ETV Bharat / state

धामी सरकार में जीरो टॉलरेंस की उड़ी धज्जियां, यतीश्वरानंद ने भ्रष्टाचार के आरोपी का बढ़ाया कद

नादेही चीनी मिल में अनियमितताओं के मामले में आरोपी अधिकारी आरके सेठ को उत्तराखंड शुगर का महाप्रबंधक बना दिया गया है. विभागीय मंत्री स्वामी यतीस्वरानंद का इस मामले में कहना है कि विभाग के पास अभी कोई अनुभवी अधिकारी नहीं है. सितारगंज मिल को चलाने के लिए किसी अनुभवी अधिकारी की जरूरत थी, लिहाजा आरोपी अधिकारी आरके सेठ को जिम्मेदारी दी गई है.

nadehi-sugar-mill-irregularities-officer-rk-seth-made-g-eneral-manager-of-uttarakhand-sugar-mill
यतीश्वरानंद ने भ्रष्टाचार के आरोपी का बढ़ाया कद
author img

By

Published : Sep 24, 2021, 10:26 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 10:42 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार भ्रष्टाचार पर दोहरे मापदंड अपनाते हुए दिखाई दे रही है. ताज्जुब की बात यह है कि मुख्यमंत्री के करीबी मंत्री ने अपने विभाग में जीरो टॉलरेंस का ऐसा मजाक बनाया है जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. चीनी उद्योग मंत्री यतीश्वरानंद से जुड़ा ये मामला वाकई भाजपा सरकार की कलई खोलने वाला है, जानिए क्या है ये पूरा मामला

आपको सुनने में शायद अजीब लगे कि उत्तराखंड की जो भाजपा सरकार भ्रष्टाचार से अपने दामन को दूर रखने का दावा करती है, वो सरकार एक विवादित अधिकारी पर मेहरबानी करने में कोई कसर नही छोड़ रही. हालत यह है कि पहले सरकार के मंत्री खुद इस अधिकारी पर घोटाले के आरोप में कार्रवाई करते हैं और फिर मेहरबानी करते हुए भी देर नहीं लगाते. मुख्यमंत्री के सबसे करीबी मंत्रियों में शामिल स्वामी यतीस्वरानंद ने इस अधिकारी को लेकर जो रोलबैक किया है वह देखने लायक भी है और हैरान करने वाला भी है.

यतीश्वरानंद ने भ्रष्टाचार के आरोपी का बढ़ाया कद

पढ़ें- उत्तराखंड में केजरीवाल ने की वादों की बौछार, 6 महीने में 1 लाख नौकरी और 5 हजार का भत्ता

मामला उधम सिंह नगर जिले के जसपुर में नादेही चीनी मिल का है. जहां 2016-18 के बीच चीनी चोरी घोटाले का मामला प्रकाश में आया था. इस घोटाले में तत्कालीन मुख्य अभियंता आरके सेठ को आरोपी माना गया था. इस मामले में ऑडिट जांच के दौरान भारी गड़बड़ियां सामने आई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए थे. इस मामले में तत्कालीन सचिव चंद्रेश कुमार ने न केवल जांच के आदेश जारी किए थे बल्कि विभागीय मंत्री यतीस्वरानंद भी ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही थी.

स्वामी यतीस्वरानंद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बेहद करीबी माने जाते हैं. लिहाजा जीरो टॉलरेंस को लेकर इस मामले में सरकार पर भी उंगली उठना तय है. बता दें कि नादेही चीनी मिल में बड़े घोटाले की भनक लगने के बाद फौरन सरकार ने इस अधिकारी को उसके पद से हटाने का काम किया था. यही नहीं इस मामले में तत्कालीन सचिव चंद्रेश यादव ने जांच भी शुरू की थी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस विभाग से चंद्रेश यादव को ही हटना पड़ गया.

पढ़ें- केजरीवाल के नौकरी-भत्ता वाले दावों में कितना दम ? दिल्ली में साढ़े 6 साल में 406 को नौकरी दी !

तब गन्ना विभाग की जिम्मेदारी हरबंस चुघ को मिल गई. इसके बाद ही पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया. स्थिति यह है कि अब आरोपी अधिकारी आरके सेठ को उत्तराखंड शुगर का महाप्रबंधक बना दिया गया है. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि मामले पर जब ईटीवी भारत ने विभागीय मंत्री स्वामी यतीस्वरानंद से सवाल किया तो उन्होंने ऐसा तर्क दिया जो किसी को भी शायद ही हजम हो. स्वामी यतीस्वरानंद ने कहा विभाग के पास कोई अनुभवी अधिकारी नहीं है. सितारगंज मिल को चलाने के लिए किसी अनुभवी अधिकारी की जरूरत थी, लिहाजा आरोपी अधिकारी आरके सेठ को जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा यदि वे दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें-AAP के 'रोजगार गारंटी यात्रा' पर गोदियाल ने उठाए सवाल, केजरीवाल से पूछा रोड मैप

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. चुनाव से पहले इस तरह भाजपा सरकार पर एक आरोपी अधिकारी को इस तरह घोटाले के गंभीर आरोप लगने के बावजूद जिम्मेदारी दिया जाना बड़े सवाल खड़े करता है. जाहिर तौर पर सरकार पर सवाल भी खड़े करता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस आरोपी अधिकारी के खिलाफ जांच चल रही है उसे ऐसे पद पर बिठाकर न केवल जांच प्रभावित करवाई जा रही है बल्कि भविष्य में ऐसे अधिकारियों को गलत संदेश भी दिया जा रहा है. हालांकि विभागीय मंत्री को यह भी जवाब देना होगा कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी रही जिसके कारण ऐसे अधिकारी को ही इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देनी पड़ी.

