देहरादून : उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाए हैं. जिसे देखते हुए राज्य सरकार समय-समय पर पर्यटन के क्षेत्र में कदम बढ़ाती रहती है. इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य सरकार ने साहसिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए यूटीडीबी में साहसिक खेल विंग का भी गठन किया था. जिसके तहत अब प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग गाइड की ट्रेनिंग दी जाएगी. युवाओं को ट्रेनिंग दिलाने को लेकर गुरुवार को यूटीडीबी और निम(Nehru Institute Of Mountaineering) के बीच एमओयू(Memorandum of Understanding) साइन किया गया.
राज्य में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के लिए यूटीडीबी का साहसिक खेल विंग ने एक नई रणनीति तैयार की है. जिससे न सिर्फ स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो पाएगा बल्कि, उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को एक बेहतर पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग गाइड भी मिल पाएगा. इसके लिए उत्तराखंड टूरिज्म विभाग ने ट्रैकिंग ट्रक्शन सेंटर होम स्टे योजना की शुरुआत की है. जिसके तहत 6 जिलों में 13 ट्रैकिंग सेंटर से 73 गांव अधिसूचित किए गए हैं.
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इन युवाओं को ट्रेनिंग दिए जाने के लिए यूटीडीबी और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के बीच एमओयू साइन किया गया है. जिसके तहत नेहरू पर्वतारोहण संस्थान युवाओं को कम और अधिक ऊंचाई पर ट्रैकिंग और पहाड़ चढ़ने समेत राहत एवं बचाव की बारीकियों को सिखाएगा. ऐसे में जो युवा पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग गाइड की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं, उन्हें यूटीडीबी की ओर से 90 फीसदी अनुदान दिया जाएगा. 21 दिन की ट्रेनिंग के बाद युवकों का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा होगा. जिसके बाद इन युवाओं को निम और यूटीडीबी के द्वारा संयुक्त रूप से प्रमाण पत्र दिया जाएगा.
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अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विन पुंडीर ने बताया उत्तराखंड में साहसिक खेलों की अपार संभावना हैं. ऐसे में प्रदेश भर के युवाओं को इससे जोड़कर उन्हें साहसिक खेलों में भविष्य बनाने में मदद की जा रही है. जिसके लिए प्रदेश के युवाओं को पर्वतारोहियों ट्रैकिंग गाइड की ट्रेनिंग दिए जाने को लेकर पर्यटन विभाग और निम के बीच एमओयू साइन किया गया है.
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पुंडीर ने बताया इस योजना के तहत चयन प्रक्रिया भी तय कर दी गई है. जिसके तहत 18 से 35 उम्र के युवाओं को शामिल किया जाएगा. यही नहीं, 6 जिलों में 13 ट्रैकिंग ट्रेक्शन सेंटर के अधिसूचित 73 गांव के इच्छुक उम्मीदवारों को ट्रेनिंग के लिए पहला मौका दिया जाएगा. इसके लिए 25-25 युवाओं का एक बैच तैयार किया जाएगा. ऐसे में अगले दो सालों के भीतर करीब 1000 से 2000 युवाओं को पर्वतारोहण एवं ट्रैकिंग गाइड की ट्रेनिंग दी जाएगी.