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मसूरी में धूमधाम से मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

मसूरी में ऐतिहासिक नाग देवता मंदिर पर नाग पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर नाग मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए भक्तों को प्रशासन और पुलिस के अनुमति के बाद एक-एक करके मंदिर में नाग देवता के दर्शन कराए गए.

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Published : Jul 25, 2020, 8:19 PM IST

mussoorie
मसूरी में धूमधाम से मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

मसूरी: ऐतिहासिक नाग देवता मंदिर पर नाग पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर नाग मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर समिति के कुछ ही लोग पूजा-अर्चना में शामिल हुए. इस दौरान भक्तों को प्रशासन और पुलिस के अनुमति के बाद एक-एक करके मंदिर में नाग देवता के दर्शन करने दिए गए. मंदिर समिति द्वारा नाग मंदिर के मुख्य गेट पर भक्तों के हाथों को सैनिटाइज किया गया. वहीं मास्क पहनने के बाद ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई.

मसूरी में धूमधाम से मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

मसूरी कोतवाल देवेंद्र असवाल ने बताया कि मसूरी में नाग मंदिर की बड़ी मान्यता है. ऐसे में नाग पंचमी के दिन नाग मंदिर परिसर पर भव्य मेला का आयोजन किया जाता था. जिसमें मसूरी के आसपास के हजारों ग्रामीणों के साथ अन्य राज्यों से भक्त नाग देवता के दर्शन करने के लिए आते थे. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन ने मेले में पाबंदी लगाई है. वहीं, भक्तों को पहले नाग पंचमी के दिन मंदिर में दर्शन करने की अनुमति नहीं थी. लेकिन भक्तों के आग्रह पर एक-एक कर नाग मंदिर में दर्शन करने दिए जा रहे हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है.

पढ़ें- आपदा का खौफ: धापा गांव के 47 परिवारों ने छोड़े मकान, प्लास्टिक टेंट का 'सहारा'

मंदिर समिति के पुजारी ने बताया कि यहां पर आदिकाल से नाग देवता साक्षात मौजूद है. आदिकाल से ही मंदिर पर एक पत्थर है, जहां गांव की एक गाय अपना दूध उस पत्थर पर चढ़ाती थी. जिसके बाद गांव के लोगों ने साक्षात नाग देवता ने दर्शन कर यहां मंदिर स्थापित करने का फैसला किया था. जिसके बाद मंदिर स्थापित किया गया और आज मंदिर में भव्य रूप ने ले लिया है. उन्होंने कहा कि मंदिर के आसपास के सैकड़ों किलोमीटर तक नाग देवता का आशीर्वाद है.

पढ़ें- फिर चर्चा में देहरादून नारी निकेतन, बाथरूम जाने का बहाना कर फरार हुई नाबालिग

राकेश रावत मंदिर समिति के सदस्य ने बताया कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए भक्तों को एक एक मंदिर में प्रवेश कर नाग देवता के दर्शन कराए जा रहे हैं. जबकी मंदिर में किसी भी प्रकार का प्रसाद या अन्य सामग्री चढ़ाने नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि आज का पर्व नाग देवता के मंदिर के आसपास के लोगों के लिए दिवाली दशहरा जैसा होता है. जिसको धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

मसूरी: ऐतिहासिक नाग देवता मंदिर पर नाग पंचमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया गया. इस मौके पर नाग मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई. कोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर समिति के कुछ ही लोग पूजा-अर्चना में शामिल हुए. इस दौरान भक्तों को प्रशासन और पुलिस के अनुमति के बाद एक-एक करके मंदिर में नाग देवता के दर्शन करने दिए गए. मंदिर समिति द्वारा नाग मंदिर के मुख्य गेट पर भक्तों के हाथों को सैनिटाइज किया गया. वहीं मास्क पहनने के बाद ही मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई.

मसूरी में धूमधाम से मनाया गया नाग पंचमी का पर्व

मसूरी कोतवाल देवेंद्र असवाल ने बताया कि मसूरी में नाग मंदिर की बड़ी मान्यता है. ऐसे में नाग पंचमी के दिन नाग मंदिर परिसर पर भव्य मेला का आयोजन किया जाता था. जिसमें मसूरी के आसपास के हजारों ग्रामीणों के साथ अन्य राज्यों से भक्त नाग देवता के दर्शन करने के लिए आते थे. लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन ने मेले में पाबंदी लगाई है. वहीं, भक्तों को पहले नाग पंचमी के दिन मंदिर में दर्शन करने की अनुमति नहीं थी. लेकिन भक्तों के आग्रह पर एक-एक कर नाग मंदिर में दर्शन करने दिए जा रहे हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है.

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मंदिर समिति के पुजारी ने बताया कि यहां पर आदिकाल से नाग देवता साक्षात मौजूद है. आदिकाल से ही मंदिर पर एक पत्थर है, जहां गांव की एक गाय अपना दूध उस पत्थर पर चढ़ाती थी. जिसके बाद गांव के लोगों ने साक्षात नाग देवता ने दर्शन कर यहां मंदिर स्थापित करने का फैसला किया था. जिसके बाद मंदिर स्थापित किया गया और आज मंदिर में भव्य रूप ने ले लिया है. उन्होंने कहा कि मंदिर के आसपास के सैकड़ों किलोमीटर तक नाग देवता का आशीर्वाद है.

पढ़ें- फिर चर्चा में देहरादून नारी निकेतन, बाथरूम जाने का बहाना कर फरार हुई नाबालिग

राकेश रावत मंदिर समिति के सदस्य ने बताया कि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए भक्तों को एक एक मंदिर में प्रवेश कर नाग देवता के दर्शन कराए जा रहे हैं. जबकी मंदिर में किसी भी प्रकार का प्रसाद या अन्य सामग्री चढ़ाने नहीं दी जा रही है. उन्होंने कहा कि आज का पर्व नाग देवता के मंदिर के आसपास के लोगों के लिए दिवाली दशहरा जैसा होता है. जिसको धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

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