दर्ज हुए. इस दौरान 1127 नशा तस्कर गिरफ्तार कर जेल भेजे गए. वर्ष 2018 में 253.51 किलो ग्राम चरस पकड़ी गई. डोडा 488.945 किलोग्राम, अफीम 7.73 किलो ग्राम, कोकीन 0.500 किलोग्राम, हेरोइन 0.500 किलोग्राम, गांजा 888.957 किलोग्राम, स्मैक/ ब्राउन शुगर-50.317 किलोग्राम, नशे की गोलियां-1,04,768. नशे के इंजेक्शन- 27896. नशे के कैप्सूल: 1386 बरामद हुए
  2. वर्ष 2019 में कुल 1396 मुकदमे दर्ज किये गये. इस साल 1503 नशा तस्कर गिरफ्तार किये गये. वर्ष 2019 में पकड़ी गई चरस 222.504 किलोग्राम थी. डोडा- 328. 137 किलोग्राम, अफ़ीम-19.170 किलोग्राम. कोकीन-1.550 किलोग्राम. हेरोइन-0.055 किलोग्राम. गांजा/भांग-1603.570 किलोग्राम. स्मैक/ब्राउन शुगर-13.134 किलोग्राम. नशे की गोलियां 174 013. नशे के इंजेक्शन- 124 74 और नशे के कैप्सूल 26774 बरामद हुए.
  3. वर्ष 2020- कुल अवैध मादक पदार्थों में 1280 मुकदमे दर्ज किये गये. 1434 नशा तस्कर गिरफ्तार किये गये. वर्ष 2020 में 352.580 किलोग्राम चरस पकड़ी गई. डोडा- 316.310 किलोग्राम, अफ़ीम-22.040 किलोग्राम, कोकीन-0.000. हेरोइन-0.012 किलोग्राम. गांजा/ भांग- 985.905 किलोग्राम. स्मैक/ब्राउन शुगर-12.539 किलोग्राम. नशे की गोलियां 8408. नशे के इंजेक्शन -5123. नशे के कैप्सूल-480126 बरामद हुए
  4. वर्ष 2021 (अप्रैल माह तक) अवैध मादक पदार्थों में कुल 565 मुकदमे दर्ज किये गये. 659 नशा तस्कर गिरफ्तार किये गये. वर्ष 2021 (अप्रैल माह तक) पकड़ी गई चरस-123.192 किलोग्राम थी. डोडा- 132.915 किलोग्राम. अफ़ीम-6.913 किलोग्राम.
    कोकीन-0.000. हेरोइन-0.244 किलोग्राम. गांजा/भांग-681.726 किलोग्राम. स्मैक/ब्राउन शुगर-6.128 किलोग्राम. नशे की गोलियां-3460. नशे के इंजेक्शन- 4692. नशे के कैप्सूल- 4151 बरामद हुए.

उत्तराखंड में जड़ें जमा चुके ड्रग्स माफिया पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती
बहराल कोरोना कर्फ्यू लॉकडाउन के दौरान भले ही उत्तराखंड में नशा तस्करी पर कुछ हद तक लगाम लगी हो, लेकिन सामान्य व अनलॉक के दौरान अवैध नशा तस्करी पर अंकुश लगाना उत्तराखंड पुलिस के लिए हमेशा से ही चुनौती भरा रहा है. ऐसे में अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की हाईटेक टेक्नोलॉजी की मदद से अब अपने नए अभियान में STF किस तरह से अपनी सहयोगी फ़ोर्स की मदद से कैसे राज्य में जड़ें जमा चुके ड्रग्स माफिया पर लगाम लगा पाती है ये देखने लायक होगा.

देहरादून: उत्तराखंड लंबे समय से अवैध मादक पदार्थ तस्करी का सॉफ्ट टारगेट बनता जा रहा है. यही वजह है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश (बरेली, फतेहगंज, सहारनपुर, बिजनौर) से लेकर हिमाचल व अपने राज्य के पहाड़ी इलाकों से अलग-अलग तरफ की जहरीली नशे की खेप उत्तराखंड पहुंच रही हैं. देहरादून उत्तराखंड का सबसे बड़ा एजुकेशनल हब है. यहां के स्कूलों से लेकर तमाम शिक्षण संस्थानों में सबसे अधिक मात्रा में तस्करों द्वारा ड्रग्स की सप्लाई की जाती है. लंबे समय से उत्तराखंड पुलिस, एसटीएफ, anti-drug फोर्स, नारकोटिक और तमाम तंत्र अवैध नशे के खिलाफ अंकुश लगाने के लिए प्रयासरत हैं.

