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उत्तराखंड के वो चर्चित मामले जिन्होंने देश का ध्यान किया आकर्षित - उत्तराखंड की चर्चित खबरें

साल 2019 उत्तराखंड के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है. जहां, एक ओर राजनीतिक गलियारों में हलचल रही. वहीं, अपराधिक गतिविधियों ने भी देश की जनता का रुख उत्तराखंड की तरफ किया. यहां पर घटित इन मामलों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया.

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प्रदेश के 13 चर्चित मामले
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Published : Dec 28, 2019, 7:03 AM IST

देहरादून: साल 2019 समापन की ओर अग्रसर है. वहीं, साल 2020 के स्वागत की चारों ओर जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं. लेकिन, उत्तराखंड राज्य की बात करें तो साल 2019 काफी हलचल भरा रहा. झारखंड मे हुए विधान सभा चुनाव और उसके परिणाम से ये उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी साल 2020 पुरानी परेशानियों से निजात दिलाएगा और प्रदेश में ही खुशहाली भी लाएगी. आखिर क्या रही मुख्य हलचलें. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

साल 2019 में प्रदेश के चर्चित मामले.
1- लोकसभा चुनाव: इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया. यही नहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भारी मतों से करारी शिकस्त दी. इसके साथ ही इस लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट और तीरथ सिंह रावत पहली बार सांसद चुने गए और माला राज्य लक्ष्मी शाह ने सांसद बनने की हैक्ट्रिक लगाई. लेकिन, वहीं कांग्रेस की बात करें तो इसी लोकसभा चुनाव-2019 में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को मुंह की खानी पड़ी.

2- चारधाम देवस्थानम बोर्ड: उत्तराखंड राज्य सरकार ने विश्व विख्यात उत्तराखंड चारधाम समेत प्रदेश के अन्य 51 मंदिरों को एक बोर्ड के अधीन लाने की मंशा से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है. जिसे कैबिनेट में पास करने के बाद, विधानसभा से भी पास करा लिया गया है. हालांकि, इस विधेयक के कैबिनेट में निर्णय लेने के पश्चात से ही चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूक धारी लगातार चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विरोध जारी है. इतना ही नहीं, विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के अंदर विपक्ष पार्टियां और सदन के बाहर तीर्थपुरोहितों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. ऐसे में अब राज्य सरकार ने तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों को समझाने के साथ ही हर हाल में चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लागू करने का बात दोहरायी है. यही नहीं, चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सहायता के लिए 10 करोड़ रुपये का भी अनुपूरक बजट में प्रावधान भी किया गया है. देखना यह होगा कि क्या सरकार इसे रोल बैक करेगी या नहीं.

3- महंगाई की मार: साल 2019 में महंगाई का मुद्दा विपक्ष ने जमकर भुनाया. इस साल हुए बजट सत्र और शीतकाल सत्र के दौरान भी सदन से लेकर सदन के बाहर तक लगातार महंगाई का मुद्दा चारों ओर गूंजता रहा. वहीं पिछले महीने से प्याज के दामों में आई उछाल के बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. यही नहीं, इसी महीने हुई शीतकाल सत्र के दौरान ना सिर्फ सदन के बाहर महंगाई के मुद्दों को लेकर विपक्ष ने प्रदर्शन किया बल्कि सदन के भीतर विपक्ष पार्टी ने बेल में उतरकर सरकार का ध्यान लोक समस्या की ओर आकर्षित किया.

पढ़ें- देवभूमि में तेजी से पैर फैला रहा CYBER CRIME, जानें 2019 के आंकड़े

4- वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत का निधन: उत्तराखंड भाजपा ने प्रदेश के कद्दावर और वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत को इसी साल खो दिया. प्रकाश पंत ना सिर्फ भाजपा के लिए क्षति है बल्कि उत्तराखंड राज्य के लिए भी एक बड़ी क्षति है. गौर हो कि लंबे समय से बीमार चल रहे प्रकाश पंत का इलाज के दौरान 5 जून को निधन हो गया था. जिसके बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर स्व. प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत ने उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनी. नवनिर्वाचित विधायक चंद्रा पंत ने दोहराया कि वो अपने पति यानि प्रकाश पंत के अधूरे सपने को साकार करेगी.