देहरादून: उत्तराखंड में धामी सरकार भ्रष्टाचार पर दोहरे मापदंड अपनाते हुए दिखाई दे रही है. ताज्जुब की बात यह है कि मुख्यमंत्री के करीबी मंत्री ने अपने विभाग में जीरो टॉलरेंस का ऐसा मजाक बनाया है जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. चीनी उद्योग मंत्री यतीश्वरानंद से जुड़ा ये मामला वाकई भाजपा सरकार की कलई खोलने वाला है, जानिए क्या है ये पूरा मामला

आपको सुनने में शायद अजीब लगे कि उत्तराखंड की जो भाजपा सरकार भ्रष्टाचार से अपने दामन को दूर रखने का दावा करती है, वो सरकार एक विवादित अधिकारी पर मेहरबानी करने में कोई कसर नही छोड़ रही. हालत यह है कि पहले सरकार के मंत्री खुद इस अधिकारी पर घोटाले के आरोप में कार्रवाई करते हैं और फिर मेहरबानी करते हुए भी देर नहीं लगाते. मुख्यमंत्री के सबसे करीबी मंत्रियों में शामिल स्वामी यतीस्वरानंद ने इस अधिकारी को लेकर जो रोलबैक किया है वह देखने लायक भी है और हैरान करने वाला भी है.

यतीश्वरानंद ने भ्रष्टाचार के आरोपी का बढ़ाया कद

पढ़ें- उत्तराखंड में केजरीवाल ने की वादों की बौछार, 6 महीने में 1 लाख नौकरी और 5 हजार का भत्ता

मामला उधम सिंह नगर जिले के जसपुर में नादेही चीनी मिल का है. जहां 2016-18 के बीच चीनी चोरी घोटाले का मामला प्रकाश में आया था. इस घोटाले में तत्कालीन मुख्य अभियंता आरके सेठ को आरोपी माना गया था. इस मामले में ऑडिट जांच के दौरान भारी गड़बड़ियां सामने आई थी. जिसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए गए थे. इस मामले में तत्कालीन सचिव चंद्रेश कुमार ने न केवल जांच के आदेश जारी किए थे बल्कि विभागीय मंत्री यतीस्वरानंद भी ऐसे अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही थी.

स्वामी यतीस्वरानंद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बेहद करीबी माने जाते हैं. लिहाजा जीरो टॉलरेंस को लेकर इस मामले में सरकार पर भी उंगली उठना तय है. बता दें कि नादेही चीनी मिल में बड़े घोटाले की भनक लगने के बाद फौरन सरकार ने इस अधिकारी को उसके पद से हटाने का काम किया था. यही नहीं इस मामले में तत्कालीन सचिव चंद्रेश यादव ने जांच भी शुरू की थी, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इस विभाग से चंद्रेश यादव को ही हटना पड़ गया.

पढ़ें- केजरीवाल के नौकरी-भत्ता वाले दावों में कितना दम ? दिल्ली में साढ़े 6 साल में 406 को नौकरी दी !

तब गन्ना विभाग की जिम्मेदारी हरबंस चुघ को मिल गई. इसके बाद ही पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया. स्थिति यह है कि अब आरोपी अधिकारी आरके सेठ को उत्तराखंड शुगर का महाप्रबंधक बना दिया गया है. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि मामले पर जब ईटीवी भारत ने विभागीय मंत्री स्वामी यतीस्वरानंद से सवाल किया तो उन्होंने ऐसा तर्क दिया जो किसी को भी शायद ही हजम हो. स्वामी यतीस्वरानंद ने कहा विभाग के पास कोई अनुभवी अधिकारी नहीं है. सितारगंज मिल को चलाने के लिए किसी अनुभवी अधिकारी की जरूरत थी, लिहाजा आरोपी अधिकारी आरके सेठ को जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने कहा यदि वे दोषी पाए जाते हैं तो उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

पढ़ें-AAP के 'रोजगार गारंटी यात्रा' पर गोदियाल ने उठाए सवाल, केजरीवाल से पूछा रोड मैप

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. चुनाव से पहले इस तरह भाजपा सरकार पर एक आरोपी अधिकारी को इस तरह घोटाले के गंभीर आरोप लगने के बावजूद जिम्मेदारी दिया जाना बड़े सवाल खड़े करता है. जाहिर तौर पर सरकार पर सवाल भी खड़े करता है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जिस आरोपी अधिकारी के खिलाफ जांच चल रही है उसे ऐसे पद पर बिठाकर न केवल जांच प्रभावित करवाई जा रही है बल्कि भविष्य में ऐसे अधिकारियों को गलत संदेश भी दिया जा रहा है. हालांकि विभागीय मंत्री को यह भी जवाब देना होगा कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी रही जिसके कारण ऐसे अधिकारी को ही इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देनी पड़ी.

Last Updated : Sep 24, 2021, 10:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.