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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

अब इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उत्तराखंड STF, NCB से तमाम एडवांस मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद लेकर संयुक्त रूप से कार्रवाई का खाका तैयार कर चुकी है. NCB उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाली अफीम की खेती की सेटेलाइट इमेज मुहैया कराने के साथ इंटेलिजेंस सूचना और हाईटेक उपकरण एसटीएफ व anti-drug फोर्स को उपलब्ध कराएगी.

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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

उसकी मदद से अब NCB (नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो) और बॉर्डर पर तैनात SSB फोर्स (सशत्र सीमा बल) फॉरेस्ट विभाग सहित उत्तराखंड का पुलिस तंत्र संयुक्त रूप में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी कार्रवाई कर राज्य में अवैध नशा कारोबार पर अंकुश लगाने की तैयारी में हैं.

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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

पढ़ें- विकास कार्यों के लिए सीएम ने स्वीकृत किया बजट, विकास कार्यों को मिलेगी गति

पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों के नशा तस्करों के चक्रव्यूह को तोड़ना बड़ी चुनौतीउत्तराखंड व हिमाचल के पहाड़ी इलाकों के साथ साथ मुख्यतः पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बरेली, फतेहगंज, बिजनौर, सहारनपुर व नेपाल से वाया पीलीभीत होकर राज्य में आने वाली भारी मात्रा में नशा सप्लाई नेटवर्क को तोड़ना उत्तराखंड पुलिस तंत्र के लिए हमेशा से बड़ी चुनौती रहा है.
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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

अभी 2 दिन पहले ही एसटीएफ की टीम ने बरेली के फतेहगंज में घुसकर उत्तराखंड-यूपी में सक्रिय तस्कर रिजवान के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी कर सरगना की पत्नी तबस्सुम को 20 लाख की स्मैक और दो लाख के कैश के साथ गिरफ्तार किया. इसके बावजूद पश्चिमी उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से होकर उत्तराखंड पहुंचने वाले नशा तस्करों के चक्रव्यूह भरे ठिकानों को भेदना तकनीक रूप में पुलिस तंत्र के लिए मुश्किल बना हुआ है.

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उत्तराखंड में नशा तस्करों की धरपकड़

पढ़ें- कांग्रेसियों को बाबा रामदेव का विरोध करना पड़ा भारी, कोविड कर्फ्यू उल्लंघन का मामला दर्ज

NCB और STF के बीच हुई बैठक में तैयार हुआ कार्रवाई का खाकाडीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि अभी 2 दिन पहले ही एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) से बैठक कर इस बात का मुद्दा उठाया गया कि, राज्य में प्रभावी रूप से कार्रवाई करने के लिए NCB की हाईटेक टेक्नोलॉजी वाली मदद पुलिस तंत्र को चाहिए. जिसके तहत उन्हें सैटेलाइट इमेज, नशा तस्करों की एग्जेक्ट लोकेशन मिल जाये. ताकि वहां एनसीबी के सभी हाई मॉडल तकनीकी सहायता से सशत्र सीमा बल सहित पूरा पुलिस तंत्र प्रभावी रूप से छापेमारी की कार्रवाई कर ड्रग तस्करी पर लगाम लगा सके.

पढ़ें- GST COUNCIL में सुबोध उनियाल को मिली बड़ी जिम्मेदारी, मंत्री समूह में किया शामिल

डीआईजी ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही इसी तरह की मदद के सहारे टिहरी गढ़वाल के थत्यूड़ में अफीम की खेती करने वाले 40 तस्करों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. डीआईजी के मुताबिक अगर किसी तरह पहाड़ी इलाकों में होने वाले अफीम, चरस जैसे उत्पादन सप्लाई के संबंध में एनसीबी की हाईटेक तकनीक का सहयोग मिले तो एसटीएफ अन्य पुलिस तंत्रों के साथ संयुक्त ऑपरेशन कर राष्ट्रीय स्तर की बड़ी कार्रवाई कर नशा तस्करी पर रोक लगा सकती है.