5- रोहित शेखर तिवारी की हत्या: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्व. एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तिवारी की 15 अप्रैल को दिल्ली स्थित आवास पर बड़े निर्मम तरीके से गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. जांच के बाद रोहित शेखर के हत्या के आरोप में स्व. रोहित शेखर की पत्नी अपूर्वा को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, अभी मामला कोर्ट मे लंबित है.

6- पिथौरागढ़ शिक्षक-पुस्तक आंदोलन: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित लक्ष्मण सिंह महर महाविद्यालय के छात्रों ने 17 जून से शिक्षक और पुस्तक को लेकर आंदोलन शुरू किया. इस महाविद्यालय के छात्र 90 के दशक की पुरानी किताबों को पढ़ने के लिए मजबूर थे. यही नहीं, 90 के दशक से कॉलेज की लाइब्रेरी में नई किताबें अपना स्थान नहीं बना सकी है. यही नहीं, 40 अध्यापकों के पद भी रिक्त चल रहे हैं. जिस वजह से छात्रों में 17 जून से शिक्षक-पुस्तक आंदोलन शुरू किया था. 38 दिनों के बाद छात्रों की मांगे माने जाने के बाद छात्रों के शिक्षक-पुस्तक आंदोलन को स्थगित किया था. उम्मीद यह जताई जा रही है कि यह आंदोलन अन्य छात्रों के लिए नजीर बनेगी.

पढ़ें- 2019: उत्तराखंड का राजनीतिक सफरनामा, BJP अर्श और कांग्रेस फर्श पर

7- कांजी हाउस मामला: देहरादून स्थित कांजी हाउस में करीब 100 से अधिक मवेशियों के मरने की खबर ईटीवी भारत पर प्रमुखता से चलाई गई थी. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार और देहरादून नगर निगम से ईटीवी भारत की खबर को प्रमुखता से उठते हुए ना सिर्फ कांजी को शिफ्ट कराया गया, बल्कि मवेशियों की मौत के मामले में जांच के भी आदेश दिए.

8- राखी को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले की देव कुंडई गांव की निवासी राखी ने अपने चार साल के भाई राघव को 4 अक्टूबर 2019 को गुलदार के हमले से बचाया था. वहीं, राखी खुद घायल हो गयी थी. जिसके बाद राखी का इलाज दिल्ली में कराया गया था. तो वहीं राखी के अदम्य साहस को देखते हुए उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने राखी का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के चयन के लिए भेजा है. यही नहीं, राखी देश के तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात करेगी.

9- पंचायत चुनाव: प्रदेश में संपन्न हुई पंचायत चुनाव में भाजपा का वर्चस्व देखने को मिला. यही नहीं, इस साल हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद खाली पड़े तमाम पदों पर इस महीने उपचुनाव सम्पन्न हुआ. हालांकि, इस पंचायत चुनाव में 47,700 पदों पर प्रत्याशी निर्दलीय चुने गए है बाकी पदों पर प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं. यही नहीं, अभी भी ग्राम प्रधान के 126, क्षेत्र पंचायत के 21 और जिला पंचायत सदस्य के 1 पद अभी भी रिक्त है.

10- ऋषिकेश लक्ष्मण झूला पुल: तीर्थनगरी ऋषिकेश स्थित लक्ष्मण झूला पुल की आयु सीमा पूरी होने के बाद राज्य सरकार ने इसी साल लक्ष्मण झूला पर आवाजाही पूरी तरीके से बंद कर दिया, जिसके बाद अब ऐसे में लक्ष्मण झूला के बाद रामझूला पर आवाजाही अधिक हो गई. लिहाजा राम झूला पुल पर पड़ रहे अत्यधिक दबाव से भी राम झूला पर खतरा मंडराने लगा. जिसके बाद राम झूला पल पर दोपहिया वाहनों को प्रतिबंध लगाने और सीमित संख्या में पैदल यात्रियों को ही भेजा जा रहा है. जिससे ऋषिकेश आने वाले तमाम यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. और जल्द ही ऋषिकेश में करीब 30 करोड़ की लागत से बन रहा झूला पुल देखने को लोगों को देखने और आवागमन के लिए मिलेगा.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड क्रिकेट के लिए बेहतर रहा 2019, मिली कई बड़ी सौगातें

