देहरादूनः देश में एमएसएमई सेक्टर को बढ़ाने के लिए आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने देशभर के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. इस दौरान ग्लोबल एलाइंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप की नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट का विमोचन भी किया गया. उत्तराखंड में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत एमएसएमई की बात करें तो 34,671 पात्रों को 1067 करोड़ रुपये वितरित भी किया जा चुका है. जबकि, आत्मनिर्भर योजना में उत्तराखंड सर्वश्रेष्ठ राज्यों में शुमार है.
दरअसल, आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत एमएसएमई के लिए लागू इमरजेंसी क्रेडिट लाईन गारंटी स्कीम का लाभ पात्र इकाईयों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार एसएलबीसी, बैंकों और औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर कार्य कर रही है. इस योजना में उत्तराखंड राज्य में 34,671 पात्रों के लिए 1835 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है. जबकि, 1067 करोड़ का वितरण किया जा चुका है. वहीं, इस योजना के क्रियान्वयन में उत्तराखंड की परफोरमेंस सर्वश्रेष्ठ राज्यों में है.
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वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए एमएसमई के क्षेत्र में तेजी से कार्य करने होंगे. एमसएमई ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजगार सृजन के साथ ही अर्थव्यवस्था में तेजी से प्रगति की जा सकती है. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है कि हम किन क्षेत्रों में अपनी क्षमता को और मजबूत कर सकते हैं. राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार उनमें कुछ विशेषताएं हैं. एग्रो एमएमई, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट के क्षेत्र में अनेक राज्यों में कार्यों की कई संभावनाएं हैं.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में एमएसमई क्षेत्र में अनेक कार्य किए जा सकते हैं. उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ ही राज्यों में औद्योगिक स्थापना के लिए प्रक्रियाओं के सरलीकरण की ओर ध्यान देने की जरूरत है. कोविड-19 के दृष्टिगत पीपीई किट, सैनिटाइजर और अन्य उपयोगी उत्पादों को एमएसमई के माध्यम से बढ़ावा दिया जा सकता है. लघु, सूक्ष्म और मध्यम क्षेत्र के उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए दूरस्थ क्षेत्रों तक इन गतिविधियों को बढ़ाना जरूरी है.
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वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एमएसएमई देश की अर्थव्यवस्था विशेषकर उत्तराखंड जैसे राज्यों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और आर्थिक विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण है. कोविड-19 से पूरा विश्व प्रभावित हुआ है. व्यापार करने और काम करने के तरीकों में बदलाव आया है. लॉकडाउन में प्रभावित उद्योगों को पुनः संचालित करने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज में एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया गया है. एमएसएमई ही ऐसा क्षेत्र है जहां रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर सृजित किए जा सकते हैं और अर्थव्यवस्था में तेजी लाई जा सकती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए लगातार सुधार कर रहे हैं. सिंगल विंडो सिस्टम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा रहा है. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में उत्तराखंड देश में लगातार उपलब्धि हासिल कर रहा है. कोरोनाकाल में युवाओं और प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है. इस योजना में विनिर्माण और सेवा के साथ ही व्यवसाय और एलाईड एग्रो गतिविधियों को भी शामिल किया गया है.
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उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर भी जिला स्वरोजगार प्रोत्साहन व अनुश्रवण समिति गठित की गई है. ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में उद्यमियों को उद्यम स्थापना के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं में सहयोग, तकनीकी ज्ञान आधारित उद्यमों की स्थापना की जा रही है. साथ ही स्थानीय स्तर पर बिजनेस मॉडल चिह्नित करने, मूल्य संवर्द्धन, पैकेजिंग और विपणन में सहयोग के लिए 2 रूरल बिजनेस स्थापित किए जा रहे हैं. राज्य में निवेश के प्रोत्साहन के लिए सुनियोजित तरीके से काम किया जा रहा है. मेडिकल डिवाईसेस पार्क, फार्मा सिटी, अरोमा पार्क आदि के लिए सिडकुल के माध्यम से काम किया जा रहा है.