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झंडा मेले के तीसरे दिन की गई नगर परिक्रमा, श्री गुरु राम राय महाराज से जुड़ी है परम्परा - Dehradun Latest News

ऐतिहासिक झंडे मेले के तीसरे दिन नगर परिक्रमा की गई. इस दौरान परिक्रमा में संगतों में मौजूद लोग ढोल और रणसिंगे की थाप पर जमकर झूमे.

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झंडा मेला के तीसरे दिन निकाली गई नगर परिक्रमा
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Published : Mar 24, 2022, 4:44 PM IST

देहरादून: सदियों से चली रही आ रही परम्परा के अनुसार गुरुवार को झंडा जी मेला के तीसरे दिन देहरादून में नगर परिक्रमा की गई. श्री दरबार साहिब से हजारों संगतों के साथ साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज के नेतृत्व में यह नगर परिक्रमा की गई. नगर के जिस-जिस क्षेत्र से यह परिक्रमा निकली वहां पर नगरवासियों सहित विभिन्न बाजारों के व्यापारियों ने नगर परिक्रमा और श्री दरबार साहिब के महंत देवेन्द्र दास महाराज का फूल मालाओं से स्वागत किया. परिक्रमा में संगतों में मौजूद लोग ढोल और रणसिंगे की थाप पर जमकर झूमे.

श्री दरबार साहिब से नगर परिक्रमा विशेष पूजा अर्चना और अरदास के बाद शुरू हुई. नगर परिक्रमा श्री दरबार साहिब से शुरू होते हुए सहारनपुर चौक, कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल से बिंदाल पहुंची. उसके बाद तिलक रोड, टैगोर विला, घण्टाघर से पलटन बाजार होते रीठा मंडा क्षेत्र से होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बॉम्बे बाग पहुंची. जहां पर सभी संगतों को गन्ने का प्रसाद बांटा गया. साथ ही इसके बाद ब्रह्मलीन श्रीमहंत साहिबान की समाधि पर मत्था टेकने के बाद नगर परिक्रमा सहारनपुर चौक से वापस होते हुए श्री दरबार साहिब पर आकर सम्पन्न हुई.

झंडा मेला के तीसरे दिन निकाली गई नगर परिक्रमा.

पढ़ें- उत्तराखंड की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष होंगी ऋतु खंडूड़ी, शाम 5 बजे दाखिल करेंगी नामांकन

इस मौके पर श्री दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास महाराज ने बताया कि 17 वीं शताब्दी में जब श्री गुरु राम राय महाराज देहरादून में तपस्या कर रहे थे तो उस समय वह पुराने देहरादून के जिस-जिस क्षेत्र से होकर गुजरते थे तो वहां पर नगरवासी उनका आशीर्वाद लेते थे. इसी परंपरा को जीवित रखते हुए नगर परिक्रमा को उन्हीं स्थानों से निकाली जाती है. श्री गुरु राम राय जी महाराज 1676 में देहरादून आए. उसके बाद यहां की रमणीयता से मुग्ध होकर यहां पर अपना डेरा बनाया. जगह का नाम डेरादीन दिया गया, जो कि बाद में देहरादून में परिवर्तन हो गया.

देहरादून: सदियों से चली रही आ रही परम्परा के अनुसार गुरुवार को झंडा जी मेला के तीसरे दिन देहरादून में नगर परिक्रमा की गई. श्री दरबार साहिब से हजारों संगतों के साथ साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज के नेतृत्व में यह नगर परिक्रमा की गई. नगर के जिस-जिस क्षेत्र से यह परिक्रमा निकली वहां पर नगरवासियों सहित विभिन्न बाजारों के व्यापारियों ने नगर परिक्रमा और श्री दरबार साहिब के महंत देवेन्द्र दास महाराज का फूल मालाओं से स्वागत किया. परिक्रमा में संगतों में मौजूद लोग ढोल और रणसिंगे की थाप पर जमकर झूमे.

श्री दरबार साहिब से नगर परिक्रमा विशेष पूजा अर्चना और अरदास के बाद शुरू हुई. नगर परिक्रमा श्री दरबार साहिब से शुरू होते हुए सहारनपुर चौक, कांवली रोड होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल से बिंदाल पहुंची. उसके बाद तिलक रोड, टैगोर विला, घण्टाघर से पलटन बाजार होते रीठा मंडा क्षेत्र से होते हुए श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल बॉम्बे बाग पहुंची. जहां पर सभी संगतों को गन्ने का प्रसाद बांटा गया. साथ ही इसके बाद ब्रह्मलीन श्रीमहंत साहिबान की समाधि पर मत्था टेकने के बाद नगर परिक्रमा सहारनपुर चौक से वापस होते हुए श्री दरबार साहिब पर आकर सम्पन्न हुई.

झंडा मेला के तीसरे दिन निकाली गई नगर परिक्रमा.

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इस मौके पर श्री दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास महाराज ने बताया कि 17 वीं शताब्दी में जब श्री गुरु राम राय महाराज देहरादून में तपस्या कर रहे थे तो उस समय वह पुराने देहरादून के जिस-जिस क्षेत्र से होकर गुजरते थे तो वहां पर नगरवासी उनका आशीर्वाद लेते थे. इसी परंपरा को जीवित रखते हुए नगर परिक्रमा को उन्हीं स्थानों से निकाली जाती है. श्री गुरु राम राय जी महाराज 1676 में देहरादून आए. उसके बाद यहां की रमणीयता से मुग्ध होकर यहां पर अपना डेरा बनाया. जगह का नाम डेरादीन दिया गया, जो कि बाद में देहरादून में परिवर्तन हो गया.

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