11- पथरिया पीर जहरीली शराब कांड: राजधानी देहरादून के पथरिया पीर में बीते महीने हुई जहरीली शराब कांड में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद ना सिर्फ देहरादून बल्कि पूरे उत्तराखंड में सनसनी फैल गई थी. लिहाजा आनन-फानन में सक्रिय हुई पुलिस प्रशासन ने खुलेआम शराब बेचने वालों पर शिकंजा कसते हुए धरपकड़ शुरू कर दी थी. पथरिया पीर क्षेत्र में सक्रिय शराब माफियाओं को जेल भेज दिया गया, जो आज भी जेल में है.

12- टिहरी नाबालिग बच्ची से रेप: उत्तराखंड के टिहरी जिले के नैनबाग क्षेत्र में मई महीने में दिल दहला देने वाला घटना सामने आया था, जिसमें एक दुकानदार ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. लिहाजा मामला परिजनों के संज्ञान में आने के चंद घंटे बाद ही पुलिस ने मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कर लिया था. इसके बाद ही आरोपी की धरपकड़ में जुट गई थी. और कुछ समय बाद आरोपी को पकड़ लिया गया.

13- उत्तराखंड क्रिकेट को सौगात: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही लगातार उत्तराखंड क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता लेने को लेकर कसरत की जा रही थी. बावजूद इसके कई कारणों के चलते मान्यता नहीं मिल पा रही थी. लेकिन, 13 अगस्त 2019 को आखिरकार क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई से स्थाई मान्यता मिल गई. जिससे ना सिर्फ उत्तराखंड क्रिकेट को बढ़ावा मिला बल्कि बीसीसीआई से ये मान्यता मिली. खिलाड़ियों के लिए भी एक बड़ी सौगात साबित हुई है. यही नहीं, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद ही सीएयू के सचिव रहे महीम वर्मा, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष चुने गए.

14- ममता भी हुई तार-तार: हरिद्वार मे एक मां ने अपनी दुधमुही बच्ची को स्वयं ही गंग नहर मे फेंक दिया क्योंकि बच्चे की वजह से वो सो नहीं पा रही थी. वहीं, स्कूल जाती बच्ची ने अपने भाई को ही नहर में फेक दिया वजह थी कि उसके माता पिता ने उसे स्कूल से वंचित कर दिया था ताकि वो अपने भाई की देखभाल कर सके.

इस तरह से साल 2019 मिला जुला रहा, कहीं राजनीतिक गलियारों में हलचल रही तो कहीं उत्तराखंड की राजनीति ने देश की पटल पर अपनी छाप छोड़ी. वहीं, ये साल अपराधिक घटनाओं के मामले में भी पीछे न रहा.

देहरादून: साल 2019 समापन की ओर अग्रसर है. वहीं, साल 2020 के स्वागत की चारों ओर जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं. लेकिन, उत्तराखंड राज्य की बात करें तो साल 2019 काफी हलचल भरा रहा. झारखंड मे हुए विधान सभा चुनाव और उसके परिणाम से ये उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी साल 2020 पुरानी परेशानियों से निजात दिलाएगा और प्रदेश में ही खुशहाली भी लाएगी. आखिर क्या रही मुख्य हलचलें. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

साल 2019 में प्रदेश के चर्चित मामले.
1- लोकसभा चुनाव: इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया. यही नहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भारी मतों से करारी शिकस्त दी. इसके साथ ही इस लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट और तीरथ सिंह रावत पहली बार सांसद चुने गए और माला राज्य लक्ष्मी शाह ने सांसद बनने की हैक्ट्रिक लगाई. लेकिन, वहीं कांग्रेस की बात करें तो इसी लोकसभा चुनाव-2019 में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को मुंह की खानी पड़ी.

