मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में 32 करोड़ से बनी मल्टीलेवल पार्किंग धूल फांक रही है. 29 मार्च 2015 को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 212 कारों की क्षमता वाली मल्टीलेवल कार पार्किंग का शिलान्यास किया था. इस पार्किंग का निर्माण 2 साल में पूरा किया जाना था, मगर लगातार विवादों में घिरी पार्किंग का निर्माण 2021 के अंत तक पूरा हुआ. 20 दिसंबर 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पार्किंग का लोकार्पण किया. उसके बाद सरकार ने पार्किंग को संचालित किए जाने को लेकर नीति बनाई, जो पूरी तरीके से फेल हो गई. जिसका नतीजा आज ये मल्टीलेवल पार्किंग धूल फांक रही है.
उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने एक ठेकेदार को मल्टीलेवल पार्किंग के संचालन का काम दिया, मगर ठेकेदार को इसमें भारी नुकसान हुआ. जिसके बाद ठेकेदार ने पार्किंग का संचालन बीच में ही छोड़ दिया. अब पार्किंग पूरी तरीके से बंद पड़ी हुई है. पार्किंग का फायदा ना तो स्थानीय लोग ले पा रहे हैं और न ही देश-विदेश से यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को इसका लाभ मिल रहा है.
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मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल और सभासद जसवीर कौर ने कहा राज्य सरकार ने मसूरी में जाम के झाम से निपटने के लिए पार्किंग का निर्माण करवाया था, मगर पार्किंग मसूरी के बाहर करीब 2 से 3 किलोमीटर कराई जा रही है. जहां से लोगों को मुख्य शहर में पहुंचने में काफी दिक्कत होती है. ऐसे में पार्किंग से शहर तक आने के लिए सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है. हाल में ही पार्किग का संचालन करने के लिए पर्यटन विभाग ने शटल सेवा पार्किंग से मसूरी शहर तक शटल सेवा शुरू की थी, जो पूरी तरीके से फेल हो गई. उन्होने कहा मसूरी में सरकार ने बिना सोचे समझे ₹32 करोड़ की लागत से पार्किंग का निर्माण करवा दिया, जो सफेद हाथी साबित हो रहा है. स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि मसूरी में 32 करोड़ की लागत से बनी पार्किंग का संचालन करने के र्लिए ठोस नीति बनाई जाये.
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जिलाधिकारी देहरादून सोनिका सिंह ने कहा मसूरी देहरादून मार्ग किक्रेंग पेट्रोल पंप के पास निर्मित पार्किंग के संचालन के लिये प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है. जल्द सभी संबधित विभागों के साथ बैठक कर इसके लिए कार्य योजना बनाई जायेगी.