उत्तराखंड में अवैध मादक पदार्थों से संबंधित धरपकड़ और अपराधों का तुलनात्मक आंकड़ा

  1. वर्ष 2018 में प्रदेश भर में कुल मादक पदार्थों की तस्करी में 1066 मुकदमे दर्ज हुए. इस दौरान 1127 नशा तस्कर गिरफ्तार कर जेल भेजे गए. वर्ष 2018 में 253.51 किलो ग्राम चरस पकड़ी गई. डोडा 488.945 किलोग्राम, अफीम 7.73 किलो ग्राम, कोकीन 0.500 किलोग्राम, हेरोइन 0.500 किलोग्राम, गांजा 888.957 किलोग्राम, स्मैक/ ब्राउन शुगर-50.317 किलोग्राम, नशे की गोलियां-1,04,768. नशे के इंजेक्शन- 27896. नशे के कैप्सूल: 1386 बरामद हुए
  2. वर्ष 2019 में कुल 1396 मुकदमे दर्ज किये गये. इस साल 1503 नशा तस्कर गिरफ्तार किये गये. वर्ष 2019 में पकड़ी गई चरस 222.504 किलोग्राम थी. डोडा- 328. 137 किलोग्राम, अफ़ीम-19.170 किलोग्राम. कोकीन-1.550 किलोग्राम. हेरोइन-0.055 किलोग्राम. गांजा/भांग-1603.570 किलोग्राम. स्मैक/ब्राउन शुगर-13.134 किलोग्राम. नशे की गोलियां 174 013. नशे के इंजेक्शन- 124 74 और नशे के कैप्सूल 26774 बरामद हुए.
  3. वर्ष 2020- कुल अवैध मादक पदार्थों में 1280 मुकदमे दर्ज किये गये. 1434 नशा तस्कर गिरफ्तार किये गये. वर्ष 2020 में 352.580 किलोग्राम चरस पकड़ी गई. डोडा- 316.310 किलोग्राम, अफ़ीम-22.040 किलोग्राम, कोकीन-0.000. हेरोइन-0.012 किलोग्राम. गांजा/ भांग- 985.905 किलोग्राम. स्मैक/ब्राउन शुगर-12.539 किलोग्राम. नशे की गोलियां 8408. नशे के इंजेक्शन -5123. नशे के कैप्सूल-480126 बरामद हुए
  4. वर्ष 2021 (अप्रैल माह तक) अवैध मादक पदार्थों में कुल 565 मुकदमे दर्ज किये गये. 659 नशा तस्कर गिरफ्तार किये गये. वर्ष 2021 (अप्रैल माह तक) पकड़ी गई चरस-123.192 किलोग्राम थी. डोडा- 132.915 किलोग्राम. अफ़ीम-6.913 किलोग्राम.
    कोकीन-0.000. हेरोइन-0.244 किलोग्राम. गांजा/भांग-681.726 किलोग्राम. स्मैक/ब्राउन शुगर-6.128 किलोग्राम. नशे की गोलियां-3460. नशे के इंजेक्शन- 4692. नशे के कैप्सूल- 4151 बरामद हुए.

उत्तराखंड में जड़ें जमा चुके ड्रग्स माफिया पर अंकुश लगाना बड़ी चुनौती
बहराल कोरोना कर्फ्यू लॉकडाउन के दौरान भले ही उत्तराखंड में नशा तस्करी पर कुछ हद तक लगाम लगी हो, लेकिन सामान्य व अनलॉक के दौरान अवैध नशा तस्करी पर अंकुश लगाना उत्तराखंड पुलिस के लिए हमेशा से ही चुनौती भरा रहा है. ऐसे में अब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की हाईटेक टेक्नोलॉजी की मदद से अब अपने नए अभियान में STF किस तरह से अपनी सहयोगी फ़ोर्स की मदद से कैसे राज्य में जड़ें जमा चुके ड्रग्स माफिया पर लगाम लगा पाती है ये देखने लायक होगा.

Last Updated : May 29, 2021, 10:45 PM IST
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