2- चारधाम देवस्थानम बोर्ड: उत्तराखंड राज्य सरकार ने विश्व विख्यात उत्तराखंड चारधाम समेत प्रदेश के अन्य 51 मंदिरों को एक बोर्ड के अधीन लाने की मंशा से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है. जिसे कैबिनेट में पास करने के बाद, विधानसभा से भी पास करा लिया गया है. हालांकि, इस विधेयक के कैबिनेट में निर्णय लेने के पश्चात से ही चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूक धारी लगातार चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विरोध जारी है. इतना ही नहीं, विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के अंदर विपक्ष पार्टियां और सदन के बाहर तीर्थपुरोहितों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. ऐसे में अब राज्य सरकार ने तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों को समझाने के साथ ही हर हाल में चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लागू करने का बात दोहरायी है. यही नहीं, चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सहायता के लिए 10 करोड़ रुपये का भी अनुपूरक बजट में प्रावधान भी किया गया है. देखना यह होगा कि क्या सरकार इसे रोल बैक करेगी या नहीं.

3- महंगाई की मार: साल 2019 में महंगाई का मुद्दा विपक्ष ने जमकर भुनाया. इस साल हुए बजट सत्र और शीतकाल सत्र के दौरान भी सदन से लेकर सदन के बाहर तक लगातार महंगाई का मुद्दा चारों ओर गूंजता रहा. वहीं पिछले महीने से प्याज के दामों में आई उछाल के बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. यही नहीं, इसी महीने हुई शीतकाल सत्र के दौरान ना सिर्फ सदन के बाहर महंगाई के मुद्दों को लेकर विपक्ष ने प्रदर्शन किया बल्कि सदन के भीतर विपक्ष पार्टी ने बेल में उतरकर सरकार का ध्यान लोक समस्या की ओर आकर्षित किया.

पढ़ें- देवभूमि में तेजी से पैर फैला रहा CYBER CRIME, जानें 2019 के आंकड़े

4- वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत का निधन: उत्तराखंड भाजपा ने प्रदेश के कद्दावर और वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत को इसी साल खो दिया. प्रकाश पंत ना सिर्फ भाजपा के लिए क्षति है बल्कि उत्तराखंड राज्य के लिए भी एक बड़ी क्षति है. गौर हो कि लंबे समय से बीमार चल रहे प्रकाश पंत का इलाज के दौरान 5 जून को निधन हो गया था. जिसके बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर स्व. प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत ने उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनी. नवनिर्वाचित विधायक चंद्रा पंत ने दोहराया कि वो अपने पति यानि प्रकाश पंत के अधूरे सपने को साकार करेगी.

5- रोहित शेखर तिवारी की हत्या: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्व. एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तिवारी की 15 अप्रैल को दिल्ली स्थित आवास पर बड़े निर्मम तरीके से गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. जांच के बाद रोहित शेखर के हत्या के आरोप में स्व. रोहित शेखर की पत्नी अपूर्वा को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, अभी मामला कोर्ट मे लंबित है.

6- पिथौरागढ़ शिक्षक-पुस्तक आंदोलन: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित लक्ष्मण सिंह महर महाविद्यालय के छात्रों ने 17 जून से शिक्षक और पुस्तक को लेकर आंदोलन शुरू किया. इस महाविद्यालय के छात्र 90 के दशक की पुरानी किताबों को पढ़ने के लिए मजबूर थे. यही नहीं, 90 के दशक से कॉलेज की लाइब्रेरी में नई किताबें अपना स्थान नहीं बना सकी है. यही नहीं, 40 अध्यापकों के पद भी रिक्त चल रहे हैं. जिस वजह से छात्रों में 17 जून से शिक्षक-पुस्तक आंदोलन शुरू किया था. 38 दिनों के बाद छात्रों की मांगे माने जाने के बाद छात्रों के शिक्षक-पुस्तक आंदोलन को स्थगित किया था. उम्मीद यह जताई जा रही है कि यह आंदोलन अन्य छात्रों के लिए नजीर बनेगी.

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7- कांजी हाउस मामला: देहरादून स्थित कांजी हाउस में करीब 100 से अधिक मवेशियों के मरने की खबर ईटीवी भारत पर प्रमुखता से चलाई गई थी. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार और देहरादून नगर निगम से ईटीवी भारत की खबर को प्रमुखता से उठते हुए ना सिर्फ कांजी को शिफ्ट कराया गया, बल्कि मवेशियों की मौत के मामले में जांच के भी आदेश दिए.

8- राखी को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले की देव कुंडई गांव की निवासी राखी ने अपने चार साल के भाई राघव को 4 अक्टूबर 2019 को गुलदार के हमले से बचाया था. वहीं, राखी खुद घायल हो गयी थी. जिसके बाद राखी का इलाज दिल्ली में कराया गया था. तो वहीं राखी के अदम्य साहस को देखते हुए उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने राखी का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के चयन के लिए भेजा है. यही नहीं, राखी देश के तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात करेगी.

9- पंचायत चुनाव: प्रदेश में संपन्न हुई पंचायत चुनाव में भाजपा का वर्चस्व देखने को मिला. यही नहीं, इस साल हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद खाली पड़े तमाम पदों पर इस महीने उपचुनाव सम्पन्न हुआ. हालांकि, इस पंचायत चुनाव में 47,700 पदों पर प्रत्याशी निर्दलीय चुने गए है बाकी पदों पर प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं. यही नहीं, अभी भी ग्राम प्रधान के 126, क्षेत्र पंचायत के 21 और जिला पंचायत सदस्य के 1 पद अभी भी रिक्त है.

10- ऋषिकेश लक्ष्मण झूला पुल: तीर्थनगरी ऋषिकेश स्थित लक्ष्मण झूला पुल की आयु सीमा पूरी होने के बाद राज्य सरकार ने इसी साल लक्ष्मण झूला पर आवाजाही पूरी तरीके से बंद कर दिया, जिसके बाद अब ऐसे में लक्ष्मण झूला के बाद रामझूला पर आवाजाही अधिक हो गई. लिहाजा राम झूला पुल पर पड़ रहे अत्यधिक दबाव से भी राम झूला पर खतरा मंडराने लगा. जिसके बाद राम झूला पल पर दोपहिया वाहनों को प्रतिबंध लगाने और सीमित संख्या में पैदल यात्रियों को ही भेजा जा रहा है. जिससे ऋषिकेश आने वाले तमाम यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. और जल्द ही ऋषिकेश में करीब 30 करोड़ की लागत से बन रहा झूला पुल देखने को लोगों को देखने और आवागमन के लिए मिलेगा.

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11- पथरिया पीर जहरीली शराब कांड: राजधानी देहरादून के पथरिया पीर में बीते महीने हुई जहरीली शराब कांड में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद ना सिर्फ देहरादून बल्कि पूरे उत्तराखंड में सनसनी फैल गई थी. लिहाजा आनन-फानन में सक्रिय हुई पुलिस प्रशासन ने खुलेआम शराब बेचने वालों पर शिकंजा कसते हुए धरपकड़ शुरू कर दी थी. पथरिया पीर क्षेत्र में सक्रिय शराब माफियाओं को जेल भेज दिया गया, जो आज भी जेल में है.

12- टिहरी नाबालिग बच्ची से रेप: उत्तराखंड के टिहरी जिले के नैनबाग क्षेत्र में मई महीने में दिल दहला देने वाला घटना सामने आया था, जिसमें एक दुकानदार ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. लिहाजा मामला परिजनों के संज्ञान में आने के चंद घंटे बाद ही पुलिस ने मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कर लिया था. इसके बाद ही आरोपी की धरपकड़ में जुट गई थी. और कुछ समय बाद आरोपी को पकड़ लिया गया.

13- उत्तराखंड क्रिकेट को सौगात: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही लगातार उत्तराखंड क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता लेने को लेकर कसरत की जा रही थी. बावजूद इसके कई कारणों के चलते मान्यता नहीं मिल पा रही थी. लेकिन, 13 अगस्त 2019 को आखिरकार क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई से स्थाई मान्यता मिल गई. जिससे ना सिर्फ उत्तराखंड क्रिकेट को बढ़ावा मिला बल्कि बीसीसीआई से ये मान्यता मिली. खिलाड़ियों के लिए भी एक बड़ी सौगात साबित हुई है. यही नहीं, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद ही सीएयू के सचिव रहे महीम वर्मा, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष चुने गए.

14- ममता भी हुई तार-तार: हरिद्वार मे एक मां ने अपनी दुधमुही बच्ची को स्वयं ही गंग नहर मे फेंक दिया क्योंकि बच्चे की वजह से वो सो नहीं पा रही थी. वहीं, स्कूल जाती बच्ची ने अपने भाई को ही नहर में फेक दिया वजह थी कि उसके माता पिता ने उसे स्कूल से वंचित कर दिया था ताकि वो अपने भाई की देखभाल कर सके.

इस तरह से साल 2019 मिला जुला रहा, कहीं राजनीतिक गलियारों में हलचल रही तो कहीं उत्तराखंड की राजनीति ने देश की पटल पर अपनी छाप छोड़ी. वहीं, ये साल अपराधिक घटनाओं के मामले में भी पीछे न रहा.

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साल 2019 में घटित हुए प्रदेश के 13 चर्चित मामले, जिन्होंने देश का ध्यान किया आकर्षित





साल 2019 उत्तराखंड के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है. जहां, एक ओर राजनीतिक गलियारों में हलचल रही. वहीं, अपराधिक गतिविधियों ने भी देश की जनता का रुख उत्तराखंड की तरफ किया. यहां पर घटित 13 मामलों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया.





देहरादून: साल 2019 समापन की ओर अग्रसर है. वहीं, साल 2020 के स्वागत की चारों ओर जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं. लेकिन, उत्तराखंड राज्य की बात करें तो साल 2019 काफी हलचल भरा रहा. झारखंड मे हुए विधान सभा चुनाव और उसके परिणाम से ये उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी साल 2020 पुरानी परेशानियों से निजात दिलाएगा और प्रदेश में ही खुशहाली भी लाएगी. आखिर क्या रही मुख्य हलचलें. देखिए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...



लोकसभा चुनाव

इस साल हुए लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा ने अपना परचम लहराया. यही नहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस को भारी मतों से करारी शिकस्त दी. इसके साथ ही इस लोकसभा चुनाव में अजय भट्ट और तीरथ सिंह रावत पहली बार सांसद चुने गए और माला राज्य लक्ष्मी शाह ने सांसद बनने की हैक्ट्रिक लगाई. लेकिन, वहीं कांग्रेस की बात करें तो इसी लोकसभा चुनाव-2019 में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को मुंह की खानी पडी.



चारधाम देवस्थानम बोर्ड

उत्तराखंड राज्य सरकार ने विश्व विख्यात उत्तराखंड चारधाम समेत प्रदेश के अन्य 51 मंदिरों को एक बोर्ड के अधीन लाने की मंशा से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया है. जिसे कैबिनेट में पास करने के बाद, विधानसभा से भी पास करा लिया गया है. हालांकि, इस विधेयक के कैबिनेट में निर्णय लेने के पश्चात से ही चारधाम के तीर्थ पुरोहित और हक-हकूक धारी लगातार चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विरोध जारी है. इतना ही नहीं, विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सदन के अंदर विपक्ष पार्टियां और सदन के बाहर तीर्थपुरोहितों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. ऐसे में अब राज्य सरकार ने तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों को समझाने के साथ ही हर हाल में चारधाम देवस्थानम बोर्ड को लागू करने का बात दोहरायी है. यही नहीं, चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सहायता के लिए 10 करोड़ रुपये का भी अनुपूरक बजट में प्रावधान भी किया गया है. देखना यह होगा कि क्या सरकार इसे रोल बैक करेगी या नहीं



महंगाई की मार

साल 2019 में महंगाई का मुद्दा विपक्ष ने जमकर भुनाया. इस साल हुए बजट सत्र और शीतकाल सत्र के दौरान भी सदन से लेकर सदन के बाहर तक लगातार महंगाई का मुद्दा चारों ओर गूंजता रहा. तो वहीं पिछले महीने से प्याज के दामों में आई उछाल के बाद तमाम विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. यही नहीं, इसी महीने हुई शीतकाल सत्र के दौरान ना सिर्फ सदन के बाहर महंगाई के मुद्दों को लेकर विपक्ष ने प्रदर्शन किया बल्कि सदन के भीतर विपक्ष पार्टी ने बेल में उतरकर सरकार का ध्यान लोक समस्या की ओर आकर्षित किया.



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वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत का निधन

उत्तराखंड भाजपा ने प्रदेश के कद्दावर और वित्त मंत्री स्व. प्रकाश पंत को इसी साल खो दिया. प्रकाश पंत ना सिर्फ भाजपा के लिए क्षति है बल्कि उत्तराखंड राज्य के लिए भी एक बड़ी क्षति है. गौर हो कि लंबे समय से बीमार चल रहे प्रकाश पंत का इलाज के दौरान 5 जून को निधन हो गया था. जिसके बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर स्व. प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत ने उपचुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनी. नवनिर्वाचित विधायक चंद्रा पंत ने दोहराया कि वो अपने पति यानि प्रकाश पंत के अधूरे सपने को साकार करेगी.



रोहित शेखर तिवारी की हत्या

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्व. एनडी तिवारी के पुत्र रोहित शेखर तिवारी की 15 अप्रैल को दिल्ली स्थित आवास पर बड़े निर्दयी तरीके से गला दबाकर हत्या कर दी गई थी. जांच के बाद रोहित शेखर के हत्या के आरोप में स्व. रोहित शेखर की पत्नी अपूर्वा को गिरफ्तार किया गया. हालांकि, अब मामला कोर्ट मे लंबित है.



पिथौरागढ़ शिक्षक-पुस्तक आंदोलन

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में स्थित लक्ष्मण सिंह महर महाविद्यालय के छात्रों ने 17 जून से शिक्षक और पुस्तक को लेकर आंदोलन शुरू किया. इस महाविद्यालय के छात्र 90 के दशक की पुरानी किताबों को पढ़ने के लिए मजबूर थे. यही नहीं, 90 के दशक से कॉलेज की लाइब्रेरी में नई किताबें अपना स्थान नहीं बना सकी है. यही नहीं, 40 अध्यापकों के पद भी रिक्त चल रहे हैं. जिस वजह से छात्रों में 17 जून से शिक्षक-पुस्तक आंदोलन शुरू किया था. 38 दिनों के बाद छात्रों की मांगे माने जाने के बाद छात्रों के शिक्षक-पुस्तक आंदोलन को स्थगित किया था. उम्मीद यह जताई जा रही है कि यह आंदोलन अन्य छात्रों के लिए नजीर बनेगी.



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कांजी हाउस मामला

देहरादून स्थित कांजी हाउस में करीब 100 से अधिक मवेशियों के मरने की खबर ईटीवी भारत पर प्रमुखता से चलाई गई थी. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार और देहरादून नगर निगम से ईटीवी भारत की खबर को प्रमुखता से उठते हुए ना सिर्फ कांजी को शिफ्ट कराया गया, बल्कि मवेशियों के मरने के मामले में जांच के भी आदेश दिए.



राखी को मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार

उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले की देव कुंडई गांव की निवासी राखी ने अपने चार साल के भाई राघव को 4 अक्टूबर 2019 को गुलदार के हमले से बचाया था. वहीं, राखी खुद घायल हो गयी थी. जिसके बाद राखी का इलाज दिल्ली में कराया गया था. तो वहीं राखी के अदम्य साहस को देखते हुए उत्तराखंड राज्य बाल कल्याण परिषद ने राखी का नाम राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के चयन के लिए भेजा है. यही नहीं, राखी देश के तीनों सेना प्रमुखों से मुलाकात करेगी.



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पंचायत चुनाव

प्रदेश में संपन्न हुई पंचायत चुनाव में भाजपा का वर्चस्व देखने को मिला. यही नहीं, इस साल हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद खाली पड़े तमाम पदों पर इस महीने उपचुनाव सम्पन्न हुआ. हालांकि इस पंचायत चुनाव में 47,700 पदों पर प्रत्याशी निर्दलीय चुने गए है बाकी पदों पर प्रत्याशी निर्विरोध चुने गए हैं. यही नहीं, अभी भी ग्राम प्रधान के 126, क्षेत्र पंचायत के 21 और जिला पंचायत सदस्य के 1 पद अभी भी रिक्त हैं.



ऋषिकेश लक्ष्मण झूला पुल

ऋषिकेश स्थित लक्ष्मण झूला पुल की आयु सीमा पूरी होने के बाद राज्य सरकार ने इसी साल लक्ष्मण झूला पर आवाजाही पूरी तरीके से बंद कर दिया, जिसके बाद अब ऐसे में लक्ष्मण झूला के बाद रामझूला पर आवाजाही अधिक हो गई. लिहाजा राम झूला पुल पर पड़ रहे अत्यधिक दबाव से भी राम झूला पर खतरा मंडराने लगा. जिसके बाद राम झूला पल पर दोपहिया वाहनों को प्रतिबंध लगाने और सीमित संख्या में पैदल यात्रियों को ही भेजा जा रहा है. जिससे ऋषिकेश आने वाले तमाम यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. और जल्द ही ऋषिकेश में करीब 30 करोड़ की लागत से बन रहा झूला पुल देखने को लोगों को देखने और आवागमन के लिए मिलेगा.



जहरीली शराब कांड से 7 लोगों की मौत

राजधानी देहरादून के पथरिया पीर में बीते महीने हुई जहरीली शराब कांड में जहरीली शराब के सेवन से सात लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद ना सिर्फ देहरादून बल्कि पूरे उत्तराखंड में सनसनी फैल गई थी. लिहाजा आनन-फानन में सक्रिय हुई पुलिस प्रशासन ने खुलेआम शराब बेचने वालों पर शिकंजा कसते हुए धरपकड़ शुरू कर दी थी. पथरिया पीर क्षेत्र में सक्रिय शराब माफियाओं को जेल भेज दिया गया, जो आज भी जेल में है.



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नाबालिग बच्ची से रेप का मामला

उत्तराखंड के टिहरी जिले के नैनबाग क्षेत्र में मई महीने में दिल दहला देने वाला घटना सामने आया था, जिसमें एक दुकानदार ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए 9 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था. लिहाजा मामला परिजनों के संज्ञान में आने के चंद घंटे बाद ही पुलिस ने मजिस्ट्रेटी बयान दर्ज कर लिया था. इसके बाद ही आरोपी की धरपकड़ में जुट गई थी. और कुछ समय बाद आरोपी को पकड़ लिया गया.



उत्तराखंड क्रिकेट को सौगात

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही लगातार उत्तराखंड क्रिकेट को बीसीसीआई से मान्यता लेने को लेकर कसरत की जा रही थी. बावजूद इसके कई कारणों के चलते मान्यता नहीं मिल पा रही थी. लेकिन, 13 अगस्त 2019 को आखिरकार क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई से स्थाई मान्यता मिल गई. जिससे ना सिर्फ उत्तराखंड क्रिकेट को बढ़ावा मिला बल्कि बीसीसीआई से ये मान्यता मिली. खिलाड़ियों के लिए भी एक बड़ी सौगात साबित हुई है. यही नहीं, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड को बीसीसीआई से मान्यता मिलने के बाद ही सीएयू के सचिव रहे महीम वर्मा, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष चुने गए.



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ममता भी हुई तार-तार



हरिद्वार मे एक मां ने अपनी दुधमुही बच्ची को स्वयं ही गंग नहर मे फेंक दिया क्योंकि बच्चे की वजह से वो सो नहीं पा रही थी. वहीं, स्कूल जाती बच्ची ने अपने भाई को ही नहर में फेक दिया वजह थी कि उसके माता पिता ने उसे स्कूल से वंचित कर दिया था ताकि वो अपने भाई की देखभाल कर सके.



इस तरह से साल 2019 मिला जुला रहा, कहीं राजनीतिक गलियारों में हलचल रही तो कहीं उत्तराखंड की राजनीति ने देश की पटल पर अपनी छाप छोड़ी. वहीं, ये साल अपराधिक घटनाओं के मामले में भी पीछे न रहा.


Conclusion:
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